यूवी रेज़ के संपर्क में आने से सनबर्न, त्वचा का रूखापन, एजिंग और स्किन कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। इन समस्याओं से निपटने के लिए, अपने दैनिक दिनचर्या में अच्छी गुणवत्ता वाली सनस्क्रीन को शामिल करना फायदेमंद साबित होता है।। चाहे धूप हो या सर्दी की ठंडी हवाएं, हर स्थिति त्वचा के रूखेपन को बढ़ा देती है। ऐसे में सनस्क्रीन का इस्तेमाल इस समस्या को हल कर सकता है। बाज़ार में कई प्रकार की सनस्क्रीन मौजूद हैं। इनमें से ड्राई स्किन के लिए सही सनस्क्रीन को चुनकर इस समस्या को हल किया जा सकता है (best sunscreens for dry skin)।
एसपीएफ यानि सन प्रोटेक्शन फैक्टर, जो त्वचा को यूवी रेज़ के प्रीाव से बचाने में मदद करते हैं। इससे इस बात की पुष्टि हो जाती है कि त्वचा कितनी देर तक सूर्य की किरणों से सुरक्षित रहती है। इससे टैनिंग का भी जोखिम कम हो जाता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार एसपीएफ 30 वाला सनस्क्रीन 97 प्रतिशत यूवी रेज़ को रोकता है। वही एसपीएफ 50़़़ ब्रॉड स्पेक्ट्रम सुरक्षा वाला सनस्क्रीन (best sunscreens for dry skin) त्वचा की रक्षा करता है।
यूवीए और यूवीबी रेज़ त्वचा को नुकसान पहुंचाने लगती है, जिससे त्वचा पर रूखापन और टैनिंग की समस्या बनी रहती है। ऐसे में ब्रॉड स्पेक्ट्रम गुण के साथ स्किन को एजिंग और कैंसर के जोखिम से बचाया जा सकता है। उत्पाद पर ब्रॉड.स्पेक्ट्रम ये दर्शाता है कि सनस्क्रीन सूर्य की किरणों से सुरक्षा प्रदान करती है।
वे सनस्क्रीन जो वॉटर रजिसटेंट होती है, वे देर तक त्वचा पर बनी रहती हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार ऐसी सनस्क्रीन इस्तेमाल करनी चाहिए जो 40 से 80 मिनट तक वॉटर रज़िस्टेंट हो। इससे स्विमिंग, पसीना या व्यायाम करते समय भी त्वचा सुरक्षित रहती है।
सनस्क्रीन चुनते समय सनस्क्रीन सामग्री पर ध्यान देना आवश्यक है। सनस्क्रीन की सामग्री उसके प्रकार पर निर्भर करती है रासायनिक सनस्क्रीन और भौतिक सनस्क्रीन। भौतिक सनस्क्रीन दो अद्वितीय सामग्रियों से बने होते हैं . जिंक ऑक्साइड और टाइटेनियम डाइऑक्साइड।
वहीं रासायनिक सनस्क्रीन को एवोबेनज़ोन, ऑक्टिनॉक्सेट, होमोसैलेट और ऑक्सीबेनज़ोन सहित कई तरह की सामग्री का उपयोग करके तैयार किया जाता है। जबकि एवोबेनज़ोन यूवीए किरणों से बचाता है और ऑक्टिनॉक्सेट यूवीबी किरणों को रोकता है। इससे त्वचा की सतह पर सूरज की क्षति को रोका जा सकता है।
वे लोग जिनकी त्वचा ड्राई हैख् उनके लिए क्रीम बेस्ड सनस्क्रीन का विकल्प चुनना चाहिए जिसमें हयालूरोनिक एसिड और ग्लिसरीन जैसे तत्व मौजूद होते हैं। स्किन कैंसर फ़ाउंडेशन के अनुसार ऐसी मॉइस्चराइज़िंग सनस्क्रीन जिसमें शिया बटर, ग्लिसरीन और अन्य नमीयुक्त एजेंट मौजूद होते हैं। वे रूखी त्वचा के लिए सबसे अच्छा काम करते हैं।
गार्नियर सुपर यूवी इनविजिबल सीरम सनस्क्रीन एसपीएफ 50 के साथ उपलब्ध है। इससे स्किन पर यूवीए और यूवीबी रेज़ का जोखिम कम हो जाता है। विटामिन सी से भरपूर इस सनस्क्रीन से त्वचा पर कोई सफेद दाग नज़र नहीं आता है। इसके अलावा ये सभी प्रकार की त्वचा के लिए खासतौर से शुष्क, ऑयली और मुहांसों वाली त्वचा के लिए फायदेमंद है। पुरुषों और महिलाओं के लिए फायदेमंद है।
यूवी इनविजिबल सीरम सनस्क्रीन
एसपीएफ 50
विटामिन सी से भरपूर
ब्रॉड स्पेक्ट्रम
लाइटवेट
गार्नियर सुपर यूवी इनविजिबल सीरम सनस्क्रीन ब्रॉड स्पेक्ट्रम सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है। ये लाइटवेट सनस्क्रीन आसानी से स्किन में मर्ज हो जाती है। इससे सनस्पॉट, मेलास्मा और इलास्टीसिटी का जोखिम कम हो जाता है। इससे त्वचा पर बढ़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम किया जा सकता है।
खुशबू और कंसिसटेंसी को लेकर लोगों की राय अलग अलग है।
नॉन ग्रीसी फॉर्मूला से भरपूर डॉट एंड की ब्लूबेरी हाइड्रेट बैरियर रिपेयर सनस्क्रीन रूखी और संवेदनशील त्वचा के लिए फायदेमंद है। ब्लू लाइट प्रोटेक्शन प्रदान करने वाली सनस्क्रीन ब्रॉड स्पेक्ट्रम के साथ उपलब्ध है। ये महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए फायदेमंद है।
हाइड्रेट बैरियर रिपेयर सनस्क्रीन
ड्राई और सेंसिटिव स्किन के लिए
वज़न 50 ग्राम
नॉन ग्रीसी
6 यूवी फिल्टर के साथ
वॉटर रज़िस्टेंट
कुछ लोगों के अनुसार इसे त्वचा पर लगाने से इरिटेशन महसूस होने लगती है।
पपीता और विटामिन सी केगुणों से भरपूर एक्वालॉजिका ग्लो़ डेवी सनस्क्रीन एसपीएफ 50 पीए रूखी त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है। ये प्रोडक्ट सुगंध रहित है, जो पुरुष और महिलाएं दोनों के लिए फायदेमंद साबित होता हैं। ये लाइटवेट सनस्क्रीन पूरी तरह से नॉन ग्रीसी है। इस उप्ताद में हायलूरोनिक एसिड और जिंक ऑक्साइड की भी उचित मात्रा मौजूद होती है।
नॉन ग्रीसी सनस्क्रीन
लाइटवेट
50 एसपीएफ
पपीते की सुगंध
विटामिन सी की मात्रा
रूखी सेंसिटव और ऑयली स्किन के लिए
यूवीए और यूवीबी से बचाए
ब्लू लाइट प्रोटेक्शन
ये उत्पाद त्वचा में आसानी से मर्ज होने लगता है। लाइटवेट होने के चलते इससे त्वचा का टैक्चर स्मूद बना रहता है। एक्वालॉजिका ग्लो़ डेवी सनस्क्रीन एसपीएफ 50 पीए वॉटर रज़िस्टेंट है। इसके अलावा नॉन ग्रीसी है। इससे स्किन का ग्लो और स्मूदनेस बनी रहती है। साथ ही टैनिंग का भी जोखिम कम होने लगता है।
नॉन ग्रीसी सनस्क्रीन को लेकर लोगों की राय मिली जुली है।
मामाअर्थ एक्वा ग्लो हाइड्रेटिंग सनस्क्रीन जेल एसपीएफ 50 से भरपूर है। इसमें हिमालय थर्मल वॉटर पाया जाता है, जो त्वचा को मिनरल प्रदान करता है। इससे त्वचा का नमी बरकरार रहती है और रूखी त्वचा की समस्या हल होने लगती है। स्किन की सभी लेयर्स हाइड्रेट होती हैं, जिससे स्किन की नमी बरकरार रहती है। ह्वालूरॉनिक एसिड त्वचा में नमी को बनाए रखने का काम करती है। साथ ही सनडैमेज से भी बचाया जा सकता है।
एसपीएफ 50 से भरपूर
हिमालय थर्मल वॉटर
ब्लू लाइट से करे प्रोटेक्शन
एलोवेरा की गुडनेस
हाइड्रेटिंग फार्मूला सहित
एबजॉर्बशन और टैक्सचर को लेकर लोगों की राय अलग अलग है।
उपभोक्त इस सनस्क्रीन को हेल्दी, लाइटवेट, नॉन ग्रीसी और फायदेमंद मानते है। इससे स्किन टैनिंग एवं पिगमेंटेशन की समस्या हल होने लगती है।
एसपीएफ 50 के साथ उपलब्ध से सनस्क्रीन त्वचा को यूवी रेज़ के प्रभाव से बचाने में मददगार साबित होती हैं। इसमें ह्वालूरॉनिक एसिड और विटामिन ए की मात्रा पाई जाती है, जो त्वचा को टैनिंग से प्रोटेक्ट करने में मदद करते हैं। इससे ब्लू लाइट के प्रभाव को कम करके त्वचा की स्मूदनेस को बनाए रखने में मदद मिलती है।
1 प्रतिशत ह्वालूरॉनिक एसिड
नॉन ग्रीसी
इज़ी एबजॉर्बशन
यूवी ए और सूवी बी रेज़ से बचाए
वाइट कास्ट करे दूर
महिला एवं पुरुषों के लिए
खुशबू रहित
30 ग्राम वज़न
ये हल्की लाइटवेट और लगाने में आसान सनस्क्रीन है। इससे त्वचा का निखार बढता है और एजिंग को भी रिवर्स किया जा सकता है। त्वचा के रूखेपन को दूर करने के लिए दिन में 2 से 3 बार लगाने से फायदा मिलता है। इसका टैक्सचर बेहद स्मूद है, जिससे त्वचा पर आसानी से ब्लैंड हो जाती है।
प्रोडक्ट की पैकेजिंग को लेकर कुछ लोगों में असंतुष्टि नज़र आती है।
रूखी त्वचा के लिए हाइड्रेटिंग सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए। लाइटवेट और आसानी से मर्ज होने वाली सनस्क्रीन से त्वचा की नमी बनी रहती है। साथ ही स्किन में नमी रीस्टोर करने में भी मदद मिलती है। इससे त्वचा का रूखापन कम होने लगता है और स्किन को एंजिंग साइंस से भी मुक्ति मिल जाती है। नियमित रूप से इसका इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है।
एसपीएफ की रेटिंग से यूवी किरणों से उनके बचाव की जानकारी मिल जाती है। जहां एसपीएफ 30 से 96.7 फीसदी यूवी किरणों के प्रभाव को कम किया जा सकता है। वहीं एसपीएफ 50 से प्रोटेक्शन 98 फीसदी तक बढ़ जाती है।
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