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एनिमल प्रोटीन से ज्यादा फायदेमंद है प्लांट बेस्ड प्रोटीन पाउडर, हम बता रहे हैं इससे जुड़े पांच तथ्य

प्लांट प्रोटीन पाउडर व्यापक रूप से उपलब्ध हैं, लेकिन क्या ये आपके लिए अच्छे हैं? उनके लाभ और दुष्प्रभाव क्या हैं? हम दे रहे हैं आपके सभी सवालों के जवाब!
Updated On: 29 Oct 2023, 07:44 pm IST
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प्रोटीन पाउडर डाइच प्रोटीन से ज्यादा प्रोटीन देता है। चित्र: शटरस्टॉक

हो सकता है कि आपने कुछ हेल्थ रिसोल्यूशन के साथ नए वर्ष की शुरुआत की हो – हेल्दी खाने का वादा, जल्दी सो जाना और कड़ी मेहनत करना। चाहे आप जिम सीन में नए हों या सालों से फिटनेस फ्रीक रहे हों, प्रोटीन पाउडर और हेल्थ सप्लीमेंट्स के इस्तेमाल का सवाल हमेशा उठता है। कुछ के लिए ये बहुत ज़रूरी हैं, जबकि कुछ लोग आपको इससे दूर रहने के लिए सावधान करेंगे। हाल ही में, प्लांट बेस्ड प्रोटीन पाउडर को एनिमल प्रोटीन पाउडर की बजाय ज़्यादा स्वस्थ माना जा रहा है।

अगर आप अपने फिटनेस प्लान में प्रोटीन पाउडर शामिल करने की सोच रहे हैं, तो यहां कुछ चीजें हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए।

आपके आहार में प्रोटीन इतने आवश्यक क्यों हैं, खासकर यदि आप शारीरिक रूप से सक्रिय हैं?

मानव शरीर में बहुत अधिक प्रोटीन जमा नहीं हो सकता है, इसलिए हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम अपने आहार के माध्यम से पर्याप्त प्रोटीन लें। कुछ लोगों के लिए नियमित भोजन में प्रोटीन की मात्रा पर्याप्त हो सकती है।

जो लोग खेल खेलते हैं, या नियमित रूप से जिम में कसरत करते हैं, उनके लिए प्रोटीन सप्लीमेंट का उपयोग करने से लाभ हो सकते हैं।

अध्ययनों से पता चला है कि प्रोटीन का सेवन बढ़ाने से मजबूत मांसपेशियां, उच्च सहनशक्ति और प्रतिरोध प्रशिक्षण के लिए बेहतर प्रतिक्रिया होती है। आगे के शोध से पता चलता है कि ये वजन घटाने, दुबले शरीर, शरीरिक गति में वृद्धि और हड्डियों के घनत्व में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।

हालांकि, इन सप्लीमेंट्स के लाभ इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि आप कितने सप्लीमेंट्स का सेवन करते हैं, साथ ही आपका वर्कआउट कितना लंबा या इंटेन्स हैं।

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प्लांट बेस्ड प्रोटीन पाउडर क्या हैं और उनके लाभ. चित्र : शटरस्टॉक

प्रोटीन पाउडर कैसे बनाया जाता है और प्लांट और एनिमल बेस्ड पाउडर में क्या अंतर है?

इन हेल्दी सपलीमेंट्स को बनाने के लिए, प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज और फाइबर को हटाकर, प्रोटीन निकाला जाता है। प्लांट बेस्ड पाउडर मांस, मछली, अंडे और गाय के दूध से निकाले जाते हैं। जबकि प्लांट बेस्ड प्रोटीन अनाज, सेम और बीज से प्राप्त होते हैं।

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शाकाहारी विकल्पों में मटर, भांग, ब्राउन राइस या सोया शामिल हो सकते हैं। शोध से पता चलता है कि विभिन्न स्रोतों से प्राप्त प्रोटीन में अमीनो एसिड की अलग-अलग रचनाएं होती हैं, जो हमारे शरीर के निर्माण खंड हैं। ये मानव कोशिकाओं और ऊतकों की वृद्धि और मरम्मत के लिए आवश्यक हैं।

प्लांट बेस्ड प्रोटीन पाउडर और सप्लीमेंट आजकल इतने लोकप्रिय क्यों हैं?

ऐसा माना जाता है कि एनिमल बेस्ड प्रोटीन में उच्च स्तर के संतृप्त वसा होती है, जो लंबे समय तक लेने पर उन्हें अस्वस्थ बनाते हैं। पशु उत्पादों के सेवन के पर्यावरणीय प्रभावों के बारे में भी जागरूकता बढ़ी है, क्योंकि शाकाहार अधिक लोकप्रिय हो गया है। जब प्रोटीन की बात आती है, तो आम तौर पर लोग मानते हैं कि “ज़्यादा बेहतर है”, यही कारण है कि वे प्लांट बेस्ड प्रोटीन जैसे विकल्पों की ओर बढ़ते हैं जो लंबे समय में सुरक्षित और अधिक टिकाऊ दिखते हैं।

क्या प्लांट बेस्ड प्रोटीन और सपलीमेंट समग्र स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं?

अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों ने अधिक प्लांट बेस्ड प्रोटीन का सेवन किया, उनमें कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी के साथ-साथ हृदय रोग के संकेत भी कम हुए। इसी तरह के शोध से यह भी पता चलता है कि पादप प्रोटीन शरीर में मोटापा, मधुमेह और सूजन को कम कर सकते हैं।

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प्लांट प्रोटीन पाउडर व्यापक रूप से उपलब्ध हैं. चित्र : शटरस्टॉक

प्लांट-बेस्ड प्रोटीन पाउडर और सप्लीमेंट्स के सेवन से कोई साइड इफेक्ट तो नहीं?

प्रोटीन शरीर में टूट जाते हैं, जिसका उपयोग उनके पोषण संबंधी लाभों के लिए किया जाता है। वेस्ट उत्पाद पीछे रह जाते हैं, जिन्हें बाद में हमारे मूत्र में गुर्दे के माध्यम से निकाल दिया जाता है। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम बहुत अधिक प्रोटीन लेकर किडनी को ओवरलोड न करें।

ऐसे अध्ययन हैं जो दिखाते हैं कि सोया प्रोटीन थायराइड विकारों के लिए दी जाने वाली दवा में इंटरफेयर कर सकता है, और कुछ लोगों को कुछ प्लांट, नट्स या बीजों से प्राप्त प्रोटीन से एलर्जी हो सकती है।

सारांश

भले ही प्लांट बेस्ड प्रोटीन लेने से कई लाभ होते हैं, खासकर जब एक स्वस्थ जीवन शैली की बात आती है। हमेशा सलाह दी जाती है कि अपने आहार और आदतों में भारी बदलाव करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसके लॉन्गटर्म प्रभाव हो सकते हैं!

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