सर्दी के मौसम में चेहरे की खूबसूरती को बनाए रखने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। दरअसल, इस मौसम में चेहरे की त्वचा को ड्राइनेस, ब्रेकआउट और इंफ्लामेशन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सदियों पुराना हल्दी का लेप चेहरे पर लगाने से बेहद फायदा मिलता है। मगर साथ ही इसका उचित इस्तेमाल न कर पाना त्वचा पर रेडनेस और खुजली का कारण भी साबित होता है। जानते हैं हल्दी त्वचा (Turmeric face mask) को कैसे फायदा पहुंचाती है और कैसे नुकसान। साथ ही इसे लगाने से पहले रखें इन बातों का ख्याल।
जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एस्थेटिक डर्मेटोलॉजी के साल 2015 के लेख के अनुसार सदियों से औषधियों के लिए हल्दी का इस्तेमाल होता आया है। इसमें मौजूद करक्यूमिन कंपाउड सूजन रोधी गुणों से भरपूर हैं। इससे एक्ने, बॉइल, अल्सर और इंसेक्ट बाइड से राहत मिलती है। एक अन्य रिसर्च के अनुसार हल्दी त्वचा के लिए एक गुणकारी जड़ी बूटी है।
एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल प्रॉपर्टीज़ से भरपूर हल्दी को चेहरे पर लगाने से ऑक्सीडेटिव तनाव कम हो जाता है। साथ ही सूजन की समस्या हल होने लगती है। स्किन लेयर्स में मौजूद डस्ट और पॉल्यूटेंटस एकत्रित होकर ब्लैकहेड्स का जोखिम बढ़ाते है, जिससे स्किन पर एक्ने की समस्या बनी रहती है। ऐसे में हल्दी को चेहरे पर लगाने से इस समस्या को हल किया जा सकता है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार एटोपिक डर्मेटाइटिस एक्जिमा का एक रूप है। इससे त्वचा पर सूजन और रैशेज़ बढ़ने लगते है, जो जेनेटिक, एनवायरमेंटल और इम्यून फैक्टर्स के कारण बनने लगती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार एक्जिमा से पीड़ित 360 लोगों पर हुए रिसर्च के अनुसार हल्दी को अखरोट के अर्क और अन्य जड़ीबूटियों के साथ मिलाकर लगाने से सूजन, खुजली और त्वचा की लालिमा से बचा जा सकता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार हल्दी में मौजूद सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभावों के कारण हल्दी एजिंग साइंस को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसमें मौजूद करक्यूमिन स्किन को मुलायम और हाइड्रेट रखता है।
साइंस डायरेक्ट की अन्य रिपोर्ट के अनुसार 4 सप्ताह तक 28 महिलाओं ने रोज़मेरी, हल्दी और गोटू काला युक्त हर्बल जेल लगाया। इससे यूवी रेज़ के संपर्क से आने से होने वाली एजिंग के लक्षणों से मुक्ति पाई गई। इससे स्किन के टैक्सचर में सुधार देखने को मिला।
हल्दी त्वचा पर बनने वाले घाव को भी दूर करने में मददगार साबित होता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी माइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ पाई जाती हैं। इसे दूध और पानी में मिलाकर सेवन करने के अलावा घाव पर अप्लाई करने से भी फायदा मिलता है।
फेशियल सोरायसिस के कारण त्वचा पर सूजन और पैच दिखने लगते हैं। चेहरे के अलावा अधिकांश लोगों को स्कैल्प सोरायसिस भी होने लगता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार सोरायसिस वाले लोगों में फॉस्फोरिलेज़ किनेज का स्तर उन लोगों की तुलना में अधिक होता है जिन्हें सोरायसिस की समस्या नहीं होती है। ये एक प्रकार का प्रोटीन है जो स्किन सेल्स के ओवर प्रोडक्शन का कारण साबित होता है। ऐसे में हल्दी का इस्तेमाल इस समस्या को रोकने में मदद करता है।
नेटमैड की रिपोर्ट के अनुसार हल्दी को डायरेक्ट त्वचा या स्कैल्प पर अप्लाई करने से रेडलेस और रैशेज का सामना करना पड़ सकता है। वे लोग जिनकी त्वचा संवेदनशील है, उन्हें इसका इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट अवश्य करना चाहिए।
बाज़ार में मिलने वाला हल्दी का पाउडर मिलावटी हो सकता है। इसमें मिलाए जाने वाले फूड कलर और केमिकल्स त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते है। इससे त्वचा पर दाग धब्बे बढ़ने लगते हैं। इसके सेवन से जहां शरीर को नुकसान पहुंचता है, तो वहीं त्वचा पर हल्दी के दाग बनने का भी भय रहता है।
अधिक मात्रा में हल्दी का इस्तेमाल स्किन एलर्जी के लक्षणों को बढ़ा देता है। इससे त्वचा पर खुजली और रैशेज का सामना करना पड़ता है। साथ ही स्किन पर जलन भी बढ़ने लगती है। एलर्जी से कॉटेक्ट डर्माटाइटिस का जोखिम बढ़ जात है।
स्किन ब्राइटनेस के लिए 1 चम्मच बेसन में चुटकी भर हल्दी और आधा चम्मच कॉफी मिलाएं। इसमें आवश्यकतानुसार गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बना लें और चेरे पर लगाएं। इससे स्किन एक्सफोलिएट होती है और डेड स्किन सेल्स से बचा जा सकता है।
स्किन को मुलायम बनाने के लिए चावल के आटे में एलोवेरा जेल को मिलाएं और साथ में चुटकी भर हल्दी डालें। इस पेस्ट को चेहरे पर 5 से 7 मिनट तक लगाकर रखें। इससे स्किन एजिंग से बचा जा सकता है।
त्वचा पर बढ़ने वाले रूखेपन को कम करने के लिए मुल्ताली मिट्टी में हल्दी और दूध मिलाका पेस्ट बना लें। अब इसे चेहरे पर लगाकर छोड़ दें। सप्ताह में दो बार इसका इस्तेमाल त्वचा को हेल्दी और क्लीन रखने में मदद करता है।