अगर आप ये मानते हैं कि एक्सरसाइज़ से शरीर का वज़न कम किया जा सकता है, तो ये सहीं है। मगर साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी यानि लचीलापन भी बढ़ने लगता है। व्यायाम का मकसद मांसपेशियों की मज़बूती को बढ़ाकर कैलोरी बर्न करना होता है। अधिकतर स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ शरीर की स्टिफेस को दूर करती हैं, जिससे शरीर में खुद ब खुद लचीलापन बढ़ जाता है। एक्सरसाइज़ को नियमित रूप से करने से शरीर की कार्यक्षमता बढ़ने लगती है और बॉडी फिट रहती है। जानते हैं शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी को मेंटेन करने वाली 4 एक्सरसाइज़ और ये शरीर के लिए क्यों है ज़रूरी।
इस बारे में लाइफस्टाइल कोच पूजा मलिक बताती हैं कि अपने शरीर को हिलाना डुलाना और रोज़ाना कुछ वक्त एक्सरसाइज़ के लिए निकालने से जोड़ों का तनाव कम होने लगता है। इससे दर्द भी घटने लगती है, जिससे एक्सरसाइज़ करने में मदद मिलती है। कुछ लोगों का बिना किसी दर्द और ऐंठन के फ्रंट बैण्ड और बैक बैण्ड एक्सरसाइज़ दर्द बिना महसूस किए आसानी से करते है। वहीं कुछ लोगों को हिलने डुलने में दर्द महसूस होता है। ऐसे लोगों के शरीर में लचीलेपन की कमी पाई जाती है।
नेशनल अकेडमी ऑफ स्पोर्टस मेडिसिन के अनुसार रेगुलर एक्सरसाईज़ शरीर के लिए फायदेमंद है। वे लोग जो नियमित रूप से एक्सरसाइज़ कर रहे हैं, उनके चोटिल होने का खतरा कम हो जाता है। साथ ही मसल्स का बैलेंस बना रहता है और शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है।
ह्यूमन काईनेटिक जर्नल हे अनुसार एक सप्ताह में 5 बार स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ करने से हृदय संबधी रोगों का खतरा कम होने लगती है। इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित बना रहता है। साथ ही फिजिकल और मेंटल हेल्थ बूस्ट करने में मदद मिलती है।
उम्र बढ़ने के साथ लचीलापन कम होने लगता है। मगर फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग से लोअर बॉडी में लचीलापन बढ़ता है, शरीर का संतुलन बना रहता है और पीठ की मांसपेशियों की मज़बूती को बढ़ाने में मदद कर सकती है।
रोज़ाना इस एक्सरसाइज़ का अभ्यास करने से टांगों की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। इयके अलावा शरीर में बढ़न वाली स्टिफनेस को भी दूर किया जा सकता है। वे लोग जो उम्र के साथ जोड़ों की समस्या का सामना करते हैं। उनके लिए ये बेहद फायदेमंद है।
इसे करने के लिए अपने दाहिने पैर को आगे बढ़ाएं और थोडी सा उंचाई पर अपने पैर की एड़ी को टिका लें। अब बाएं पैर को पीछे की ओर लेकर जाएं। उसके बाद दांए हाथ को दाईं थाइज पर रखें और नीचे की ओर झुकें। जहां तक दर्द न हो शरीर को वहीं तक नीचे की ओर झुकाएं। अपनी नज़र को जूतों पर टिकाकर रखें। 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहने के बाद पैर को स्विच कर लें।
स्टैंडिंग काफ स्ट्रेच करने से लोअर बैक की दो मांसपेशियों को सक्रिय करने में मदद मिलती है। इसके लिए गैस्ट्रोकनेमियस और सोलस मसल्स में बढ़ने वाली ऐंठन कम होने लगती है। इससे शरीर को दौड़ने और कूदने में मदद मिलती है।
इसे करने के लिए दीवार की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं। अब अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए आगे की ओर रखें। वहीं बाएं पैर को पीछे की ओर लेकर जाएं। दोनों बाजूओं को सीधा रखें और हाथों को दीवार पर चिपका ले। 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहने के बाद टांग को स्विच कर लें।
शरीर के पोश्चर को बेहतर बनाने के लिए साइड लंजेस का अभ्यास किया जाता है। इससे पेल्कि मसल्स को भी मज़बूती मिलती है। साथ ही शरीर में बल्ड सर्कुलेशन नियमित बना रहता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंइसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों हाथों को आपस जोड़ लें। इसके बाद दांए घुटने को मोड़ लें और बाई टांग को फैलाकर सीधा कर लें। 20 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहने के बाद दूसरी टांग को फैलाएं। इससे थाइज़ में बढ़ने वाली सेल्युलाईट की समस्या से बचा जा सकता है।
फॉरवर्ड लंजेस करने से टांगों में क्वाड्स, काफ और हैमस्ट्रिंग मसल्स को मज़बूती मिलती हैं। इससे बैली फैट भी कम होने लगता है और शरीर एक्टिव बना रहता है। इसे रोज़ करने से इंटरनल स्टेबलाइजर मसल्स को फायदा मिलता है।
शरीर में लचीलेपन को बढ़ाने के लिए फॉरवर्ड लंजेस का अभ्यास करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को कमर पर टिका लें। अब बिना किसी सहारे के दाई टांग को घुटने से मोड़ते हुए पैर जमीन पर टिकाएं। वहीं बांए घुटने को जमीन पर रखें। उसके बाद टांग को स्विच कर लें। 2 से 3 बार 20 सेट्स में इस एक्सरसाइज़ को करने से शरीर का लचीलापन बढ़ने लगता है।
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