सर्दी के मौसम में खानपान में आने वाले बदलाव वेटगेन का कारण बन जाते है। इससे शरीर में कैलोरी स्टोरेज बढ़ जाता है, जिससे पेट पर चर्बी जमा होने लगती है। इस समस्या को दूर करने के लिए कुछ लोग जहां जिम की मदद लेते हैं, तो कुछ डिटॉक्स पेय पदार्थों का सेवन करते हैं। मगर समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है। अगर आप भी नेचुरल तरीके से वेटलॉस करना चाहती है, तो सीड्स का सेवन बेहद फायदेमंद साबित होता है। फाइबर और प्रोटीन से भरपूर सीड्स जहां शरीर का हेल्दी फैट्स प्रदान करते हैं,तो वही क्रेविंग को भी शांत करते हैं। जानते हैं एक्सपर्ट से कि किन सीड्स का सेवन करने से वेटलॉस में मिलेगी मदद (Seeds for weight loss) ।
बैलेंस्ड बाइट की फाउंडर और न्यूट्रीशनिस्ट अपेक्षा चंदुरकर बताती हैं कि बीज एक पौष्टिक खाद्य पदार्थ हैं जो वजन घटाने में मदद कर सकते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर ये सीड्स शरीर में चयापचय को बढ़ावा देते हैं। बीज से भूख को नियंत्रित करने में मदद मिलती हैं। इसके सेवन के बाद शरीर में लंबे समय तक ऊर्जा का स्तर बना रहता हैं। इससे शरीर को हेल्दी फैटस, प्रोटीन और विटामिन की प्राप्ति होती हैं।
चिया सीड्स, अलसी के बीज और साइलियम के बीजों में घुलनशील फाइबर की उच्च मात्रा होती है जो पानी में भिगोने के बाद खाने से पेट भरा हुआ महसूस होता है। इससे कैलोरी को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। है। पंपकिन, हैम्प और सूरजमुखी के बीज में प्लांट बेस्ड प्रोटीन होता है और हेल्दी फैट्स का बेहतरीन स्रोत हैं।
ये पोषक तत्व अधिक खाने के दौरान शर्करा के स्तर में वृद्धि को रोकते हैं और आलस्य व थकावट को दूर करते हैं। अलसी और तिल के बीज खाने से चयापचय में सुधार हो सकता है क्योंकि ये बीज ओमेगा.3 फैटी एसिड और लिग्नान से भरपूर होते हैं। मेथी जैसे अन्य बीजों में थर्मोजेनिक कंपाउड की प्रापित होती है जो वसा को जलाने में मदद करते है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार विटामिन, मिनरल और डाइटरी फाइबर से भरपूर चिया सीड्स का सेवन करने से शरीर में भूख और कैलोरी को नियंत्रित करनेमें मदद मिलती है। इससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर उचित बना रहता है। इस लो कार्ब फूड को स्मूदी, शेक्स, ओटमील और गार्निशिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे शरीर को प्रोटीन की प्राप्ति होती है, जिससे मेटाबॉलिज्म को बूस्ट किया जा सकता है।
इन सीड्स का सेवन करने से शरीर को फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड, लिग्नान और हेल्दी फैट्स की प्राप्ति होती है। इन्हें रोस्ट करके या फिर ओवरनाइट सोक करने खाने से शरीर में पोषक तत्वों का एबजॉर्बशनद बढ़ता है और वेटलॉस में मदद मिलती है। इसके सेवन से शरीर को एस्ट्रोजेनिक गुणों की प्राप्ति होती है। इससे शरीर एक्टिव और हेल्दी रहता है।
मैग्नीशियम, जिंक और प्रोटीन से भरपूर पंपकिन सीड्स का सेवन करने से मसल्स बिल्डिंग में मदद मिलती है। साथ ही इसे खाने के बाद देर तक भूख नहीं लगती है, जिससे भूख नियंत्रित रहती है, जिससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। इससे शरीर को एंटीऑक्सीडेंटस और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों की प्राप्ति होती है। इससे जोड़ों में बढ़ने वाले दर्द को कम किया जा सकता है। साथ ही वज़न को कम करने में भी मदद मिलती है।
सूरजमुखी के बीज का सेवन करने से शरीर को प्रोटीन और फाइबर मिलता है। दरअसल, फाइबर को पचाने में लगने वाले अधिक समय से शरीर में मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। इससे बार बार भूख लगने की समस्या से बचा जा सकता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार पपंकिन सीड्स से शरीर को आमेगा 3 फैटी एसिड भी प्राप्त होता है। इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर की मात्रा से शरीर में मोटापे का जोखिम कम होने लगता है।
तिल का सेवन करने से शरीर में एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा बढ़ने लगती है। इससे शरीर को हेल्दी फैट्स की प्राप्ति होती है। तिल में मौजूद लिगनेन कैलोरी को बर्न करने वाले एंजाइम का स्राव बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा ट्रिप्टोफ़ैन और पॉलीफ़ेनॉल की मात्रा वज़न घटाने में मदद करती हैं। इसमें मौजूद सोडियम की कम मात्रा से शरीर में वॉटर रिटेंशन के खतरे से भ्सी बचा जा सकता है।
आहार में बीजों को शामिल करना आसान है। इन्हें स्मूदी और दही में मिला सकते हैं या फिर अपने ओटमील या सलाद में भी डालकर खा सकते हैं। इन्हें वेटलॉस मील में आसानी से शामिल किया जा सकता है। बीज शरीर में हार्मोनल संतुलन को नियंत्रित करने के अलावा इंसुलिन, कोर्टिसोल और एस्ट्रोजन के स्तर को सीमित करके वजन घटाने में फायदेमंद साबित होता हैं। अलसी और चिया सीड्स में पाए जाने वाले ओमेगा 3 और लिग्नान शरीर में सूजन को कम करते हैं और चयापचय को बढ़ावा देते हैं। इससे फैटलॉस में भी मदद मिलती है।
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