झाईयों को हटाना इतना भी आसान काम नहीं है। क्योंकि त्वचा के सूर्य की किरणों के सम्पर्क में आते ही यह उभर पर दिखने लगती हैं। हल्की त्वचा वाले लोगों में यह ज्यादा आम हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि कुछ ऐसे भी तरीके हैं जिनकी मदद से झाईयों को हल्का किया (how to cure pigmentation) जा सकता है। यकीन नहीं होता? तो इस लेख को अंत तक पढ़ें।
हेल्थशॉट्स ने इस प्रॉब्लम और इसके ट्रीटमेंट के बारे में जानने के लिए बात की डॉ सेजल सहेता से, जो इनर स्किन की डर्मेटोलॉजिस्ट है।
झाईयां एक तरह की जेनेटिक कंडिशन है जो आमतौर पर फेयर स्किन वाले लोगों में पाई जाती है। दरअसल ये भूरे रंग के धब्बे होते हैं जो धूप के सम्पर्क में आने वाले ज्यादातर बॉडी पार्ट जैसे,चेहरा, गर्दन, बाजू और कंधे पर नजर आते हैं।
डॉ सहेता कहती हैं, “तीन साल की उम्र के बच्चों में भी झाईयां शुरू होने लगती हैं, जो लगभग उनको 20 साल की उम्र तक रहती हैं। धूप से संपर्क झाईयों होने या बढ़ने का पहला बड़ा कारण हो सकता है।”
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि झाइयां ज्यादातर एक अलग स्किन कंडिशन के साथ होती हैं जिसे सोलर लेंटिगिन्स (solar lentigines) या ऐज स्पॉट्स के रूप में जाना जाता है, जो झाई की तरह जेनेटिक और नॉर्मल नहीं होते, बल्कि उम्र बढ़ने के और 50 साल से ज्यादा उम्र के मरीजों में ज्यादा पाए जाते हैं।
झाईयां और ऐज स्पॉट्स दोनों ही पिगमेंशन के कारण होते हैं और इसलिए इनके उपचार का तरिका भी एक जैसा हो सकता है।
झाईयां ज्यादातर उम्र के साथ फीकी पड़ने लगती हैं। हालांकि अगर आप धूप में कम जाए तो झाईयों का दिखना कम हो सकता हैं, क्योंकि धूप के संपर्क में आते ही झाईयां धीरे-धीरे बढ़ने लगती हैं।
डॉ सहेता कहती हैं, “झाई और ऐज स्पॉट्स दोनों कंडिशन के लिए पहला स्टेप लंबे कपड़ों और सनस्क्रीन की मदद से धूप के खतरों को कम करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा लेना है।” लेकिन ध्यान रखें कि सनस्क्रीन पुरानी झाईयों को हटाती नहीं बल्कि नई झाईयों को पैदा होने से रोकती है।
केमिकल पील ग्लाइसेमिक (glycemic) और लैक्टिक एसिड जैसे केमिकल का इस्तेमाल करके स्किन को एक्सफोलिएट करता हैं। ये पील स्किन की ऊपरी परत को हटाने और झाईयों को कम करने में मदद करता हैं। एक केमिकल पील करने के बाद आपकी स्किन को ठीक होने और स्किन की नई परत आने में 2 से 3 दिन का टाइम लग जाता है। यह समय के साथ झाईयों का दिखना कम करने में मदद करता है।
झाईयों को हटाने के लिए आजकल कई सारे लेजर ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं। डॉ सहेता के अनुसार, “प्रभावित त्वचा का इलाज एक सही लेजर बीम के जरिए किया जा सकता है। लेजर स्किन टोनिंग में अप्रभावित त्वचा को छोड़कर सिर्फ पिगमेंटेड एरिया पर असर करता है”। इस ट्रीटमेंट से आपकी स्किन को कोई बड़ा नुकसान नहीं होता है। हालांकि आपको कुछ समय के लिए रेडनेस और सूजन हो सकती हैं।
डॉ सहेता कहती हैं “झाईयों के इलाज के लिए पीआरपी और मेसोथेरेपी को माइक्रोनीडलिंग या लेजर स्किन रिसर्फेसिंग जैसी प्रक्रियाओं के साथ जोड़ा जाता है,” इन ट्रीटमेंट से मुंहासे, धब्बे, झाइयां और दूसरी स्किन प्रॉब्लम को दूर किया जा सकता है। इनका इस्तेमाल आपकी स्किन को लाइट करने वाले एजेंट के लिए किया जाता है ताकि आपके कंप्लेक्शं में सुधार हो जिससे चेहरे पर खोया हुआ निखार वापिस आ सके।”
झाई हटाने वाली सबसे बेहतरीन क्रीम में विटामिन सी, रेटिनोइड, हाइड्रोक्लोराइड और ग्लाइकोलिक एसिड जैसे तत्व होते हैं। ये क्रीम हर जगह मिल जाती हैं, जो नेचुरल और धूप से प्रभावित दोनों झाईयों के इलाज में बहुत असरदार रहती हैं। साथ ही इसका लंबे समय तक कोई नेगेटिव रिजल्ट भी नहीं है!
डॉ सहेता के अनुसार, ” अगर घर पर इन धब्बों को कम करना है, तो अपना रुटीन ऐसे स्किन केयर प्रोडक्ट के साथ शुरू करें जो एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर हो। जैसे कि विटामिन-सी, डेरिवेटिव या ग्लूटाथियोन और रेटिनोइड्स (विटामिन ए डेरिवेटिव) क्योंकि यह न सिर्फ एजिंग स्पॉट से जुड़ी प्रॉब्लम में मदद करते हैं, बल्कि समय से पहले बूढ़ा होने के साथ सूरज के संपर्क के अन्य प्रभावों से भी बचाते हैं।
आप नींबू का रस, शहद, छाछ, दही, एलोवेरा, हल्दी और प्याज जैसे कई घरेलू उपाय भी ट्राई कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपको इन उपायों से किसी तरह की परेशानी होती है, तो इन उपायों का इस्तेमाल करना बंद कर दें।
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