कई बार जब लोग अपनी वेट लॉस जर्नी स्टार्ट करते हैं, तो वे या तो अपने वज़न से बहुत परेशान हो चुके होते हैं या उन्हें कोई हेल्थ इशू होता है। जिसकी वजह से उनके मन में ये बैठ जाता है कि वज़न कम करना है (Weight Loss) और जल्दी करना है। इन सब की वजह से वे सब चीजों का सही तरीके से पालन करने की कोशिश करते हैं। फिर चाहे वे डाइट हो या एक्सरसाइज़।
मगर कभी – कभी ये सब इतना एक्सट्रीम हो जाता है कि व्यक्ति पूरे दिन अपनी वेट लॉस जर्नी (Weight loss journey) में परफेक्शन हांसिल करने के चक्कर में खुद पर हावी होने लगते हैं और गलतियां (Weight loss mistakes) करने लगते हैं। ऐसे में ये ध्यान रखना ज़रूरी है कि क्या चीज़ें हैं, जो हमें नहीं करनी चाहिए।
तो इस बारे में हमारी मदद करने के लिए सेलेब्रिटी पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर नें हाल ही में अपने इंस्टा हैंडल पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होनें बताया कि वेट लॉस के दौरान किन गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए।
यदि आपका वेट लॉस प्लान आपके शारीरिक और मानसिक तनाव का कारण बन रहा है तो इसका मतलब है कि इसमें ज़रूर कोई कमी है। वेट लॉस जर्नी आपका पूरा दिन कंज्यूम नहीं कर सकती है। इसलिए सही डाइट का पालन करना ज़रूरी है, जिसे आप बेफिक्र होकर आराम से इसे फॉलो कर सकें। सिर्फ ऐसे गोल्स सेट करें जिन्हें आप आराम से एक दिन में पूर आकार सकें।
वज़न कम करना एक स्लो प्रोसेस है, इसलिए यदि आप अपना वज़न जल्दी कम करने की कोशिश करेंगे, तब भी आप सफल नहीं होने वाले हैं। इतना ही नहीं, जल्दी वज़न कम करने की जद्दोजहद में आप अपनी तबियत करब कर सकते हैं। इसलिए, खुद को समय दें और एक हफ्ते में ही खुद को फेलियर न समझ लें।
वज़न कम करना एक तरह से हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना भी है। इसलिए वेट लॉस जर्नी के दौरान खुद को मोटिवेटेड रखें और इसे किसी तरह की सज़ा न समझें। मन से एक्सरसाइज़ करें न कि मजबूरी में। ऐसे में उन एक्टिविटीज में भाग लेना महत्वपूर्ण है जो आपको आनंद देती हैं और बोझ की तरह महसूस नहीं करती हैं।
वजन कम करने की कोशिश का मतलब है कैलोरी डेफ़िसिट (Calories Deficit) की स्थिति को बनाए रखना। अब इस चक्कर में कि आपको वज़न कम करना इसलिए हर निवाले की कैलोरी चैक करना ज़रूरी नहीं है। यदि आप कुछ अपने मन का भी खा रही हैं तो इसे गिल्ट की तरह न ट्रीट करें, बस थोड़ा खाएं और आनंद लें।
हर समय अपने खाने की कैलोरी ट्रैक (Calorie Track) करना आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है। ऐसे में कभी आपको लगेगा कि आप कितना कम खा रहे हैं और कभी लगेगा कि बिल्कुल नहीं खा रहे हैं। इसलिए अपनी वेट लॉस जर्नी में बस एक आइडिया लेकर चलें कि आपको कितना खाना है। इसके बाद बार – बार कैलोरी ट्रैक करने की कोई ज़रूरत नहीं है।
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