हमारे कूल्हे कितना दिन कितना तनाव और परेशानी झेलते हैं, इसका अंदाजा हमें तब तक नहीं होता, जब तक स्थिति गंभीर नहीं हो जाती। जब तक आप अपने शरीर के इस हिस्से को हिलाएंगे नहीं या उस पर काम नहीं करेंगे, तब तक समस्या कम होने वाली नहीं है। लंबे समय तक कुर्सी पर बैठे रहने के कारण हिप्स का तनाव और स्टिफनेस बढ़ने लगती है। जिससे वे चौड़ और बेडौल भी हो सकती हैं। अगर आप भी हिप्स का तनाव कम कर लचीलापन बढ़ाना चाहती हैं, तो इन एक्सरसाइज को अपने वर्कआउट रुटीन में जरूर शामिल करें।
फिटनेस और वेलनेस एक्सपर्ट यश अग्रवाल बताते हैं कि आपके कूल्हे के फ्लेक्सर्स, यानी आपके कूल्हे की हड्डियों के ठीक नीचे की मांसपेशियां, आपके चलने के तरीके में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस मांसपेशी समूह में इलियोपोसा, रेक्टस फेमोरिस और सार्टोरियस शामिल हैं। घुटनों को ऊपर उठाना और कमर को झुकाना, चलना, दौड़ना और बैठने की स्थिति से लेकर खड़े होना तक सारी जिम्मेदारी इन्हीं पर होती है। इसलिए इन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
काम के सिलसिले में लंबे समय तक बैठे रहना हम सभी के जीवन का हिस्सा बन चुका है। जिससे कूल्हे के फ्लेक्सर्स छोटे और कड़े हो जाते हैं। इससे ये मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे समय के साथ उनका लचीलापन कम हो जाता है।
यदि आप केवल बैठे रहते है और कोई भी एक्सरसाइज या स्ट्रेचिंग नहीं करते है तो कूल्हे में लचीलेपन धीरे धीरे कम हो जाता है। स्ट्रेचिंग हिप फ्लेक्सर्स और आसपास की मांसपेशियों को लचीला बनाती है।
योग और समग्र स्वास्थ्य क्षेत्रों इस बात को माना जाता है कि इमोशनल स्ट्रेस आपके शरीर में फिजिकल रूप में भी जमा होता है। कूल्हों को अक्सर भावनात्मक तनाव का भंडारण क्षेत्र माना जाता है जो इसके टाइट होने का कारण बनता है।
हड्डियों में जीवित टिशू होते हैं, और जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हड्डियों और जोड़ों में स्वाभाविक रूप से कुछ लचीलापन कम हो जाता है, जिससे ये कठोर हो जाते है।
यह हल्का स्ट्रेच होता है जो जांघों को अंदर की तरफ से , कमर और कूल्हों को खोलता है, लचीलेपन को बढ़ाने में मदद करता है और निचले शरीर में जकड़न को कम करता है।
इसे कैसे करना है
सबसे पहले फर्श पर बैठ जाएं।
अपने पैरों के तलवों को एक साथ लेकर आएं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंघुटने बगल की ओर मुड़े हों।
अपने पैरों को हाथों से पकड़ें और धीरे से अपने घुटनों को फर्श की ओर प्रेस करें।
अधिक स्ट्रेच आने के लिए थोड़ा आगे की ओर झुकें।
ये स्ट्रेच बहुत आरामदायक है जिसे आप आराम से बिस्तर पर कर सकते है, जिससे आपको आराम करने और बेहतर नींद लेने में मदद मिलती है।
इसे कैसे करना है
घुटनों को मोड़कर पीठ के बल लेटें।
अपने पैरों के तलवों को एक साथ लाकर जोड़ लें।
अपने घुटनों को खुला रहने दें, जिससे आपके पैरों का आकार डाइमेंड जैसा हो जाए।
अपने घुटनों को धीरे से ज़मीन की ओर धकेलने के लिए अपने हाथों का उपयोग करें।
यदि आपको कोई तनाव महसूस हो, तो प्रत्येक घुटने के नीचे एक तकिया रखकर इसे करें।
लिजर्ड पोज हिप फ्लेक्सर्स और क्वाड्रिसेप्स में काफी गहराई से स्ट्रेच करता है, जिससे पेल्विक क्षेत्र में लचीलापन और ताकत बढ़ती है।
इसे कैसे करना है
सबसे पहले प्लैंक स्थिति में आ जाएं, अपने शरीर को एक सीधी रेखा में रखें।
अपने दाहिने घुटने को आगे लाएं। आपका दाहिना टखना आपकी बायीं कलाई के पास होना चाहिए।
अपने बाएं पैर को अपने पीछे सीधा करें। अपने कूल्हों को अपनी चटाई के सामने चौकोर रखें।
अपने दाहिने कूल्हे और ग्लूट में स्ट्रेच महसूस करें, गहरे स्ट्रेच के लिए अपने ऊपरी शरीर को अपने सामने के पैर के ऊपर मोड़ सकते हैं।
इसे बाद अपने बाएं पैर को आगे लाकर इसे दोहराएं।