वॉकिंग को भले ही आप हल्के में लें, मगर यह एक प्रभावी और आनंददायी एक्सरसाइज है। यह इतनी आसान है कि बच्चे, बुजुर्ग, बीमार और गर्भवती महिलाएं भी इसे आराम से कर सकती हैं। वेट लॉस करने के लिए ज्यादातर लोग कोई जादुई औषधि या डाइट प्लान ढूंढ रहे होते हैं। जबकि वेट लॉस का सही तरीका, सही डाइट, कैलोरी कंट्रोल और नियमित व्यायाम है। हर दिन 10 हजार स्टेप्स चलने के बाद अब फिटनेस फ्रीक्स के बीच 6-6-6 वॉकिंग रुटीन (6-6-6 Walking routine) लोकप्रिय हो रहा है। आइए जानते हैं क्या है यह ट्रेंडिंग 6-6-6 Walking routine और यह कैसे काम करता है। साथ ही क्या हैं वेट लॉस के लिए 6-6-6 वॉकिंग रुटीन (6-6-6 Walking routine benefits) के फायदे?
फिटनेस को बनाएं रखने के लिए अक्सर लोग किसी जिम की मैंबरशिप लेने या कोई ऐसी जादुई एक्सरसाइज या डाइट के बारे में सोचते हैं, जो जल्दी से शरीर का वजन कम कर सके। लेकिन कहते हैं न “फिट तो हिट”। पर इसके लिए आपको अपने रुटीन में बदलाव तो लेकर आना होगा, तभी ये फिटनेस का फंडा आपके काम आ सकता है।
“वॉक करना एक अंडररेटेड एक्सरसाइज है” ये लाइन तो अक्सर आपने लोगों के मुंह से सुनी ही होगी। लेकिन अगर आप अपने बिजी शेड्यूल और ऑफिस और घर के काम की वजह से योग या एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे हैं, तो आप वॉकिंग का 6-6-6 रुटीन (6-6-6 Walking routine) फॉलो कर सकते हैं। इस रुटीन को फॉलो करने से आप आसानी से अपनी फिटनेस पर ध्यान भी दे सकते हैं।
6-6-6 वॉकिंग रुटीन लोगों के लिए एक बेहतरीन और आसान तरीका है जो आपके शरीर की फिटनेस को बरकरार रखने में मदद कर सकता है। इस नियम को फॉलो करने के लिए आपको अपनी वॉकिंग हेबिट में बस 6 का आंकड़ा जोड़ना है। यानि आपको सुबह 6 बजे और शाम 6 बजे, कुल 60 मिनट का वॉक करना है। इसके साथ ही 6 मिनट का वार्म-अप और 6 मिनट का कूल-डाउन भी इस रुटीन में आपको शामिल करना होगा। आइए जानते हैं कि इस वॉकिंग रुटीन के स्वास्थ्य के लिए क्या फायदे हैं।
सुबह 6 बजे वॉक करना शरीर के लिए बहुत लाभकारी होता हैं। एक शोध (NIH) के अनुसार, रोज़ाना 30 मिनट चलने से व्यक्ति में हार्ट डिजीज का खतरा 35% तक कम होता है। अगर कोई सुबह की ताज़ी हवा और मेटाबॉलिज्म की शुरुआत अच्छी करता है तो इससे पूरा दिन एनर्जी और फोकस में बिताया जा सकता है।
दिनभर के बिजी शेड्यूल और तनाव से राहत पाने के लिए शाम की वॉक (6-6-6 Walking routine) एक बेहतरीन उपाय है। यह न केवल आपको मानसिक शांति देती है, बल्कि शरीर को अच्छी नींद के लिए भी तैयार करती है। अगर ऑफिस से निकलने का समय न हो, तो ऑफिस में भी 20 मिनट का वॉक कर सकते हैं, जो दिनभर की थकान को कम करने में मदद करती है।
अगर आप रोज 60 मिनट की वॉक करते हैं तो ये शरीर से फैट-बर्निंग में मदद करता है। जिससे हार्ट हेल्थ, फेफड़े और सहनशक्ति बेहतर होती है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के अनुसार, 30-60 मिनट प्रति सप्ताह की मांसपेशियों को मजबूती देने वाली गतिविधियां सभी बीमारियों के खतरे को कम कर सकती हैं।
वॉक करने से पहले 6 मिनट का वार्म-अप शरीर का तापमान बढ़ाने में आपकी मदद करता है। ऐसा करने से शरीर में खून का प्रवाह तेज होता है और मांसपेशियों में लचीलापन आता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, वार्म-अप करने से शरीर में स्पोर्ट्स इंजरी का खतरा कम होता है और मांसपेशियों में ऊर्जा बढ़ती है।
6-6-6 वॉकिंग रूटीन (6-6-6 Walking routine) फॉलो करने के लिए वॉक करने से पहले शरीर को उसके लिए तैयार करना जितना जरूरी है, ठीक इसकी तरह तेज वॉक शरीर को कूल-डाउन करना भी उतना ही अहम होता है। कूल-डाउन से दिल की धड़कन सामान्य होती है, मांसपेशियों में अकड़न कम होती है और अगली वॉक के लिए शरीर तैयार होता है। ऐसा करने से शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है और वॉक के अगले सेशन में शरीर को आसानी से एडजस्ट करने में मदद मिलती है।
6-6-6 रूल का फायदा लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपका रेग्युलर 60 मिनट अपने लिए रोजाना मिकालने होंगे। इसे रूल को आप बिना किसी विशेष उपकरण या जिम के अपना सकते हैं। ऑफिस की ऑनलाइन या इन-पर्सन मीटिंगों में मिलने वाले तनाव को कम करने के लिए ये सुबह की वॉक आपके शरीर के लिए काफी फायदेमंद और एक अच्छी लाइफस्टाइल दे सकता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
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