दुनिया भर में फ़िटनेस के लिए रनिंग लाखों लोगों की पहली पसंद है। भारत भी इस रेस में पीछे नहीं है। मगर कई बार रनिंग आपको सूट नहीं करती और आप खुद को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा लेते हैं।
मुंबई के कॉन्टिनम स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपी एंड रिहैब सेन्टर की फाउंडर डॉ कृति खेमाणि बताती हैं क्यों यह कार्डियो वर्कऑउट आपको मनचाहे रिजल्ट नहीं दे रहा।
डॉ खेमाणि बताती हैं, “रनिंग में कोर मसल्स का स्ट्रांग होना जरूरी है। डीप एब्डॉमिनल, पेल्विक फ्लोर, ग्लूट्स और हिप मसल्स रनिंग के वक्त काम करती हैं। और महिलाओं में यही मसल्स कमजोर होती हैं, खासकर प्रेग्नेंसी के बाद।”
अगर आप रनिंग करना चाहती हैं तो पहले अपनी कोर मसल्स को स्ट्रांग बनाएं।
डॉ खेमाणि बताती हैं, महिलाओं के जॉइंट्स में पुरुषों से पहले कमजोरी आने लगती है। ऐसे में अगर आप दौड़तीं हैं तो आपको जल्दी अर्थराइटिस की समस्या हो सकती है।
अगर आप रनिंग करना चाहती हैं तो पहले स्लो जॉगिंग से शुरुआत करें। अपनी डाइट में भरपूर मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी लें।
डॉ खेमाणि समझाती हैं कि अगर आप को कोई प्री-एग्जिस्टिंग समस्या है, जैसे कमजोर पेल्विक फ्लोर आदि तो रनिंग आपको नुकसान पहुंचा सकती है। अगर आपको यूरिनरी इनकॉन्टिनेन्स है यानी आपका ब्लैडर यूरिन रोक नहीं पाता है, तो भी रनिंग आपको नहीं करनी चाहिए।
महिलाओं में पेल्विक एरिया बड़ा होता है ताकि वे बच्चे को सपोर्ट कर सकें। इस कारण से महिलाओं के हिप्स और थाइस भारी हो जाते हैं। रनिंग से घुटनों पर ज्यादा भार पड़ता है जो घुटनों की इंजरी का कारण बन सकता है।
अगर आप सिर्फ दौड़तीं हैं और स्ट्रेचिंग नहीं करतीं तो आपकी मसल्स को फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है। डॉ खेमाणि कहती हैं, “स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज न करने से फ्लेक्सबिलिटी नहीं रहती, जिससे जॉइंट पर भार बढ़ता है।”
अगर आप रनिंग वेट लॉस के लिए कर रही हैं, तो हो सकता है कि आप खुद को कुछ ज्यादा ही पुश कर रही हैं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंडॉ खेमाणि बताती हैं, “रिज़ल्ट्स जल्दी पाने के लिए आप अपनी बॉडी को ओवर ट्रेन कर रही हैं। इससे न सिर्फ आपको गम्भीर चोट आ सकती है, बल्कि हार्ट अटैक की सम्भावना भी बढ़ जाती है।”
साथ ही साथ आराम न मिलने की वजह से मसल्स रिकवर नहीं कर पाती हैं।
1. स्विमिंग- तैरना और दौड़ना बराबर फ़ायदेमंद होते हैं। स्विमिंग एक अच्छा कार्डियो वर्कऑउट है और यह मसल्स को स्ट्रेन भी नहीं करता। स्विमिंग को आप अपने रूटीन का हिस्सा बना सकती हैं।
2. इंडोर वर्कआउट – आप जिम जा सकती हैं। जिम में 20 मिनट कार्डियो वर्कऑउट और 30 मिनट वेट ट्रेनिंग आपके लिए परफेक्ट रहेगी। हफ्ते में 3 बार जिम जाना पर्याप्त है।
3. डांस – अगर आपको डांस करना पसंद है, तो इससे बेहतर कोई एक्सरसाइज नहीं हो सकती। डांस एक वर्कऑउट भी है और यह आपके मूड को अपलिफ्ट भी करता है। साथ ही इसमें इंजरी के चांस कम हैं।
4. वॉक – रनिंग की जगह आप ब्रिस्क वाकिंग भी कर सकती हैं। दिन में 30 से 45 मिनट वॉक करना सेहत के लिए अच्छा है और आपको इंजरी भी नहीं होंगी।
कोई भी एक्सरसाइज शुरू करने से पहले यह जानना बहुत ज़रूरी है कि वह आपको सूट करती है या नहीं। तो अब जब आप जानती हैं कि रनिंग आपके लिए बनी है या नहीं, आप अपने फ़िटनेस गोल्स आराम से तय कर सकती हैं।