स्किपिंग रोप एक्सरसाइज के फायदे के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा। इसे एक बेस्ट कार्डियो एक्सरसाइज माना जाता है, इसके अलावा यह आपकी बॉडी को शेप में रहने में मदद करता है। साथ ही साथ फ्लैक्सिबिलिटी को बढ़ाता है। यदि आप इसे करने का सही तरीका और सही समय नहीं जानती हैं, साथ ही यदि आप इसे बहुत ज्यादा कर रही हैं, तो यह आपकी बॉडी पर कई साइड इफेक्ट्स छोड़ सकता है। खास कर इसका प्रभाव घुटने और बॉडी में अन्य जॉइंट्स पर भी देखने को मिलता है। इसलिए सभी को इसके फायदों के साथ-साथ इसके साइड इफेक्ट्स (skipping rope exercise side effects) के बारे में भी पता होना चाहिए। तो चलिए जानते हैं, रोप स्किपिंग के साइड इफेक्ट्स के बारे में।
रोप स्किपिंग के दौरान शिन स्प्लिंट होना बिल्कुल नॉर्मल है। यह एक प्रकार की इंजरी है, जिसमें शिन बोन में अत्यधिक दर्द का अनुभव होता है। इस स्थिति को मीडियल ट्राइबल स्ट्रेस सिंड्रोम भी कहते हैं। इस स्थिति में पैरों में कसाव महसूस होता है और स्वेलिंग देखने को मिल सकती है। इसका कारण है गलत पोस्चर और टेक्निक में लंबे समय तक जंपिंग एक्सरसाइज करना। यदि आप जंपिंग टेक्निक्स को ध्यान में रखें को इस समस्या को अवॉयड कर सकती हैं।
कॉफ स्ट्रेन को पुल्ड कॉफ मसल्स भी कहते हैं। हर प्रकार के एथलीट को इस समस्या का अनुभव जरूर होता है। यह इंजरी आमतौर पर जंपिंग, रनिंग और बहुत जल्दी-जल्दी मूव करने की वजह से होती है। किसी भी शारीरिक गतिविधियों को करने से पहले यदि वार्म अप न किया जाए तो इसका खतरा बढ़ जाता है। रोप स्किपिंग के दौरान लेग मूवमेंट काफी फास्ट और पॉवरफूल होते हैं, जो कॉफ मसल्स के ओवरस्ट्रेच होने का कारण बन सकते हैं। ऐसी स्थिति में कॉफ पेन, स्वेलिंग, चलने की गति धीमी हो सकती है। रोप स्किपिंग के पहले बॉडी को इसके लिए तैयार करना जरूरी है।
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ब्रेस्ट कॉपर लिगामेंट और स्किन के स्ट्रक्चर पर टिका होता है, जब आप बार-बार रोप जंपिंग कर रही होती हैं, या अन्य वर्कआउट में इंगेज होती है, तो इस स्थिति में लिगामेंट और स्किन लगातार पुल होते हैं, जिसकी वजह से ब्रेस्ट सैगिंग हो सकती है। इसे सपोर्ट करने के लिए प्रीमियम क्वालिटी के स्पोर्ट्स ब्रा पहनें, जिससे की प्रीमेच्योर ब्रेस्ट सैगिंग को रोका जा सकता है।
क्या सच में रोप स्किपिंग यूट्रस के लिए हार्मफुल है? यदि आप एक नॉर्मल और हेल्दी फीमेल हैं, और रोप स्किपिंग करती हैं, तो यह आपके यूट्रस को प्रभावित नहीं करता। यूट्रस बेहद मजबूत लिगामेंट द्वारा होल्ड किए जाते हैं। यदि ये लिगामेंट पूरी तरह से स्वस्थ रहते हैं, तो रोप स्किपिंग युटेरस को हानि नहीं पहुंच पाती।
यदि आप यूटराइन प्रोलैप्स से पीड़ित हैं, तो आपको रोप स्किपिंग को अवॉइड करना चाहिए। यह स्थिति को और ज्यादा गंभीर कर सकती है। यूटराइन प्रोलैप्स की स्थिति में लिगामेंट डैमेज से गुजर रहे होते हैं और बेहद कमजोर हो जाते हैं और उनकी यूट्रस को होल्ड करने की क्षमता भी काम हो जाती है। इस स्थिति में यदि आप जंपिंग एक्सरसाइज करती हैं, तो यूट्रस अपने ओरिजिनल पोजीशन से खिसक सकता है।
यूटराइन प्रोलैप्स की कई कारण हो सकते हैं जैसे कि मल्टीप्ल प्रेगनेंसी और प्रोलांग्ड डिलीवरी इसके अलावा व की कमी ग्रेविटी इफेक्ट यूट्रस पर लंबे समय तक स्ट्रेन पड़ना।
जंपिंग एक्सरसाइज घुटनों के जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं। इसमें की गई छोटी सी भी भूल आपको इस समस्या का शिकार बना सकती हैं। आमतौर पर यह बहुत ज्यादा जंप करने के कारण होता है। उस स्थिति में सूजन हो जाती है और चलने में उठने बैठने में भी दर्द का अनुभव हो सकता है। इन्हे अवॉइड करने के लिए जंपिंग एक्सरसाइज के हाइट, स्पीड और फ्रीक्वेंसी का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इस पर आप फिटनेस ट्रेनर की सलाह ले सकती हैं।
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