अनियमित पीरियड (Irregular periods), हैवी ब्लड फलो (Heavy blood flow), कमर में दर्द रहना समेत ऐसी कई समस्याएं हैं ,जो पीरियड्स के दौरान हमें झेलनी पड़ती है। 28 दिनों की इस साइकिल में अगर 38 दिनों तक आपको पीरियड्स (Periods) नहीं होते हैं, तो इसका अर्थ है कि आपकी पीरियड साइकिन इररेगुलर है। डॉक्टरी जांच के साथ साथ योग इस समस्या से निपटने का एक आसान और बेहतर उपाय है (yoga poses for irregular periods) । योग की मदद से न केवल साइकिल रेगुलर होनी शुरू होगी बल्कि कमर और पेट में होने वाला दर्द भी धीरे धीरे कम होने लगेगा।
घुटने मोड़कर पैरों के बल किए जाने वाले आसान को वज्रासन कहा जाता है। इस आसन को करते हुए आप अनुलोम विलोम और प्राणायाम आसन भी आसानी से कर सकते हैं। ये आसान योग आपको कई समस्याओं से बाहर निकाल सकता है।
इसे करने के लिए जमीन पर पैरों को पीछे की ओर मोड़कर बैठ जाएं।
अब रीढ़ की हड्डी को एक दम सीधा कर लें। दोनों आंखे बंद रखें
इसके बाद दोनों हाथों को घुटनों पर टिका लें और अंगूठे को इंडेक्स फिंगर को छूएं।
इसी मुद्रा में जब तक संभव हो सके बैठें और किसी भी मंत्र का उच्चारण करें।
इससे पेट संबधी समस्याएं दूर हो जाती है।
कमर और हिप्स में रहने वाले दर्द से राहत मिलती है।
पेल्विक एरिया मज़बूत बनता है और पीरियड में होने वाले दर्द से मुक्ति मिल जाती है।
बार बार यूरिन आने या यूरिन नियंत्रित न कर पाने की समस्या से भी छुटकारा मिल जाता है।
सांप की तरह फन उठाए हुए मुद्रा में लेटकर किए जाने वाले इस आसन को भुजंगासन कहते है। पेट के बल किए जाने वाले इस आसन से रीढ़ की हड्डी को मज़बूती मिलती है। साथ ही मासिक धर्म के दौरान होने वाली पीड़ा से भी राहत मिलती है।
इसे नियमित तौर पर करने से पेटी की बढ़ी हुई चर्बी घटने लगती है।
लगातार बैठने से गर्दन और कंधों में उठने वाले दर्द से भी राहत मिलती है।
मांसपेशियों में होनी ऐंठन भी खत्म हो जाती है और मसल्स फलैस्किसबल हो जाते है।
गर्दन पर जमा फैट्स भी बर्न होने लगते है।
इसे करने के लिए सबसे पहले पेट के बन मैट पर लेट जाएं।
उसके बाद हाथों को सिर के दोनों ओर टिका लें
अब धीरे धीरे उपर की ओर उठें।
बाजूओं को खिंचाव दें और गर्दन को पीछे की ओर ले जाएं।
सिर को उपर ले जाने के बाद चेस्ट को भी उठाएं।
इस दौरान सांस लें और छोडें। इस योग को अधिक से अधिक एक मिनट तक करे।
शुरूआत दौर में आप इसे 30 सेंकण्ड तक करें।
बच्चों के समान बैठकर किए जाने वाले आसन को बालासन कहा जाता है। इस आसन में पैरों के बल बैठकर दोनों हाथों को आगे की ओर फैलाना है। इससे पेट संबधी समस्याएं दूर होती है। इसके अलावा पीरियड ब्लॉटिंग की समस्या भी इस आसन से हल हो सकती है। इस आसन को करने के लिए आप सिर के नीचे तकिया भी टिका सकते हैं। प्रेगनेंट महिलाओं को इसे आसन को करने से परहेज करना चाहिए। अगर आपको घुटनों के दर्द की समस्या है, तो डॉक्टरी सलाह के बाद ही इसे करें।
इसके लिए दो पैरों को जोड़कर एड़ियों के सहारे बैठ जाएं। उसके बाद दोनों बाजूओं को उपर की ओर खीचें।
दोनों हाथों को मिलाते हुए आगे की ओर झुक जाएं। जमीन पर सिर को टच करें
इस योग के दौरान हाथों को खुला छोड़ दें। इस आसन को 30 सेकेण्ड से ज्यादा न करें।
इस आसन में एड़ियां, हिप्स और थाइज़ स्ट्रेच होते हैं, जिससे इन अंगों में मौजूद स्टिफनैस दूर होती है।
इससे शरीर में ब्लड फ्लो नियमित होता है।
इसे नियमित तौर पर करने से अनिद्रा और पीरियड में होने वाले पेन से भी राहत मिल जाती है।
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