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मजबूत लड़कियों को वर्कआउट रुटीन में शामिल करनी चाहिए ये 5 शोल्डर एक्सरसाइज, फिटनेस कोच बता रहे हैं क्यों

आप मन से मजबूत हैं और स्वाभिमान से सिर उठाकर जीना चाहती हैं, तो आपका पाॅश्चर भी वैसा ही होना चाहिए। मजबूत स्पाइन और कंधों के लिए जरूरी है कि आप अपने वर्कआउट रुटीन में शोल्डर एक्सरसाइज भी जरूर शामिल करें।
Published On: 16 Nov 2023, 09:02 am IST
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Heavy weight trainings ko na karein
व्यायाम करते करते हुए कंधों को भूलना नहीं चाहिए। चित्र अडोबी स्टॉक

आप भीतर से चाहें कितनी भी मजबूत हों, लेकिन जब आप कंधे झुका कर चलती हैं, तो आप सबसे मायूस और कमजोर नजर आती हैं। कॉन्फिडेंट दिखने के लिए आपके पॉश्चर का सही होना भी जरूरी है। ऑफिस में पूरे दिन लेपटॉप स्क्रीन पर झुके रहना आपके पॉश्चर को भी खराब कर सकता है। इसे ठीक रखने के लिए आपको अपने डेली वर्कआउट रुटीन में कुछ शोल्डर एक्सरसाइज शामिल करना जरूरी है।

व्यायाम करते करते हुए कंधों को भूलना नहीं चाहिए। हम अपनी भुजाओं को मजबूत करने के लिए बाइसेप, ट्राइसेप के व्यायाम तो करते हैं, लेकिन कंधो पर ध्यान नहीं देते। कंधो के व्यायाम से आप अपने पॉश्चर में एक अलग तरह का कॉन्फिडेंस ला सकती हैं। फिटनेस और लाइफस्टाइल कोच यश अग्रवाल बता रहे हैं ऐसी ही 5 शोल्डर एक्सरसाइज (Shoulder exercise benefits) जो आपके पॉश्चर में सुधार कर सकती हैं।

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इन एक्सरसाइज से करें अपने कंधे मजबूत। चित्र: शटरस्टॉक

डेली वर्कआउट रुटीन में शोल्डर एक्सरसाइज शामिल करने के फायदे

1. यह आपकी पॉश्चर में सुधार कर सकता है

लंबे समय तक बैठ कर काम करने से किफोसिस हो सकता है। जिसमें कंधे आगे की तरफ झुक जाते है। कंधे के व्यायाम करने से मजबूती मिलती है। कंधों को सीधा रखने के लिए व्यायाम जरूरी है।

2. चोट लगने से बचाता है

कंधे के जोड़ के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने से चोटों को रोकने में मदद मिल सकती है। यह उन व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो ऐसी गतिविधियों में शामिल होते हैं जो कंधों पर तनाव डालती हैं, जैसे ओवरहेड खेल या वेटलिफ्टिंग।

3. ऊपर के शरीर को मजबूत करने के लिए

मजबूत कंधे शरीर के ऊपरी हिस्से की बेहतर कार्यक्षमता में योगदान करते हैं। इससे उठाने, धकेलने और खींचने जैसी गतिविधियों में आपका प्रदर्शन बेहतर हो सकता है।

4. संतुलन और स्थिरता को अच्छा करने के लिए

मजबूत कंधे शरीर के ऊपरी हिस्से की स्थिरता को बनाए रखने में मदद करते हैं। यह उन गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण है जिनमें संतुलन की आवश्यकता होती है, जैसे योग या कुछ प्रकार की एथलेटिक एक्टिवीटी।

5. मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है

व्यायाम के दौरान कंधों जैसे बड़े मांसपेशी समूहों को शामिल करने से मेटाबोलिज्म को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो अपना वजन नियंत्रित करना चाहते हैं।

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सही पॉश्चर के लिए वर्कआउट रुटीन में शामिल करें ये कंधों के ये 5 व्यायाम (Shoulder exercises to improve posture)

1 शोल्डर प्रेस करना

अपने दोनों हाथ में डम्बल लेकर खड़े हों या बैठें, हथेलियां आगे की ओर हों।

डम्बल को कंधे की ऊँचाई तक उठाएं, फिर उन्हें ऊपर की ओर तब तक दबाएं जब तक कि आपकी बाहें पूरी तरह सीधी न हो जाएं।

डम्बल को वापस कंधे की ऊंचाई तक नीचे लाएं और दोहराएं।

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लंबे समय तक बैठ कर काम करने से किफोसिस हो सकता है।

2 फेस पुल

चेहरे की ऊंचाई पर रस्सी को बांध कर एक केबल मशीन स्थापित करें।

मशीन की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं, रस्सी के हैंडल को पकड़ें और अपनी कोहनियों को ऊंचा रखते हुए उन्हें अपने चेहरे की ओर खींचें।

अपने कंधे के ब्लेड को एक साथ जोर लगाने पर ध्यान दें।

3 चाइल्ड पोज शोल्डर स्ट्रेच के साथ

घुटनों के बल बैठने से शुरुआत करें और अपनी एड़ियों पर वापस एक बार फिर बैठें।

अपनी भुजाओं को फर्श पर आगे की ओर फैलाएं।

अपने धड़ और कंधे के विपरीत दिशा में स्ट्रेच महसूस करते हुए, अपने हाथों को एक तरफ ले जाएं। फिर दूसरी तरफ दोहराएं।

4 डोरवे स्ट्रेच

अपनी बाहों को 90 डिग्री के कोण पर मोड़कर दरवाजे पर खड़े हो जाएं।

अपने फोरआर्म को दरवाज़े की चौखट पर रखें।

छाती और कंधों के सामने स्ट्रेच महसूस करते हुए थोड़ा आगे झुकें।

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बहुत अधिक बैठने के कारण हिप्स के फ्लेक्सर्स इतने कड़े हो जाते हैं कि वे खुल नहीं पाते हैं। चित्र शटरस्टॉक।

5 पुश अप

हाथों को कंधे की चौड़ाई से थोड़ा चौड़ा रखते हुए प्लैंक स्थिति में शुरुआत करें।

अपनी भुजाओं को मोड़कर अपने शरीर को नीचे करें।

प्रारंभिक स्थिति में वापस पुश करें।

शुरुआत में लोग घुटने के बस पर पुश-अप कर सकते हैं।

10-12 बार दोहराते हुए 3 सेट करने का लक्ष्य रखें।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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