क्या आपने कभी सोचा है कि आपके पैरों का आर्च आपके जीवन को कितना प्रभावित कर सकता है? फ्लैट फीट, जिसे हम सामान्यतः अनदेखा कर देते हैं, वास्तव में एक ऐसी स्थिति है जो न केवल चलने में कठिनाई पैदा कर सकती है, बल्कि कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकती है। आज हेल्थ शॉट्स में हम जानेंगे कि क्याें कुछ लोगों के पैर समतल या फ्लैट फीट (Causes of flat feet) होते हैं। इसके कारणों के बारे में जानने के साथ ही हम एक्सपर्ट से बात करेंगे इसमें मददगार कुछ एक्सरसाइज (Exercises for flat feet) के बारे में।
इस बारे में नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम में कंसल्टेंट – ऑर्थोपेडिक्स, डॉ. हेमंत बंसल, बताते है कि फ्लैट फ़ुट यानी समतल पैर एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक या दोनों पैरों का आर्च या गोलाकार ऊपरी हिस्सा बिल्कुल नहीं होता है। इससे पैरों का पूरा तल जमीन को छूता है, जो चलने और खड़े होने में समस्या पैदा कर सकता है।
जब गीले पांव जमीन पर चलते हैं तो पांव के मार्क आधे ही नीचे छपते हैं. लेकिन, फ्लैट फुट वाले लोगों के फुट मार्क पूरी तरह जमीन पर बन जाते हैं। सभी बच्चे जन्म के समय फ्लैट फीट के साथ होते हैं। आमतौर पर, 6 वर्ष की आयु तक आर्च विकसित हो जाती है। लगभग 20% बच्चे वयस्क होने पर भी फ्लैट फीट के साथ रहते हैं। कुछ वयस्कों में आर्च ढह जाती है, जिसे “फॉलन आर्च” भी कहा जाता है।
फ्लैट फीट अधिकांश लोगों के लिए गंभीर समस्या नहीं होती। यदि फ्लैट फीट से दर्द या अन्य समस्याएँ होती हैं, तो उपचार भी उपलब्ध हैं।
फ्लैट फीट की समस्याएँ बचपन के बाद भी बनी रह सकती हैं या वयस्कता में विकसित हो सकती हैं। फ्लैटफुट के प्रकार में शामिल हैं:
यह सबसे सामान्य प्रकार है। जब आप खड़े नहीं होते हैं, तो आर्च दिखती है, लेकिन जब वजन डालते हैं, तो आर्च गायब हो जाती है। यह आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था में होती है।
इसमें खड़े या बैठे रहने पर पैरों में कोई आर्च नहीं होती। यह किशोरावस्था में विकसित होती है और उम्र के साथ खराब होती है। पैरों में दर्द और गति में कठिनाई हो सकती है।
इस स्थिति में अचानक आर्च गिर जाती है। यह आमतौर पर एक पैर को प्रभावित करती है और दर्दनाक हो सकती है।
कुछ बच्चों में जन्मजात विकार होता है जो आर्च के विकास को रोकता है। इसमें टालस हड्डी गलत जगह में होती है।”
डाॅ बंसल आगे कहते हैं कि “यदि इसके कारणों की बात की जाए तो ये जन्मजात भी हो सकता है यानी यह जन्म से ही हो सकता है। फ्लैट फीट का होना जेनेटिक कारण से हो सकता है। इसके अलावा, उम्र बढ़ने, चोट लगने, हड्डियों के टूटने, मोटापे, या अत्यधिक चलने-फिरने से भी यह समस्या हो सकती है।
कुछ मामलों में, डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर और रुमेटीइड अर्थराइटिस जैसी बीमारियां भी समतल पैर का कारण बन सकती हैं। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, आर्च बनती हैं। कुछ लोगों में बड़े होने के बाद पैरों में फ्लैट फीट की समस्या बनती है।”
इसके लक्षणों को समझाते हुए डाॅ. बंसल बताते हैं कि “कई लोग फ्लैट फुट के साथ दर्द का अनुभव नहीं करते हैं। लेकिन कुछ प्रकार के फ्लैटफुट दर्दनाक हो सकते हैं। इसके लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
• पैर की मांसपेशियों का दर्द
• आर्च, एंकल, हील या पैरों के बाहर दर्द
• चलने में कठिनाई
• गति का धीमा होना
• अंगूठों का बाहर की ओर मुड़ना
• पंजों में सूजन
• कमर या रीढ़ की हड्डी में दर्द
• पंजों में अकड़न या भारीपन
समतल पैर की स्थिति वाले लोगों को अक्सर पैर, टखने, घुटने और कमर में दर्द की शिकायत होती है, क्योंकि शरीर का भार सही तरीके से बंट नही पाता है। इससे चलते समय संतुलन खराब हो सकता है और पैर में थकान जल्दी हो जाती है। लंबे समय तक इस स्थिति को अनदेखा करने से घुटने और रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है, जिससे आगे चलकर आर्थराइटिस या अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
ऐसे में इस समस्या के उपचार के लिए आपको विशेष जूते या इनसोल का उपयोग, फिजियोथेरेपी, स्ट्रेचिंग और मांसपेशियों को मजबूत करने के व्यायाम अपनाने चाहिए। जैसे
इस व्यायाम को दिन में दो बार करें।
गंभीर मामलों में डॉक्टर सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं। आपका ऑर्थोपेडिक सर्जन आपके पैरों में आर्च बना सकता है, टेंडन की मरम्मत कर सकता है, या आपकी हड्डियों या जोड़ों को जोड़ सकता है। यह समस्या होने पर आपको तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।”
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