शरीर में बढ़ती चर्बी सबसे पहले पेट के आसपास के हिस्सों में नजर आती है। यह बेहद जल्दी होती हैं और इन्हें बर्न करने में लंबा समय लगता है। वहीं बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें केवल बेली फैट होता है, यानी कि उनका शरीर सामान्य आकर का होता है परंतु पेट के आसपास में अतिरिक्त चर्बी जमा होने से पेट निकला हुआ नजर आता है। यह कोई अच्छा संकेत नहीं है, पेट की चर्बी बढ़ने से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है (causes of belly fat)।
अक्सर लोगों के मन में बढ़ते बैली फैट को लेकर कई सवाल होते हैं। अधिक हैरानी इस बात पर होती है, कि शरीर के अन्य हिस्सों में फैट न बढ़कर पेट पर क्यों आ रहा है (why do i gain weight in my stomach only)! आज हम आपकी इसी सवाल का जवाब लेकर आए हैं। तो चलिए जानते हैं, आखिर किन कारणों से केवल पेट की चर्बी बढ़ती है (causes of belly fat)।
बढ़ती उम्र के साथ ज्यादातर महिलाएं पेट और कूल्हे के आसपास के हिस्सों में अतिरिक्त चर्बी का अनुभव करती हैं। उम्र बढ़ने के साथ शरीर में चर्बी का वितरण बदल जाता है। जैसे-जैसे महिलाएं मेनोपॉज के करीब पहुंचती हैं, तो उनकी बॉडी में एस्ट्रोजन का स्तर काफी कम हो जाता है। हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होने की वजह से पेट के आसपास के हिस्सों में अतिरिक्त चर्बी जमा हो सकती है।
हालांकि, यह सामान्य है जिसे नियमित खान-पान और फिजिकल एक्टिविटी के माध्यम से कम किया जा सकता है। उम्र के साथ शरीर का आकार भी बदलता है, इसलिए कुछ बदलावों को सकारात्मक रूप से लेना शुरू करें। यदि चर्बी बहुत ज्यादा बढ़ रही है, तो यह एक अनहेल्दी लाइफस्टाइल का संकेत हो सकता है, जिसकी वजह से सेहत संबंधी परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अतिरिक्त चर्बी को कम करने के लिए योग, एक्सरसाइज के साथ ही साइकिलिंग, वॉकिंग, रनिंग जैसी सामान्य गतिविधियों में भी हिस्सा ले सकती हैं।
कई बार अधिक वजन या मोटापा जेनेटिक हो सकता है। यदि आपके माता-पिता या किसी अन्य ब्लड रिलेशन के पेट के आसपास के हिस्सों में अतिरिक्त चर्बी है, या उनके बॉडी की बनावट में बेली फैट अधिक है, तो आपकी बॉडी भी उसी बनावट की हो सकती है। वास्तव में, पेरेंट्स में अधिक कार्बी होने से बच्चों में मोटापे की संभावना 80% तक बढ़ जाती है।
यदि आप अपने आप को फिट रखना चाहती हैं, या अतिरिक्त बैली फैट को कम करना चाहती हैं, तो यह आपके मेटाबॉलिज्म रेट, भूख, खाद्य पदार्थों की लालसा और आपके शरीर में फैट के वितरण जैसी संबंधित विशेषताओं पर निर्भर करता है। यदि आप मेटाबॉलिज्म बूस्टिंग एक्सरसाइज और हेल्दी खाद्य पदार्थों का सेवन कर रही हैं, तो हो सकता है आप अपने पेट के आसपास की चर्बी को कम कर पाए। हालांकि, यह जेनेटिक है पर अगर रोजाना एक्सरसाइज की जाए और एक हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाया जाए तो इसे कम किया जा सकता है।
एक अनहेल्दी डाइट, जैसे कि प्रोसैस्ड और फ्राइड फूड्स का अधिक सेवन, अनहेल्दी फैट और खाने का समय निर्धारित न होने की वजह से भी पेट के आसपास की चर्बी बढ़ सकती है। चीनी उन खाद्य पदार्थों में से एक है। चीनी आपके शरीर को एक इन्फ्लेमेटरी रिस्पांस जेनरेट करने के लिए प्रेरित करती है, और जब ऐसा होता है, तो आपका शरीर आपके मध्य भाग के आसपास फैट स्टोर करना शुरू कर देता है।
यदि आपकी डायट अनहेल्दी है, तो सबसे पहले आपको अपने खाद्य पदार्थों पर नियंत्रण पाने की आवश्यकता है। विशेष रूप से रिफाइंड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से दूर रहे खासकर चीनी। इसके अलावा फल एवं हरी सब्जियों का सेवन करें, साथ ही साथ पोर्शन कंट्रोल बहुत जरूरी है। एक बार में कम खाएं, भले ही आपको हर 2 से 3 घंटे पर खाना खाना पड़े, क्योंकि ओवर ईटिंग भी बेली फैट बढ़ाती है। इसके साथ ही अदरक, जीरा, धनिया, मेथी आदि से बने हर्बल ड्रिंक का सेवन करें। यह आपकी बॉडी में मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है, जिससे की फैट बर्न करने में मदद मिलती है।
शराब में बहुत अधिक मात्रा में कैलोरी होती है, जिनमें से अधिकांश खाली होती हैं। इसका मतलब है कि शराब में मौजूद कैलोरी बहुत कम या बिल्कुल भी पोषण संबंधी लाभ नहीं देती। यदि आप रोजाना शराब पीती हैं, तो इससे आपकी बॉडी में बिना किसी पोषक तत्वों के गुणवत्ता के कई सारी एक्स्ट्रा कैलोरी जुड़ जाती हैं। इस कारण पेट के हिस्से के आसपास चर्बी नजर आ सकती है। 1996 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि मध्यम मात्रा में शराब पीने से भी पेट के हिस्सों में चर्बी बढ़ती है। शराब के सेवन से शरीर में आंत की चर्बी का क्षेत्र भी बढ़ जाता है।
यदि आप शराब पीती हैं, तो सबसे पहले अपनी शराब की लालसा पर नियंत्रण पाने का कोशिश करें। इसके लिए खुद को डिस्ट्रक्ट करें और अन्य हेल्दी खाद्य पदार्थ एवं ड्रिंक का सेवन करें। एक बार में शराब छोड़ना मुश्किल हो सकता है, इसलिए इसकी मात्रा और अवधि को धीमे-धीमे कम करें। यदि आप इसे पूरी तरह से नहीं छोड़ना चाहते हैं, तो महीने में एक दो बार सीमित मात्रा में इसका सेवन किया जा सकता है। वहीं शराब की बहुत बड़ी शौकीन हैं, तो कुछ दिनों के अंतराल पर वाइन का आनंद ले सकती हैं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंजब आप तनाव में होते हैं, तो आपका शरीर कोर्टिसोल नामक एक हार्मोन रिलीज करता है, जिसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है। यदि आप लंबे समय से तनाव में है, तो आपका शरीर लगातार कोर्टिसोल का उत्पादन कर रहा होता है। इसके अधिक उत्पादन से ब्लूज शुगर और इंसुलिन का स्तर को बढ़ जाता है, जो बदले में, आपके मध्य भाग के आसपास वजन बढ़ा सकता है।
यदि आप लगातार तनाव ग्रस्त रहती हैं, तो ऐसे में आपको स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्निक अपनाने पर विचार करना चाहिए। तनाव का असल कारण समझे और उसे जड़ से खत्म करने की कोशिश करें। इसके अलावा लोगों से मिले और खुद को डिस्ट्रक्ट करें, ताकि तनाव का स्तर कम हो सके। साथ ही साथ स्ट्रेस ईटिंग से बचें, क्योंकि इस दौरान अनहेल्दी क्रेविंग होती है, खासकर मीठे की जिसकी वजह से भी वजन बढ़ सकता है। स्वस्थ भोजन करें और रोजाना कम से कम 30 मिनट के लिए अपनी किसी भी पसंदीदा शारीरिक गतिविधियों को करने का प्रयास करें।
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