अक्सर हम स्किन या हेयर के कलर को हल्का करने या डार्क पिगमेंटेशन को कम करने के लिए ब्लीच करते हैं। ब्लीच एक ऐसा कंपाउंड है, जो स्किन और हेयर के अलावा, सफाई और कीटाणुशोधन (Bacterial Disinfectant) के लिए भी उपयोग किया जाता है। ये अधिकांश प्रकार के वायरस, बैक्टीरिया, फंगस को खत्म कर सकते हैं। ब्लीच की जरूरत से अधिक मात्रा का प्रयोग करने पर नुकसान भी हो सकता है। इससे स्किन जल भी सकती है। इसे ब्लीच बर्न कहा जाता है। आइए जानते हैं कैसे होता है ब्लीच बर्न और इससे कैसे ठीक किया (how to treat Bleach burn) जा सकता है।
अमेरिका के डेस मोइनेस विश्वविद्यालय के थॉमस बेंजोई और मर्सर विश्वविद्यालय के जेसन डी हेचर ने ब्लीच बर्न पर शोध किया। उन्होंने बताया कि ब्लीच से टोक्सिसिटी का खतरा बना रहता है। जरूरत से अधिक मात्रा के प्रयोग या किसी अन्य केमिकल के साथ मिलकर रिएक्शन होने से ब्लीच बर्न हो जाता है। यह एक गंभीर स्थिति है। इससे स्किन पर लाल चकत्ते हो जाते हैं। स्किन जल जाती है। इसे तकनीकी रूप से रासायनिक जलन कहा जा सकता है। ब्लीच बर्न होने पर त्वचा को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए ब्लीच का प्रयोग करने से पहले इसकी मात्रा की सही जानकारी होनी चाहिए। खुद को सुरक्षित रखने के लिए सावधानी भी बरतनी चाहिए।
शोधकर्ता थॉमस बेंजोई और जेसन डी हेचर के अनुसार, ब्लीच बर्न सामान्य बर्न्स के समान ही दिखते हैं। गर्मी के कारण होने वाली जलन की तरह, ब्लीच बर्न के कारण दर्द, लालिमा, सूजन, छाले या त्वचा की अधिक गंभीर क्षति हो सकती है।
ब्लीच बर्न के कारण आंखों में जलन हो सकती है। मुंह और गले में परेशानी हो सकती है।
ब्लीच के कारण एक खतरनाक समस्या तब होती है, जब ब्लीच को अन्य घरेलू क्लीनर, विशेष रूप से टॉयलेट बाउल क्लीनर और अमोनिया के साथ मिलाया जाता है। इनके मिश्रण से क्लोरीन गैस निकलती है, जिससे दम भी घुट सकता है। क्लोरीन गैस ऊतक को नुकसान पहुंचा देती है। इससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप मृत्यु भी हो सकती है।
ब्लीच बर्न होने पर सबसे पहले दर्द को कम करने के साथ-साथ जले को जख्मी होने या संक्रमित होने से बचाना जरूरी है।
जर्नल ऑफ़ कॉस्मेटिक डर्मेटोलोजी के अनुसार, जैसे ही आपको यह महसूस होता है कि स्किन पर ब्लीच बर्न हो गया है, तो इसे धो लें। जले हुए स्थान और उसके आस-पास के एरिया को भी अच्छी तरह धो लें। इसे साफ करने के लिए मुलायम और मेडिकेटिड सोप का इस्तेमाल कर सकती हैं।
जर्नल ऑफ़ क्यूटेनियस मेडिसिन एंड सर्जरी के अनुसार, जले हुए भाग को धूल, मिटटी और अन्य इन्फेक्शन से बचाने के लिए नॉन-स्टिक पट्टी से बांध लें। पट्टी को दिन में दो बार बदलें। अगर यह गीली या गंदी हो गई है, तो तुरंत बदलें।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ डेर्मेटोलोजी के अनुसार, ब्लीच बर्न की जलन दर्दनाक भी हो सकती है। नॉन-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी मेडिसिन जैसे इबुप्रोफेन, नेप्रोक्सन, की खुराक ली जा सकती है। पर किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ डेर्मेटोलोजी के अनुसार, ब्लीच बर्न को पूरी तरह से ठीक होने में दो सप्ताह तक का समय लग सकता है। इस अवधि के दौरान जले पर फफोले भी हो सकते हैं। फफोले बनने पर उन्हें न फोड़ें। ये फफोले नाजुक ऊतक की रक्षा करते हैं। उन्हें फोड़ने से संक्रमण हो सकता है। यदि यह अपने-आप फूट जाता है, तो धीरे-धीरे उस स्थान को साफ कर लें।
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कस्टमाइज़ करेंनीचे की त्वचा की रक्षा के लिए इस पर फिर से पट्टी बांध दें। डॉक्टर की सलाह पर इसपर नियोस्पोरिन जैसी क्रीम लगाई जा सकती है। ये क्रीम जले को सूखने से बचाने में मदद करती है और बैक्टीरिया से बचाती है। पट्टी बदलने पर निओस्पोरिन की पतली परत लगाने से जलन और दर्द ठीक हो सकती है।
जर्नल ऑफ़ कॉस्मेटिक डर्मेटोलोजी के अनुसार, ब्लीच बर्न पर एलोवेरा भी लगाया जा सकता है। जले को हुए स्थान को धोकर एलोवेरा जेल की पतली परत लगाई जा सकती है। इसके बाद पट्टी बांध दें। एंटी बैकटीरियल एलोवेरा बर्न को जल्दी हील करता है।
जले पर आइस पैक भी लगाई जा सकती है। ठंडा पानी बर्न को ठीक करने में मदद कर सकता है।
यदि इन सभी उपचारों से ब्लीच बर्न ठीक नहीं हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि स्थिति गंभीर भी हो सकती है।
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