गलत खानपान और रहन सहन की वजह से अक्सर हम मोटापे का शिकार हो जाते हैं। इससे धीरे धीरे शरीर का वजन बढ़ने लगता है। अब बॉडी वेट को कम करने ने लिए हम कई प्रयास करते है। स्लिम और फिट बॉडी के लिए हम वेटलॉस जर्नी पर निकल पड़ते हैं। इसके लिए हम खाने पीने की आदतों में सुधार करते हैं। साथ ही वर्कऑउट भी करने लगते हैं। अगर किसी डाइटीशियन की गाइडेंस में वजन कम करने की दिशा में प्रयास कर रही हैं। तो इसमें आपका वज़न न सिर्फ पहले की तुलना में कम होगा। साथ ही आपका शरीर कुछ हेल्दी साइन्स(Healthy weight loss signs) भी दिखाने लगेगा।
वेटलॉस के लिए कोशिश करने का अर्थ मील को स्किन करना नहीं बल्कि मील में कुछ आवश्यक बदलाव लाना है। अगर आप बिना सोचे समझें खाना पीना छोड़कर डाइटिंग कर रहे हैं। तो शरीर में कमज़ोरी का अनुभव होने लगता है। साथ ही बार बार कुछ खाने को जी भी मचलता है। इस बारे में मनिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ नुट्रिशन और डाइटीटिक्स डॉ अदिति शर्मा बता रही हैं।
डॉ अदिति का कहना है कि बहुत से लोगों को मौसम बदलने के साथ हेयर ड्राइनेस की समस्या से जूझना पड़ता है। दरअसल, शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी का प्रभाव सीधेतौर पर हमारे बालों की ग्रोथ को भी डिस्टर्ब करता है। ऐसे में डाइटिंग के दौरान मील में बदलाव करके अगर आपके बाल बढ़ने लगे हैं। आपके बालों में रफनेंस कम महसूस हो रही है। तो इसका अर्थ है कि आपके शरीर में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं।
कुछ लोगों का मानना है कि खान पान में कटौती डाइटिंग है। इससे हम जल्दी वेटलॉस कर पाएंगे। मगर ऐसा नहीं है। डॉ अदिति का कहना है कि डाइटिंग का मतलब खाने को छोड़ना नहीं बल्कि मील में पौष्टिक आहार को सम्मिलित करना है। अगर आप फाइबर, विटामिन्स, मिनरल्स और प्रोटीन सही तरह से डाईट में शामिल कर लेते है। तो इससे आपका वज़न भी कम होगा और अब आप पहले की तुलना में ज्यादा ऊर्जावान महसूस करेंगे। साथ ही आपको भूख भी पहले से कम लगेगी। क्यों की आपकी डाइट में सही मात्रा में फाइबर एड हो चुका है।
एक स्टडी में पाया गया है कि महिलाओं में खासतौर से मेटाबॉलिक सिंड्रोम पाया जाता है। जो हमारे शरीर में खर्राटे भरने का कारण सिद्ध होता है। साथ ही वज़न बढ़ाने में भी कारगर साबित होता है। अगर डाइटिंग के दौरान आप खर्राटे नहीं ले रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपकी वेटलॉस जर्नी सही राह पर है।
वेटलॉस के दौरान आपकी बॉडी शेप में आने लगती है। अगर आपको भी पहले की तुलना में बॉडी में कुछ अंतर दिख रहा है। आपकी लेग्स, आमर्स और बैली फैट कम हो रहा है। यानि आपका शरीर पहले के मुकाबले स्लिम और फिट नज़र आ रहा है। तो इसका मतलब है कि आपका वज़न अब कम होना शुरू हो चुका है। साथ ही आपकी बॉडी अपनी पुरानी शेप में लौट रही है। बैड फैट्स धीरे धीरे बॉडी से डिटॉक्स हो रहे हैं।
डॉ अदिति शर्मा बता रही हैं कि हमारी डाइट फाइबर, विटामिन्स, मिनरल्स और एंटी ऑक्सीडेंटस से भरपूर होनी चाहिए।
हमें सुबह के नाश्ते को हेल्दी बनाने के लिए पोहा, उपमा या बाजरे और ज्वार की रोटी को एड करें। फाइबर रिच होने के कारण इससे आपको काफी देर तक भूख नहीं लगेगी।
पनीर, टोफू और योगर्ट समेत डेयरी प्रोडक्टस को अपनी मील में शामिल करें।
सर्दियों में प्यास कम लगती है। मगर पानी पीना न छोड़ें। आप खुद को हर दम हाइड्रेशन रखें। वर्कआउट से कुछ देर पहले या कुछ देर बाद गुनगुना पानी ही पीएं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंरूटीन एक्सरसाइज को नियमित तौर पर करें। घर से बाहर न निकलने की बजाय आप घर पर एरोबिक्स, योग और ट्रेडमिल पर दौड़ सकती हैं।
ऑयली खाने से दूर रहें। मौसमी फल और सब्जियों को डाइट का हिस्सा बनाएं। डाइट में विटामिन सी से भरपूर संतरा, आंवला, किन्नू, बीटरूट और टमाटर को शामिल करे।
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