दिनों दिन बढ़ रहा वज़न एक बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है। देर तक बैठना और अनहेल्दी डाइट इस समस्या को बढ़ाने में कारगर साबित होते हैं। शरीर को स्लिम और फिट बनाए रखने के लिए लोग कुछ न कुछ नुस्खे अपनाते हैं और वर्कआउट स्टार्ट करते हैं। मगर वर्कआउट के बावजूद शरीर में मौजूद अतिरिक्त कैलोरीज़ बर्न नहीं हो पाती हैं। जानते हैं कुछ ऐसी बातें जो वेटलॉस जर्नी में बाधा बनने लगती हैं (weight loss mistakes)।
ओबेसिटी जर्नल के रिसर्च के मुताबिक अर्ली मॉर्निंग एक्सरसाइज करने से वज़न को कम करने में मदद मिलती है। व्यायाम के लिए सुबह 7 बजे से 9 बजे के मध्य समय को चुनना चाहिए। इसके अलावा खान पान की आदतों को नियंत्रित करके वेटलॉस (weight loss)में मदद मिल सकती है। 20 साल की उम्र के 5,200 लोगों पर किए गए एक शोध में पाया गया कि जो मॉर्निंग वर्कआउट करते हैं, उनका बीएमआई (BMI) शाम को व्यायाम करने वाले लोगों के मुकाबले कम पाया गया। इसके अलावा सुबह व्यायाम करने वालो की उम्र शाम में व्यायाम करने वाली तुलना में ज्यादा पाई गई।
इस बारे लाइफस्टाइल एक्सपर्ट पूजा मलिक बताती हैं कि बार बार मीठा खाने की क्रेविंग या मील स्किप करना दोनों ही चीजें वेटलॉस (weight loss) के लिए नुकसानदायक साबित होती है। ऐसे में हेल्दी वेट मेंटेन करने के लिए नियमित रूप से मील्स लें और सीमित मात्रा में ही खाना खाएं। बार बार खाना खाने से कैलोरीज़ कंज्यूम होने लगती है। इससे शरीर में वेट एक्यूमुलेट होता जाता है। वेटलॉस के लिए छोटी मील्स लें और खुद को तनाव से दूर रखें।
8 से 10 घंटे की नींद न मिल पाना वेटलॉस (weight loss) रूटीन के लिए नुकसानदायक साबित होता है। नींद की कमी से एपिटाइट बढ़ने लगता है, जो ओवरवेट का कारण साबित होता है। भरपूर नींद लेने से वर्कआउट रूटीन रेगुलर बना रहता है और आलस की समस्या से भी राहत मिल जाती है।
अधिकतर लोग कार्डियो एक्सरसाइज़ पर ही अपना फोकस बनाए रखते हैं। इससे मसल्स मास प्रभावित होने लगता है। ओवरऑल शरीर को मज़बूत बनाए रखने और वेटलॉस जर्नी को हेल्दी बनाए रखने के लिए स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (strength exercise) करें। इससे शरीर में जमा चर्बी को दूर किया जा सकता है। साथ ही रोज़ाना वर्कआउट रूटीन को फॉलो करें।
वेटलॉस (weight loss) के लिए डाइट से कार्ब्स को हटाकर प्रोटीन को शामिल करना बेहद ज़रूरी है। इससे न केवल एपिटाइट (appetite) को नियंत्रित किया जा सकता है बल्कि मसल्स बिल्डिंग में मदद मिलती है। इसके अलावा आहार में ज़रूरी विटामिन और मिनरल भी शामिल करें। इससे शरीर में महसूस होने वाली बार बार महसूस होने वाली कमज़ोरी, चक्कर आना और आलस से मुक्ति मिल जाती है।
नियमित एक्सरसाइज़ वेटलॉस जर्नी (weight loss journey) को असफल बनाने का मुख्य कारण साबित होती है। दरअसल, रोज़ नियम के अनुसार एक्सरसाइज़ करने से शरीर में केमिकल्स रिलीज़ होने लगते हैं। इससे न केवल नींद की गुणवत्ता बढ़ती है बल्कि तनाव से भी राहत मिलती है। साथ ही शरीर में जमा कैलोरीज़ का बर्न करके पोश्चर को सुधारने में मदद मिलती है।
आहार में कार्ब्स को नियंत्रित करके फाइबर के इनटेक को बढ़ाएं। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह नियमित रहता है और मेटाबॉलिज्म (metabolism) भी बूस्ट होता है।
शुगर को आहार में शामिल करने से शरीर में अतिरिक्त कैलोरीज़ बढ़ने लगती है। इसके लिए आहार में तना भुना खाना शामिल न करें और मौसमी फलों का सेवन करें।
एक्सरसाइज़ को स्किप करने से बचें। सुबह के वक्त बढ़ने वाले आलस्य से राहत पाने के लिए वॉर्मअप करना न भूलें। इससे शरीर में एनर्जी का लेवल बना रहता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंभरपूर मात्रा में पानी पीएं। इससे शरीर में निर्जलीकरण का खतरा नहीं रहता है और ओवरइटिंग की संभावना भी कम हो जाती है। खाना खाने से 30 मिनट पहले पानी अवश्य पीएं।
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