दिनभर कुर्सी पर बैठकर घंटों काम करने से शरीर गतिहीन होने लगता है और शरीर के पोश्चर में बदलाव नज़र आने लगता है। कंधे धीरे धीरे आगे की ओर झुकने लगते हैं। इसके अलावा रोजमर्रा के कार्यों को करने में भी शरीर को तकलीफ का सामना करना पड़ता है। दरअसल, मसल्स में आने वाली स्टिफनेस और शरीर का बदल रहा पोश्चर ऐंठन और दर्द का कारण साबित होता है। शरीर को हेल्दी और एक्टिव बनाने के लिए एग्क्सरसाइज़ को रूटीन में शामिल करना आवश्यक है। इससे मसल्स स्ट्रेच होने लगते है। जानते हैं शरीर के पोश्चर को ठीक करने के लिए किन एक्सरसाइज़ को करें दिनचर्या में शामिल (4 Exercise to fix bad posture)।
लगातार घंटों काम करने के चलते कंधों में ऐंठन के अलावा वे आगे की ओर झुकने लगते हैं। इससे शरीर का पोश्चर खराब होता है और शरीर को कई प्रकार की दर्द का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के लिए चेस्ट ओपनर का नियमित अभ्यास करें।
इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के मध्य दूरी बनाकर रखें।
उसके बाद दोनों बाजूओं को सीधा करते हुए पीछे की ओर लेकर जाएं और दोनों हाथों को जोड़ लें। गर्दन को भी पीछे की ओर लेकर जाएं।
हाथों को पीछे की ओर खीचें और फिर पीठ को हाथों से छूएं। इससे शरीर में बढ़ने वाली स्टिफनेस से राहत मिलने लगती है।
30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस एक्सरसाइज़ की प्रैक्टिस करने के बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन और दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए फॉरवर्ड फोल्ड एक्सरसाइज़ की प्रैक्टिस करें। इसे करने से शरीर के पोष्चर को बेहतर बनाया जा सकता है। इससे शरीर के निचले में मांसपेशियों में बढ़ने वाली कान्टरेक्शन से राहत मिल जाती है।
इसे करने के लिए सबसे पहले मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों पैरों के मध्य दूरी बनाकर रखें।
धीरे धीरे कमर से शरीर को नीचे की ओर झुकाएं और दोनों हाथों को जमीन पर लगाकर रखें।
अब सीधे खड़े हो जाएं और फिर नीचे झुककर हाथों से जमीन को छूएं। साथ ही गहरी सांस लें और छोड़ें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करें8 से 10इस प्रक्रिया को दोहराने से शरीर में पोश्चर में आए बदलाव को इंप्रूव किया जा सकता है।
हैमस्ट्रिंग, शोल्डर्स और ग्लूटस की मज़बूती के लिए हाई प्लैंक एक बेहतरीन विकल्प है। इसकी मदद से शरीर में बढ़ने वाली स्टिफस दूर होने लगती है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित बना रहता है। नियमित तौर पर इसे करने से मसल्स में लचीलापन बढ़ता है।
इसे करने के लिए घुटनों के बल मैट पर बैठ जाएं और अब कमर को उपर उठाएं और दोनों हाथों को जमीन
पर रखकर कैट काव मुद्रा में आ जाएं। अब दोनों टांगों को पीछे की ओर ले जाएं और पंजों के बल खड़े हो जाएं। इस दौरान गहरी सांस लें और छोड़़ें।
प्लैंक के दौरान कंधों पर पूरे शरीर का वज़न आने लगता है। इससे शरीर की मोबिलिटी बनी रहती है।
इस एक्सरसाइज़ के नियमित अभ्यास से ग्लूट को मज़बूती मिलती है और लोअर बैक पेन भी कम होने लगता है। पेल्विक और हिप मसल्स को मज़बूती मिलने से शरीर हेल्दी बना रहता है।
इस एक्सरसाइज को करने के लिए पीठ के बल मैट पर सीधे लेट जाएं।
उसके बाद अपने घुटनों को मोड़ लें। अब दोनों बाजूओं को सीधा रखें और जमीन से चिपका लें।
अब कमर को धीरे धीरे उपर की ओर उठाएं और पैरों को जमीन पर टिकाए रखें।
इससे शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है। गहरी सांस लें और उसे कुछ देर होल्ड करके फिर छोड़ें।
30 सेकण्ड से लेकर 1 मिनट तक अपने शरीर के स्टेमिना के अनुसार इस मुद्रा को करें।
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