क्या आप जांघों की जिद्दी चर्बी से छुटकारा पाना चाहती हैं? यदि नियमित योगाभ्यास किया जाए,
किसे पसंद नहीं होगा एक सुडौल शरीर? लेकिन जरूरी नहीं कि हर किसी को टोन्ड बॉडी मिले। लोग इसके लिए प्रयास करते हैं कि एक्सरसाइज एवं डाइट के जरिये वे खुद को फिट रख सकें। फिर भी कई बार कुछ अंगों की चर्बी पिघलने का नाम नहीं (Thigh fat) लेती। जैसे कि जांघों में जमा फैट इतना जिद्दी होता है कि उससे छुटकारा पाने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। यहां हैं योगाचार्य के बताये 4 योगासन, जो जांघों की जिद्दी चर्बी को घटाने में मदद (yoga to reduce thigh fat) कर सकते हैं।
योगाचार्य आचार्य कौशल किशोर बताते हैं, ‘जांघों पर चर्बी इकट्ठा होने के कई कारण हो सकते हैं। आपकी निष्क्रिय लाइफ स्टाइल , बढ़ती उम्र, हॉरमोन्स का असंतुलन, आलस अथवा गलत खानपान भी इसके कारण हो सकते हैं। ऐसे में संतुलित आहार के साथ-साथ योगाभ्यास के जरिये आप अपनी जांघों में जमी जिद्दी चर्बी को कम कर, उसे सुडौल बना सकती हैं। आइए जानें उन कुछ योगासनों के बारे में जो आपके लिए मददगार हो सकते हैं।’
आचार्य कौशल किशोर बताते हैं, ‘यह आसन पैरों, विशेषकर जांघों एवं कमर की मांसपेशियों को उत्तेजित करता है, जिससे कि जांघों में जमी चर्बी कम होती है।
कैसे करें ? (How to do utkatasana)?
पहले ताड़ आसन की मुद्रा में खड़े हों। फिर आहिस्ता से अपने घुटनों एवं हिप्स के निचले हिस्से को आगे की ओर झुकाएं। ऐसा महसूस करें कि आप एक काल्पनिक कुर्सी पर बैठे हों। सांस भरें और अपनी हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं। कुछ सेकंड इसी स्थिति में रहें और सामान्य श्वास लेते रहें। शुरुआत में अपनी कमर को उतनी ही देर तक झुकाए रखें, जितना आपके लिए सहज हो। एक बार अभ्यास हो जाए, तो इसकी समयसीमा बढ़ा (yoga to reduce thigh fat) सकती हैं। ध्यान रखें कि घुटनों पर किसी प्रकार का जोर न पड़े।
आचार्य कौशल किशोर के अनुसार, ‘इसे वॉरियर पोज-2 (warrior pose 2) भी कहते हैं, जो आपकी जांघों के अंदरुनी हिस्से को कम करने में कारगर है। इससे पैरों एवं टखनों में खिचाव आता है, जो उन्हें मजबूत बनाता है। इसकी खासियत है कि इसमें दोनों पैरों का वर्क आउट हो जाता है।
कैसे करें ? (How to do virabhadrasana)?
अपने दोनों पैरों को खोलें। फिर बायें पैर को 45 से 60 डिग्री अंदर को मोड़ें और दाहिने पैर को 90 डिग्री बाहर की ओर मोड़ें। बायीं एड़ी के साथ दाहिनी एड़ी संरेखित करें। आहिस्ता से अपने हाथ उठाएं। जब तक कि हाथ सीधा आपके कंधों की सीध में न आ जाएं। इस दौरान पीठ बिल्कुल सीधी रहे और बायीं एड़ी मजबूती से जमीन पर टिकी रहे। इसके पश्चात् दाहिने घुटने को मोड़ें जब तक कि वह सीधा टखने के ऊपर न आ जाए।
अगर शरीर लचीला हो, तो अपनी जांघ को जमीन से समानांतर कर लें। सिर को 90 डिग्री दाहिनी ओर मोड़ लें। इस तरह, कुल पांच बार अंदर की ओर सांस लें और बाहर छोड़े। 30 से 60 सेकंड तक यह आसन करें। आसन से बाहर निकलने के लिए सिर को सीधा कर लें। फिर दाहिनी जांघ को उठाएं और हाथ नीचे कर लें। धड़ को वापस से सीधा कर लें और पैरों को अंदर की ओर (yoga to reduce thigh fat) ले आएं। दाहिनी ओर करने के पश्चात बायीं ओर भी ये सारी प्रक्रिया दोहराएं।
अगर नटराजासन की बात करें, तो यह तीन शब्दों से मिलकर बना है- नट, राज एवं आसन। नट का अर्थ होता है नृत्य और राज का मतलब होता है राजा। यानी नृत्य का राजा। यह आसन खड़े होकर किया जाता है, जिससे रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है।
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बीएमआई चेक करेंकैसे करें ? (How to do natarajasana)?
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले खड़े हों। फिर अपन बाएं पैर को पीछे उठाएं और घुटने को मोड़ें। बाएं हाथ की मदद से पैर के पंजे को पकड़ें। आंखों को सामने की ओर केंद्रित करें। इसके बाद दाएं पैर से संतुलन बनाने का प्रयास करें, जबकि दाएं हाथ को सीधा रखें। इस दौरान बाएं पैर को जितना ऊपर ले जा सकें, उतना अच्छा। आप 20 से 30 सेकंड तक इस स्थिति में रहें। फिर लंबी, गहरी सांस लें और शरीर को स्थिर रखें। दोबारा से पुरानी अवस्था में आने के लिए सबसे पहले बाएं पैर को नीचे रखें। फिर अपने बाएं हाथ को भी नीचे लेकर आएं। दूसरे पैर से भी यह प्रक्रिया दोहराएं। नटराजासन से न सिर्फ जांघें खुलती हैं, बल्कि पैरों में ऊर्जा का संचार होता है। ब्लड का संचार सुचारू रूप से होने के कारण उसमें ऑक्सीजन का प्रवाह भी अच्छा बना रहता है।
ऊंट के समान आकृति वाले इस आसन को कैमल पोज भी कहते हैं। यह एक ऐसा आसन है जिसे करने से सीने एवं जांघों की अतिरिक्त चर्बी कम होती है। ये शरीर के सामने के हिस्से को खोलने के साथ ही पेक्टोरल मांसपेशियों एवं हिप्स को जोड़ने वाले मसल्स को भी खोलता है। इससे पैरों, जांघों, सीने एवं पेट के नीचे की मांसपेशियां टोन होती है।
कैसे करें ? (How to do Ustrasana)?
यह आसन खाली पेट करना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। अगर शाम में करना चाहें, तो ध्यान रखें कि आपने भोजन कम से कम चार से छह घंटे पहले किया हो। आसन करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाएं और अपने हाथ को हिप्स पर रखें। आपके घुटने एवं कंधे एक सीध में होने चाहिए। जबकि पैरों के तलवे छत की तरफ। अंदर की ओर सांस भरें और रीढ़ की निचली हड्डी को आगे की तरफ ले जाएं। इस दौरान नाभि पर पूरा दबाव महसूस होना चाहिए। फिर कमर को पीछे की ओर मोड़ें। धीरे से हथेलियों की पकड़ पैरों पर मजबूत बनाएं। गर्दन को ढीला छोड़ दें। आप 30 से 60 सेकंड तक इस आसन को कर सकती (yoga to reduce thigh fat) हैं।
आचार्य कौशल किशोर के अनुसार, जिनके घुटनों में समस्या है, वे इन चारों आसन को नहीं करें। ये आसन उनकी समस्या को बढ़ा सकते हैं।