यह एक सामान्य अवलोकन है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को वजन कम करना अधिक कठिन लगता है। लेकिन ऐसा क्यों है? हम अक्सर देखते हैं महिलाओं को केवल वजन कम करने में ही अधिक मेहनत की आवश्यकता नहीं होती बल्कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का वजन भी जल्दी और अधिक बढ़ता है। अक्सर महिलाओं के मन में यह सवाल बना रहता है। तो आज हेल्थ शॉट्स के इस लेख के माध्यम से जाने अपने सवालों के जवाब।
न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ टोटल की फाउंडर अंजलि मुखर्जी ने पुरुषों की तुलना में महिलाओं को वेट लूज करने में होने वाली अधिक परेशानी के कारणों पर बात की है। तो चलिए जानते हैं आखिर ऐसा क्यों होता है (weight gain in women)।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं का वजन अधिक और तेजी से बढ़ता है। यह प्यूबर्टी के वक्त से ही शुरू हो जाता है। प्यूबर्टी आने पर ज्यादातर लड़कियों में वेट गेन देखने को मिलता है तो वहीं लड़कों का वजन कम होता है। हालांकि, एडल्टहुड आते-आते दोनों के बॉडी में 35 से 40% तक फैट होता है। वहीं महिलाएं अधिक आसानी से वेट गेन कर लेती हैं, जिसकी वजह से उन्हें वेट लॉस के वक्त भी अधिक स्ट्रगल करना पड़ता है।
महिलाओं में मेटाबॉलिज्म स्लो होने की वजह से एक सामान्य शारीरिक गतिविधियों को करने के बाद भी पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम मात्रा में कैलोरी बर्न कर पाती हैं। इस प्रकार पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए वेट लूज करना अधिक चैलेंजिंग हो जाता है।
पुरुष और महिला दोनों में फैट डिस्ट्रीब्यूशन और स्टोरेज कैपेसिटी अलग-अलग होती है। पुरुष अपने पेट के आसपास के हिस्सों में फैट स्टोर करते हैं, वहीं महिलाएं हिप और थाइज के एरिया में फैट स्टोर करती हैं। इस स्थिति के लिए हार्मोनल पैटर्न जिम्मेदार होते हैं। हिप और थाइज में जमें फैट अधिक जिद्दी होते हैं, जिसकी वजह से महिलाओं के लिए इन्हें लूज करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
पुरुषों में फैट स्टोरेज उनके पेट के निचले हिस्से में होता है, जिसे थाइज और हिप्स की तुलना में आसानी से बर्न किया जा सकता है। इसके साथ ही पुरुषों के शरीर में महिलाओं की तुलना में अधिक मांसपेशियां होती हैं, जिसकी वजह से भी पुरुषों की फैट बर्निंग कैपेसिटी अधिक होती है। मांसपेशियां फैट बर्न करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
आमतौर पर पुरुष पेट के चारों ओर फैट स्टोर करते हैं और पेट की चर्बी हार्ट डिजीज और डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देती है। कई बार महिलाओं में भी पुरुषों के जैसा फैट डिस्ट्रीब्यूशन होता है, इस स्थिति में उन महिलाओं में भी इन स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा मोटापे से ग्रसित पुरुषों को महिलाओं की तुलना में हाइपरटेंशन और हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल जैसी समस्याओं का खतरा अधिक होता है।
नोट: आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं है। एक स्वास्थ्य-आधारित भोजन योजना के लिए पोषण विशेषज्ञ से परामर्श लें जो आपके शरीर की आवश्यकताओं के अनुरूप हो। सही दृष्टिकोण के साथ, आप अपने वजन घटाने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकती हैं साथ ही अंदर से सक्रिय और जीवंत महसूस कर सकती हैं।
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