लॉग इन

ड्राई स्किन होने के बावजूद आपको नहीं करना चाहिए त्वचा पर इन 3 तेलों का इस्तेमाल

यदि आपकी सूखी या परतदार त्वचा है, तो निश्चित रूप से इसे मॉइस्चराइजेशन और हाइड्रेशन की आवश्यकता होती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपनी त्वचा को तेल से चुपड़ लें।
अगर आप फेशियल ऑयल से मसाज करते हैं तो उससे स्किन का रूखापन दूर हो जाता है। चित्र:शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 29 Oct 2023, 19:54 pm IST
ऐप खोलें

रूखी त्वचा वाले लोग सबसे पहली चीज जो सोचते हैं वह है तेल। हां, क्योंकि इस पदार्थ के अलावा और क्या है जो आपकी स्किन को हाइड्रेट रहने में मदद कर सकता है। लेकिन त्वचा विशेषज्ञों की राय इससे अलग है। उनके अनुसार शुष्क त्वचा पर तेल लगाना सबसे खराब निर्णय है, जो आप कभी भी कर सकते हैं।

एक थंब रूल जो सभी प्रकार की त्वचा पर लागू होता है, वह आपकी त्वचा को इस तरह से मॉइस्चराइज़ करना है कि आपके छिद्र बंद न हों। क्योंकि अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपकी त्वचा सांस नहीं ले पाएगी। हां, तेल इसे और अधिक चिकना बना देगा, जिससे धूल उस पर जम जाएगी। अंतत: आपको पहले की तुलना में अधिक समस्याएं होंगी। संक्षेप में, तेल लगाने का सारा उद्देश्य धराशायी हो जाता है।

ये कौन से तेल हैं, जिनसे हम आपको दूर रहने के लिए कह रहे हैं? अधिक जानने के लिए स्क्रॉल करते रहें

1. नारियल का तेल (Coconut oil)

नारियल का तेल कमरे के तापमान पर ठोस होता है, और लगभग 90 प्रतिशत संतृप्त वसा से बना होता है। मगर कुछ का मानना ​​है कि सभी संतृप्त वसा समान नहीं होते हैं। यह लाल मांस में पाए जाने वाले संतृप्त वसा के समान नहीं है, जो आपकी धमनियों को रोकता है।

नारियल तेल का उपयोग करने के संभावित दुष्प्रभाव भी हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

डॉ निवेदिता दादू, प्रसिद्ध त्वचा विशेषज्ञ, डॉ निवेदिता दादू डर्मेटोलॉजी क्लिनिक की संस्थापक और अध्यक्ष हेल्थशॉट्स को बता रहीं हैं,”नारियल के तेल में मध्यम-श्रृंखला फैटी एसिड की उच्च मात्रा होती है, जो शरीर के लिए संग्रहीत वसा में परिवर्तित करना कठिन होता है। जहां नारियल का तेल आपको हानिकारक यूवी किरणों से बचाने में मदद कर सकता है, वहीं यह आपकी त्वचा को रूखा भी बना सकता है।

नारियल तेल का उपयोग करने के संभावित नकारात्मक दुष्प्रभाव भी हैं। इनमें डायरिया, एक्ने ब्रेकआउट, आंतों की परेशानी और एलर्जी शामिल हैं।”

2. बादाम का तेल (Almond oil) 

यह तेल त्वचा को हाइड्रेशन और मॉइस्चराइज करने के लिए एक उपयोगी घटक के रूप में काम कर सकता है। इसमें उच्च स्तर के फैटी एसिड होते हैं, जो त्वचा के बाधा कार्य में सुधार कर सकते हैं। इसमें विटामिन डी और ई भी होता है, जिसका अर्थ है कि यह एक विरोधी भड़काऊ, शांत करने वाले घटक के रूप में काम करता है। लेकिन इसके कई साइड इफेक्ट होते हैं।

यह त्वचा के छिद्रों को बंद कर सकता है और आपकी रूखी त्वचा को खराब कर सकता है। यह मुंहासे के ब्रेकआउट का कारण भी बन सकता है। इसके अलावा, यह तेल खुजली और लालिमा जैसे दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है।

3. जैतून का तेल (Olive oil)

डॉ दादू कहती हैं,”जैतून के तेल और सभी पौधों के तेल और मक्खन में प्रचलित फैटी एसिड मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया और खमीर बढ़ने के लिए बहुत ही खाद्य स्रोत हैं। जो ऑलिव ऑयल को मुंहासे वाली त्वचा के लिए आदर्श नहीं बनाता है। अत्यधिक शुष्क त्वचा वालों के लिए भी जैतून का तेल अच्छा विकल्प नहीं है।

ऑलिव ऑयल मुंहासे और त्वचा पर चकत्ते पैदा कर सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

जैतून के तेल में मौजूद ओलिक एसिड रूखी त्वचा की स्थिति में त्वचा की प्राकृतिक मॉइस्चराइजिंग क्षमताओं को तोड़ने के लिए जिम्मेदार होता है। यह मुँहासे और त्वचा पर चकत्ते पैदा कर सकता है, संवेदनशील त्वचा वाले लोगों में तीव्र एलर्जी प्रतिक्रिया दिखा सकता है, और शुष्क त्वचा, ब्लैकहेड्स और सूजन के मामले में त्वचा की प्राकृतिक मॉइस्चराइजिंग क्षमताओं को तोड़ सकता है।”

तो लेडीज़, शुष्क त्वचा हमेशा तेल मालिश नहीं चाहती। अगर आपको लगता है कि आप कोई समाधान नहीं ढूंढ पा रहीं हैं, तो बेझिझक अपने त्वचा विशेषज्ञ से जांच कराएं और इन सभी प्रयोगों से अपनी त्वचा को बचाएं।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

यह भी पढ़ें: कैंसर के बचाव से लेकर आपकी स्किन को ग्लो देने तक, हर काम में निपुण है हल्दी

 

टीम हेल्‍थ शॉट्स

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख