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कीटो डाइट वेट लॉस में हो सकती है मददगार, इन 4 कारणों से आहार विशेषज्ञ करते हैं इसकी सिफारिश

बड़े पैमाने पर लोग फिटनेस गोल्स को पूरा करने के लिए कीटो डाइट फॉलो कर रहे हैं। इससे न केवल वज़न को घटाया जा सकता है बल्कि ऊर्जा में भी वृद्धि होने लगती है। इसके अलावा शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद मिल जाती है
Published On: 12 Sep 2024, 03:03 pm IST
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मनीषा गोयल
इनपुट फ्राॅम
Keto diet ke fayde
कीटो डाइट हाई फैट, मॉडरेट प्रोटीन और लो कार्ब डाइट होती है। इसमें वसा से एनर्जी उत्पन्न करके वेटलॉस में मदद मिलती है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी आहार बेहद आवश्यक है। इससे न केवल बीमारियों से बचा जा सकता है बल्कि वेटलॉस में भी मदद मिलती है। इन दिनों कीटो डाइट (keto diet benefits) का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है। बड़े पैमाने पर लोग इसे अपने फिटनेस गोल्स (fitness goals) को पूरा करने के लिए फॉलो कर रहे हैं। इसकी खास बात ये है कि इसके अनुरूप आहार का सेवन करने से न केवल वज़न को घटाया जा सकता है बल्कि ऊर्जा में भी वृद्धि होने लगती है। इसके अलावा शरीर में ब्लड शुगर लेवल (blood sugar level) को नियंत्रित रखने में मदद मिल जाती है। जानते हैं कीटो डाइट वेटलॉस (Keto diet to lose weight) में किस प्रकार फायदा पहुंचाती है।

कीटोडाइट किसे कहते हैं

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार कीटो डाइट (keto diet) हाई फैट (high fat), मॉडरेट प्रोटीन (moderate protein) और लो कार्ब डाइट (low carb diet) होती है। इसमें वसा से एनर्जी उत्पन्न करके वेटलॉस में मदद मिलती है। कीटो डाइट में कार्ब बहुत कम या बिल्कुल नहीं होते, जिसके चलते वजन बढ़ने को कंट्रोल किया जा सकता है। इस डाइट को नियमित तौर पर फॉलो करने से इंसुलिन सेंसिटीविटी (tips to improve insulin sensitivity) को इंप्रूव करके ब्लड शुगर मैनेजमेंट में मदद मिलती है।

जर्नल ऑफ क्लीनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म के अनुसार कीटोजेनिक डाइट लो फैट डाइट (low fat diet benefits) की तुलना में ज्यादा फायदेमंद साबित होती है। इसे फॉलो करने से दो गुणा तेज़ी से वेटलॉस किया जा सकता है। इससे कोलेस्ट्रॉल (causes of cholesterol) और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर में भी सुधार आने लगता है।

वेटलॉस के लिए एक्सरसाइज़ के दौरान कीटो डाइट का सेवन करने से शरीर को फायदा मिलता है। हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार कीटो डाइट शरीर में एनर्जी को बढ़ाने के लिए फैट पर निर्भर करता है। इस डाईट को आहार में शामिल करने से लो इंटेंसिटी वर्कआउट (benefits of low intensity exercise) में मदद मिलती है। इस डाईट में कार्ब्स की जगह फैट्स को बर्न करने में मदद मिलती है।

कीटोडाइट में किन चीजों को शामिल किया जाता है (What things are included in the keto diet) 

इस बारे में डायटीशिन मनीषा गोयल बताती है कि कीटो डाइट में शरीर एनर्जी के लिए वसा पर निर्भर करता है। इसके लिए शरीर में कार्ब्स 5 से 10 फीसदी, वसा 70 से 75 फीसदी और प्रोटीन मध्यम रखा जाता है। इसकी मात्रा 20 से 25 फीसदी तक रहती है। इसे उचित प्रकार से किसी एक्सपर्ट की देखरेख में लेने से वेटलॉस के अलावा डायबिटीज़, कैंसर और अल्ज़ाइमर में भी ये डाइट फायदेमंद साबित होती है। इसके लिए आहार में मांस, मछली, ब्रोकली, शिमला मिर्च, जैतून का तेल और डेयर उत्पाद को भी शामिल करे। इसके अलावा फलों का रस, चावल और स्टार्च युक्त सब्जियों को शामिल किया जा सकता है।

Keto diet kaise kareinaahar mei shaamil
कीटो डाइट में शरीर एनर्जी के लिए वसा पर निर्भर करता है। इसके लिए कार्ब्स 5 से 10 फीसदी, वसा 70 से 75 फीसदी और प्रोटीन की मात्रा 20 से 25 फीसदी तक रहती है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

जानिए वेट लॉस में किस तरह मददगार है कीटो डाइट (How keto diet reduce weight)

1. मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है

आहार में प्रोटीन की मात्रा को नियमित बनाए रखने से हंगर हार्मोन घ्रेलिन के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। इससे तृप्ति बढ़ने लगती है और कैलोरी इनटेक अपने आप कम होने लगता है। प्रेटीन के सेवन से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे एपिटाइट को नियंत्रित (tips to supress appetite) करके कैलोरी स्टोरेज से राहत मिलती है।

2. कम होता है विसरल फैट

नेशनल इंस्टीयूट ऑफ हेल्थ के अनुसार कीटो डाइट को लो कार्ब डाइट कहा जाता है, जिसमें कार्ब को फैट्स से रिप्लेस कर दिया जाता है। 28 लोगों पर की गई एक स्टडी में पाया गया कि लो फैट डाइट की तुलना में कीटो डाइट से विसरल फैट को कम किया जा सकता है। इस डाइट में शरीर कीटो अधिक वसा और कम कार्बस के साथ शरीर मेटाबॉलिक स्टेट में आ जाता है, जिसे किटोसिस कहा जाता है।

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3. भूख नियंत्रित होती है

हाई फैट डाइट का सेवन करने से हंगर हार्मोन को नियंत्रित किया जा सकता है। आहार में फैट्स को शामिल करने से गट माइक्रोबायोटा में परिवर्तन आने लगता है, जो बार बार होने वाली क्रेविंग्स को कम कर देता है। इससे शरीर में जमा होने वाली चर्बी से बचा जा सकता है।

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हाई फैट डाइट का सेवन करने से हंगर हार्मोन को नियंत्रित किया जा सकता है। चित्र: अडोबी स्टॉक

4. फोकस और एनर्जी बढ़ती है

ब्लड शुगर लेवल को स्टेबलाइज़ करने में कीटो डाइट फायदेमंद है। इससे न केवल शरीर में एनर्जी का लेवल बढ़ने लगता है बल्कि इससे ब्रेन फंक्शनिंग को भी इंप्रूव किया जा सकता है। इससे शरीर में बढ़ने वाली थकान और कमज़ोरी दूर होने लगती है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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