पर्सनलाइज्ड कंटेंट, डेली न्यूजलैटरससाइन अप

भंगड़ा सिर्फ डांस नहीं, कार्डियो एक्सरसाइज भी है, यहां जानिए तन और मन के लिए इसके 7 फायदे

भंगड़ा पंजाब की ट्रडिशनल डांस फॉर्म है। इस फुल बॉडी मूवमेंट डांस में फुटवर्क सबसे अहम है। खुशी का कोई भी मौका भंगड़े के बिना अधूरा लगता है। ढ़ोल की बीट्स पर किए जाने वाले भंगड़े से शरीर में लचीलापन और मोबिलिटी बढ़ने लगती है।
भांगड़ा में फुटवर्क और आर्म मूवमेंट व कॉर्डिनेशन से शरीर में संतुलन और तीव्रता बनी रहती है।चित्र : अडॉबीस्टॉक
Updated On: 13 Jan 2025, 07:04 pm IST

ढ़ोल पर थिरकते ही मस्ती और उत्साह पूरे चरम पर होता है और जब बात लोहड़ी की हो, तो ढ़ोल की बीट पर भंगड़ा करके लोग खुद को मस्ती के रंग में रंग लेते हैं। इस ट्रडिशनल डांस फॉर्म से न केवन शरीर फिट रहता है बल्कि इससे शरीर को कई अन्य फायदे भी मिलते है। सर्दी के मौसम में अक्सर लोग जहां आलस से घिर जाते हैं। वहीं भंगड़ा शरीर में एनर्जी के स्तर को बढ़ाने का एक बेहतरीन विकल्प है। पंजाब के इस लोक नृत्य में एनर्जेटिक मूवमेंट और क्विक फुटवर्क के चलते लोग इसे बखूबी पसंद करते है। जानते हैं भंगड़ा किस तरह से हैं स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद।

भंगड़ा क्यों है इतना खास

भंगड़ा पंजाब की ट्रडिशनल डांस फॉर्म है। इस फुल बॉडी मूवमेंट डांस में फुटवर्क सबसे अहम है। खुशी का कोई भी मौका भंगड़े के बिना अधूरा लगता है। ढ़ोल की बीट्स पर किए जाने वाले भंगड़े से शरीर में लचीलापन और मोबिलिटी बढ़ने लगती है। इससे वेटलॉस में मदद मिलती है और हृदय स्वास्थ्य भी उचित बना रहता है। भंगड़ा अरेना के फाउंडर और कोच परमिंदर सिंह बताते हैं कि भंगड़ा एक फुल बॉडी वर्कआउट है। इससे न केवल स्टेमिना बूस्ट होता है बल्कि वेटलॉस में भी मदद करती है। शरीर की क्षमता के अनुसार इसका अभ्यास करने से शरीर दिनभर एक्टिव और हेल्दी रहता है।

ढ़ोल की बीट्स पर किए जाने वाले भंगड़े से शरीर में लचीलापन और मोबिलिटी बढ़ने लगती है। इससे वेटलॉस में मदद मिलती है चित्र : अडॉबीस्टॉक

जानें भंगड़ा से शरीर को मिलने वाले फायदे

1. शरीर में एनर्जी के लेवल को बढ़ाएं

ठंड के दिनों में अक्सर शरीर में थकान और कमज़ोरी बढ़ने लगती है। ऐसे में शरीर को एक्टिव रखने के लिए भंगड़ा एक बेहतरीन उपाय है। इससे शरीर की अपर और लोअर बॉडी में हर स्टेप के बाद खि्ांंचाव महसूस होता है, जो हाई इंटेसिटी वर्कआउट के सामन पूरे शरीर में एनर्जी को बनाए रखता है। सप्ताह में 3 बार 30 मिनट भंगड़ा शरीर के लिए फायदेमंद साबित होता है।

2. मेंटल हेल्थ को करें बूस्ट

नियमित रूप से भंगड़ा करने से शरीर में एकाग्रता बढ़ने लगती है और तनाव कम हो जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार इस लोकनृत्य का अभ्यास करने से शरीर में सेरोटिनिन और एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज़ होने लगता हैं, जिससे तनाव और डिप्रेशन के लक्षणों से राहत मिलती है। साथ ही अनिद्रा की समस्यास से जूझ रहे लोगों के लिए भी फायदेमंद है। रोज़ाना इसका अभ्यास करने से मानसिक स्वास्थ्य उचित बना रहता है।

3. शरीर के संतुलन को बढ़ाए

भांगड़ा में फुटवर्क और आर्म मूवमेंट व कॉर्डिनेशन से शरीर में संतुलन और तीव्रता बनी रहती है। इससे शरीर के पोश्चर में बदलाव आने लगता है और उठने बैठने में होने वाली तकलीफ से बचा जा सकता है। इसके अलावा कार्यक्षमता में भी सुधार आने लगता है। वे लोग जो नियमित रूप से इसका अभ्यास करते है, उनकी बॉडी बैलेंसिग बनी रहती है और हेल्दी वेट मेंटेन रहता है।

वे लोग जो नियमित रूप से इसका अभ्यास करते है, उनकी बॉडी बैलेंसिग बनी रहती है और हेल्दी वेट मेंटेन रहता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

4. वेटलॉस में करे मदद

इस हाई इंटेसिटी कार्डियो वर्कआउट को 60 मिनट तक करने से शरीर में 500 से 600 कैलेरीज़ बर्न होने लगती हैं। इससे बाजूओं, ग्लूट्स और कधों के मसल्स को मज़बूती मिलती है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से शरीर में रक्त का प्रवाह बना रहता है और कैलोरीज़ स्टोरेज से बचा जा सकता है।

5. हृदय रोगों के खतरे को करे कम

डेली रूटीन में भंगड़ा को शामिल करने से हाईपरटेंशन की समस्या हल हो जाती है। बीसी चिल्डर्न हास्पिटल रिसर्च सेंटर के अनुसार पारंपरिक लोक नृत्य भंगड़ा हृदय को तेजी से धड़कने और फेफड़ों में ऑक्सीजन प्रवाहित करने के लिए एक बेहतरीन कार्डियो वर्कआउट है। एक सेशन में 500 कैलोरी तक जलाने में मदद मिलती है। इससे शरीर में वसा की मात्रा उचित बनी रहती है और आर्टरीज़ में जमने वाले प्लाक से राहत मिलती है।

डेली रूटीन में भंगड़ा को शामिल करने से हाईपरटेंशन की समस्या हल हो जाती है। चित्र अडोबी स्टॉक

6. पाचनतंत्र की बढ़ेगी मज़बूती

वे लोग जो ब्लोटिंग, अपच और पेट दर्द से परेशान रहते है। उन्हें भंगड़ा का अभ्यास काने से फायदा मिलता है। इससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और एपिटाइट बूस्ट होता है। इससे शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण भी बढ़ने लगता है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है।

7. बढ़ेगा त्वचा का निखार

फेशियल एक्सप्रेशन भंगड़े की जान होते हैं। ऐसे में बीट के साथ एक्सप्रेशन में बदलाव आने से चेहरे की इलास्टीसिटी बढ़ने लगती है और फाइन लाइंस की समस्या हल हो जाती है। नियंमित रूप से इसका अभ्यास करने से स्किन सेल्स बूस्ट होते हैं और एजिंग को स्लो करने में मदद मिलती हैं। इससे त्वचा को ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है, जिससे कोलेजन की मात्रा बढ़ने लगती है।

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

बीएमआई चेक करें

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

अगला लेख