पेट की बढ़ती चर्बी (Belly fat) से परेशान हैं? या तमाम कोशिशों के बाद भी ये जिद्दी चर्बी (Stubborn belly fat) आपका पीछा नहीं छोड़ रही, तो चिंता न करें! हम सभी जानते हैं कि महिलाओं का बॉडी फैट सबसे पहले पेट और उसके आसपास के हिस्से में नज़र आता है। यह जितनी जल्दी आता हैं, इसे बर्न करना उतना ही मुश्किल होता है। मगर कुछ एक्सरसाइज ऐसी हैं, जो खासतौर पर आपके बेली फैट पर ही फोकस करती हैं। प्लैंक ऐसी ही एक्सरसाइज (Plank exercises to burn belly fat) है। इससे न केवल कोर मसल्स मजबूत होती हैं, बल्कि आपको पेट की जिद्दी चर्बी से भी छुटकारा मिलता है।
हो सकता है आप कई अलग-अलग एक्सरसाइज ट्राई कर रही हों, या आप लंबे समय से डाइटिंग पर हों, इसके बाबजूद भी बेली फैट कम नहीं हो रहा है, तो हो सकता है आप सही एक्सरसाइज नहीं कर रही हैं। बेली फैट कम करने में “प्लैंक” बेहद प्रभावी एक्सरसाइज है। इसमें आपके बेली के कोर मसल्स इन्वॉल्व होते हैं।
यश फिटनेस के फाउंडर और फिटनेस एक्सपर्ट यश अग्रवाल ने प्लैंक एक्सरसाइज को बेली फैट कम करने का एक प्रभावी तरीका बताया है। इसके साथ ही उन्होंने अलग-अलग प्रकार के प्लैंक एक्सरसाइज भी बताए हैं, जो आपकी बॉडी में फैट बर्निंग कैपेसिटी को बढ़ा देंगे।
प्लैंक सबसे अच्छी कैलोरी बर्न करने वाली एक्सरसाइज में से एक है। फोरआर्म प्लैंक सबसे प्रचलित प्लैंक है, जो आपके बेली फैट के साथ ही पूरी बॉडी के फैट बर्निंग कैपेसिटी को बढ़ावा देता है। अगर आप प्लैंक की शुरुआत कर रही हैं, तो यह आपके लिए सबसे अच्छा रहेगा।
सामान्य प्लैंक की तुलना में इसे करना थोड़ा कठिन हो सकता है पर यह इतना भी मुश्किल नहीं है। इससे आपके पेट के कोर मसल्स को एक्टिवेट करने में मदद मिलती है और अधिक फैट बर्न होता है।
यह डीप कोर मसल्स को एक्टिवटे करने के लिए एक प्रभावी मूव है। अपनी डीप कोर मसल्स (ट्रांसवर्स एब्डोमिनिस) को सक्रिय करने से “फ्लैट एब” दिखने में मदद मिलती है।
अगर आप वजन घटाने के लिए प्लैंक करने की योजना बना रही हैं, तो रिवर्स प्लैंक क्यों नहीं आजमाती? रिवर्स प्लैंक कोर मसल्स को सिकोड़ते हैं और उस क्षेत्र पर काम करते हैं, ताकि फैट बर्न हो सके। इतना ही नहीं, रिवर्स प्लैंक आपको एक बेहतरीन मुद्रा प्राप्त करने में भी मदद करता है।
यह उन लोगों के लिए वरदान से कम नहीं है, जो अपना वजन कम करना चाहते हैं। यह प्लैंक आपको एक मजबूत कोर और बेहतर संतुलन बनाने में मदद करता है। साइड प्लैंक पीठ के निचले हिस्से या गर्दन पर दबाव नहीं डालता, इसलिए प्लैंक का ये वेरिएशन सरल लेकिन प्रभावी है।
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