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फिट रहना है तो खाना खाते वक्त फॉलो करें 80:20 का नियम, जानिए क्या है यह

आयुर्वेद में कहा गया है कि आपको हमेशा अपनी भूख का सिर्फ अस्सी फीसदी खाना खाना चाहिए। शेष बीस फीसदी भूख बचा कर रखनी चाहिए। जानिए आखिर क्यों कहा गया है ऐसा।
Published On: 21 Aug 2023, 05:57 pm IST
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खाने के लिए अपनाएं 80:20 फॉर्मूला। चित्र- अडॉबीस्टॉक

शायद किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे अच्छा और सबसे रिलैक्सिंग पल वही होता है, जब वो दिन भर की तमाम परेशानियों को भूल कर भोजन करता है। साथ ही अक्सर आपने यह भी सुना होगा कि ‘हमें जितनी भूख हो, उतना ही खाना चाहिए’। लेकिन आजकल के ‘मॉडर्न’ और बदलते युग में लगातार बढ़ती भागदौड़ और दैनिक जीवन में अलग-अलग तरह के कामकाज के चलते लोग डाइट और फिटनेस (fitness) की इन बेसिक आदतों को भूलते जा रहे हैं।

एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स के मुताबिक़ यदि हम अपनी भूख से थोड़ा कम खाते हैं, तो इससे हमें लंबे समय तक स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। इसके लिए वे हमेशा 80:20 का नियम फॉलो करने की सलाह देते हैं। हाल ही में आहार विशेषज्ञ डिंपल जांगड़ा ने भी भूख और भोजन के बारे में ऐसी ही एक पोस्ट शेयर की।

क्या है भूख और भोजन का 80:20 का फॉर्मूला

खाना खाने की कैपिसिटी और उससे होने वाली समस्याओं के बारे में बात करते हुए आहार विशेषज्ञ डॉ. डिंपल बतातीं हैं कि हमें हमेशा अपनी भूख से कम ही खाना चाहिए। ऐसा करने से हम अपच, पेट फूलना और पेट में एसिड बनने जैसी समस्याओं से काफी दूर रहेंगे और साथ ही ऐसा करने से हम लंबे समय तक स्वस्थ भी रहेंगे।

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खाने के लिए अपनाएं 80:20 फॉर्मूला। चित्र- अडॉबीस्टॉक

खाने की मात्रा और कैपेसिटी पर बात करते हुए डॉ. डिंपल कहतीं हैं कि हमें हमेशा अपनी भूख का 80 प्रतिशत ही खाना चाहिए और पेट के 20 प्रतिशत भाग को खाने के साथ होने वाली क्रियाओं के बाद पैदा होने वाले ‘रसों’ यानी जूस (Juices) के लिए छोड़ देना चाहिए।

क्यों फायदेमंद है भोजन का यह 80:20 फॉर्मूला

अक्सर आपने अपनी दादी-नानी से सुना होगा कि हमें थोड़ा कम खाना चाहिए। हमारे बड़े अक्सर इस बात पर दबाव इसलिए डालते थे, क्योंकि उन्हें उससे होने वाले स्वास्थ्य फायदों के बारे में बहुत जानकारी होती थी। आइए जानते हैं एक्सपर्ट और आयुर्वेद के इस मंत्र के फायदे।

1 पाचन दुरूस्त रहता है

दादी-नानी के समय में आहार की परंपराएं और ज्ञान आम होते थे और वे जानते थे कि कैसे भूख से कम खाकर भी स्वास्थ्य को बनाए रखा जाता है। इसलिए ही हमेशा से वे बात किया करते थे। इसका समर्थन करते हुए आहार विशेषज्ञ डिंपल जांगड़ा भी बताती हैं, कि इससे आपके पेट में पाचक रसों को उत्पन्न होने और काम करने का स्पेस मिल पाता है। जिससे पाचन तंत्र सही रहता है।

2 वेट लॉस में मददगार

हमेशा ज्यादा खाना वजन बढ़ाने के साथ जुड़ा है। वास्तव में भोजन के बाद आपका शरीर सुस्त हो जाता है और आराम की मांग करता है। इसकी वजह है कि ब्लड फ्लो ब्रेन से कम होकर पेट की तरफ बढ़ जाता है। आप जितना ज्यादा खाना खाते हैं, आपका आलस उतना ज्यादा बढ़ता है। इसलिए हमेशा भूख रखकर खाने की सलाह दी जाती है।

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3 ये आत्म-नियंत्रण को भी बढ़ाता है

अमूमन ऐसा होता कि आप अपनी पसंदीदा चीजों को भूख से भी ज्यादा खा लेते हैं। जबकि इस फॉर्मूला को फॉलो करने से आपको यह याद रहता है कि आपको कब रुकना है। जब आप भूख से कम खाती हैं, तो आपको पोर्शन कंट्रोल करने में मदद मिलती है। पोर्शन कंट्राेल रखना फिटनेस और अच्छे स्वास्थ्य का आधार है।

4 पेट की बीमारियों से बचाता है

आसान भाषा में पेट और उसकी फंक्शनिंग पर बात करते हुए डॉ.डिंपल ने बताया कि हमारा पेट एक ‘ब्लेंडर’ की तरह होता है, जैसे अगर हम ब्लेंडर को पूरा भर दें तो वो काम नहीं करेगा वैसे ही अगर हम अपने पेट को भी पूरा भर दें तो खाने के बाद होने वाली डाइजेस्टिव प्रोसेस में पैदा होने वाले जूस, पानी और हवा के लिए जगह ही नहीं बचेगी और इसी कारण से हमें तमाम पेट-संबंधी बीमारियां होना शुरू हो जाएंगी।

साथ ही उन्होनें कहा कि मान लीजिए अगर आपको चार रोटी की भूख हैं तो सिर्फ तीन रोटियां ही खाइये और पेट को थोड़ा खाली जरूर छोड़े।

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यह भी याद रखें

अपनी सेहत को और बेहतर बनाये रखने के लिए डॉ. डिंपल ने बताया कि हमें हमेशा खाना खाने के बाद कम से कम 100 कदम तो पैदल चलना ही चाहिए। पैदल चलने से खाना शरीर के निचले हिस्से में बैठ जाता है और साथ ही इससे खाने के पाचन में काफी सुविधा मिलती है।

खाने के पाचन प्रक्रिया को और सुचारु बनाने के लिए हमे योग करना चाहिए। डॉ. डिंपल बताती हैं कि खाने के पाचन के लिए हमें वज्रासन करना चाहिए। वज्रासन करने से खाना हमारे शरीर में लगता है और पाचन बेहतरीन ढंग से होती है।

यह भी पढ़ें : दिन भर भूख लगते रहना हो सकता है पोषण की कमी का संकेत, यहां जानिए भूख को ट्रिगर करने वाले 5 कारण

 

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
कार्तिकेय हस्तिनापुरी
कार्तिकेय हस्तिनापुरी

पिछले कई वर्षों से मीडिया में सक्रिय कार्तिकेय हेल्थ और वेलनेस पर गहन रिसर्च के साथ स्पेशल स्टोरीज करना पसंद करते हैं। इसके अलावा उन्हें घूमना, पढ़ना-लिखना और कुकिंग में नए एक्सपेरिमेंट करना पसंद है। जिंदगी में ये तीनों चीजें हैं, तो फिजिकल और मेंटल हेल्थ हमेशा बूस्ट रहती है, ऐसा उनका मानना है।

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