एक सही कार्डियो वर्कआउट वजन कम करने में और बॉडी को टोन करने में हमेशा मदद करता है क्या आपको लगता है कि वह वर्कआउट तब तक वर्कआउट नहीं कहलाएगा जब तक उसमें हार्डकोर कार्डियो एक्सरसाइज नहीं होगी। तेज़ दौड़ लगाए बिना, सीढियां चढ़े बिना, हार्ड वर्कआउट किये बिना, पसीने में तरबतर हुए बिना और साइकिलिंग सेशन में जब तक जांघों में दर्द न होने लगे तब तक आपको तसल्ली नहीं होती।
खैर इसे समझना उतना भी मुश्किल नहीं कि यह दिल कि धड़कन को बढ़ाने वाला वर्कआउट आपको इतना पसंद क्यों है। क्योंकि यह जल्दी और बेहतर रिजल्ट देने के साथ-साथ वज़न भी कम करता है।
यह एक्सरसाइज कार्डियोवेस्कुलर हेल्थ और दिमाग को बेहतर फंक्शन करने में मदद करती है। इतना ही नहीं कार्डिओ मूड को भी बेहतर बनाता है तथा इसके और अन्य भी कई फायदे हैं।
कार्डियो ज्यादा करने परिणाम इसके विपरीत भी हो सकते हैं
कॉन्टीनुम स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपी एंड रेहाब सेंटर, मुंबई में फ़िज़ियोथेरेपिस्ट एंड फाउंडर, डॉ. कृति खेमानी लगभग चेतावनी देती हुए कहती हैं, “यदि आप बहुत अधिक कार्डियो करती हैं तो आप उन मसल्स को नुकसान पहुंचा सकती हैं जो आपने अब तक बनायी हैं।
जिसके नतीजे में आपके शरीर की वह मसल्स भी दर्द करने लगती हैं। जिन मसल्स का उस एरिया से कोई लेना देना भी नहीं होता जिस एरिया के लिए आप वर्कआउट कर रही थी।”
मसल्स को हो रहे नुकसान के कारण मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है और शरीर पहले की तरह कैलोरीज़ बर्न नही कर पाता। सबसे महवपूर्ण, जब मसल्स पहले से ही अधिक कार्डियो करने के कारण इतने कष्ट में हो, तब चोट लगने का खतरा दस गुना अधिक बढ़ जाता है। इसलिए अत्यधिक कार्डियो एक्सरसाइज सीधे तौर पर आपकी सेहत के लिए एक बुरा विकल्प हो सकता है।
संकेत: आप अत्यधिक कार्डियो कर रही हैं या नहीं
हमने कुछ पॉइंट्स के ज़रिए इसे आसान बना दिया है, ताकि आप पता लगा सकें कि आप उस सीमा रेखा को पार तो नहीं कर रही जिसकी चेतावनी एक्सपर्ट्स भी देते है। यहां डॉ. खेमानी खासतौर पर कुछ सुझावों के साथ इन पॉइंटस को बनाने में हमारी सहायता कर रही है।
हर समय थकान का सा एहसास रहता है और रात में अच्छी नींद लेने के बावजूद आपको तसल्ली नहीं होती। ओवर वर्कआउट करने के कारण शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन जैसे कोर्टिसोल बढ़ने लगते हैं। बिस्तर पर लेटने के बाद भी यह हॉर्मोन आपको एक्टिव रखते हैं। जिसकी वजह से नींद की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ता हैं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंकिसी भी दूसरी एक्सरसाइज कि तरह कार्डियो को भी यदि ज्यादा किया जाए तो चोट लगने की संभावना रहती है। यह नुक्सान छोटा या बड़ा भी हो सकता है। अक्सर छोटे-मोटे दर्द की हम अनदेखी कर देते हैं। लेकिन शरीर में होने वाला हर दर्द कुछ कहता है।
उसका कोई न कोई कारण ज़रूर होता है। अच्छा होगा यदि आप इस बात को किसी फ़िज़ियोथेरेपिस्ट या अपने कोच से ज़रूर सांझा करें। हो सके तो उनसे अपॉइंटमेंट लेकर जितना जल्दी हो सके इसका इलाज करवा लें।
अधिक कार्डियो करने के कारण शरीर मसल्स खो देता है और मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। नतीजतन शरीर में फैट जलने की प्रक्रिया पर असर पड़ता है। इसलिए आपका वेटलॉस भी पहले के मुकाबले धीमा हो जाता हैं।
यह मुमकिन है क्योंकि शरीर अभी पिछले दिन के अत्यधिक कार्डियो एक्सरसाइज से रिकवर नहीं कर पाया होता और आप अगले दिन फिर से इसे उसी रूटीन पर डाल रही होती हैं।
यदि आप अपनी हार्टबीट को रोज़ सुबह उठने के बाद मॉनिटर करते वक़्त पातें है कि वह 4 से 5 दिनों तक लगातार हाई रहती है। तब यह आपके लिए खतरे की घंटी है और आप अब समझ जाइये कि यह अत्यधिक कार्डियो करने के कारण ही हो रहा है।
ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि आपके दिल कि मसल्स आराम करना भूल जाती हैं। यह भी भूल जाती हैं कि कौन सा समय आराम करने का है। यह मसल्स आपके हार्ट-रेट को हमेशा बढ़ा कर रखती हैं।
कार्डियो करने का सही अनुपात हमेशा कुछ तथ्यों पर निर्भर करता है जैसे:- उम्र, मौजूदा मेडिकल हिस्ट्री के साथ हाल ही में लगी और पिछली चोटों की सही जानकारी। हालांकि, सेंटर्स फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDS) हर हफ्ते, 150 मिनट या उसे अधिक समय तक निम्न तीव्रता वाली फिजिकल एक्टिविटी की या फिर 75 मिनट या उसे अधिक समय तक तेज़ तीव्रता वाली एक्टिविटी करने की सिफारिश करता है।
यह आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए और बीमारियों से बचने के लिए काफी होगा। इस गाइडलाइन के आधार पर, आप हफ्ते में पांच बार 30 मिनट की सैर कर सकती हैं।
किसी भी चीज की अति बुरी होती है! मॉडरेशन में कार्डियो करें और अपने शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ टोंड भी करें। लेकिन याद रहे उसे बिना अधिक कष्ट दिए।