अलग-अलग ऑयल को सही मात्रा में कंबाइन करके ऑयल ब्लेंड तैयार किया जाता है। ऑयल ब्लेंड आपकी त्वचा के लिए भिन्न रूपों में फायदेमंद साबित हो सकते हैं। अगर आपकी स्किन डल और बेजान नजर आ रही है, या आपको एक्ने की शिकायत है, यहां तक कि एग्जिमा सोरायसिस जैसे स्किन कंडीशन से पीड़ित लोगों के लिए भी ऑयल ब्लेंड (oil blends for skin) बेहद कारगर साबित हो सकती है। योग इंस्टिट्यूट की डायरेक्टर और हेल्थ कोच आंसर की योगेंद्र ने एक बेहद खास ऑयल ब्लेंड तैयार करने की विधि बताइ है।
उन्होंने बताया कि इस ऑयल ब्लेंड को बनाने में इस्तेमाल की गई सभी सामग्री को उनकी यूनीक प्रॉपर्टीज को देखकर चुना गया है। वहीं सभी इसे अपनी नियमित स्किन केयर रूटीन में बेफिक्र होकर शामिल कर सकते हैं। हालांकि, यदि आपकी त्वचा किसी व्यक्तिगत सामग्री के प्रति संवेदनशील है, तो उसका ध्यान रखें। अन्यथा यह नियमित इस्तेमाल के लिए सुरक्षित और बेहद प्रभावी होती है। तो चलिए जानते हैं, इस ऑयल ब्लेंड के क्या फायदे हैं (oil blends for skin), साथ ही जानेंगे इन्हें त्वचा पर अप्लाई करने का सही तरीका।
एक चम्मच तिल का तेल (sesame oil)
एक चम्मच नारियल का तेल (coconut oil)
एक चम्मच बादाम का तेल (almond oil)
रोज़हिप ऑयल की कुछ बूंदें (rosehip oil)
नोट: हंसा जी योगेंद्र के अनुसार किसी भी नए प्रोडक्ट को अपनी स्क्रीन के रूटीन में शामिल करने से पहले त्वचा के छोटे हिस्से में पैच टेस्ट जरूर करें। इससे आपको यह समझ आ जाएगा कि ये आपकी त्वचा पर एलर्जिक है, या नहीं।
नारियल के तेल में लॉरिक एसिड की मात्रा मौजूद होती है, जो एंटीमाइक्रोबॉयल होती है और आपकी त्वचा को अंदर तक जाकर मॉइश्चराइज करती है। वहीं यह त्वचा के पोर्स को बंद किए बैगर इसे नमी प्रदान करती है। यह सभी तरह की त्वचा के लिए फायदेमंद होती है। इसके साथ ही कोकोनट ऑयल में कई अन्य महत्वपूर्ण विटामिन एवं मिनरल्स पाए जाते हैं। वहीं इसकी एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल प्रॉपर्टी त्वचा पर एक्ने-पिंपल की संभावना को कम कर देती हैं।
तिल का तेल त्वचा को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले डैमेज से पूरी तरह प्रोटेक्ट करता है। इसके साथ ही तिल के तेल में कई महत्वपूर्ण फैटी एसिड की गुणवत्ता पाई जाती है, जो त्वचा को अंदर तक जाकर नमी प्रदान करती हैं। इसके साथ ही इसमें विटामिन बी और ई की गुणवत्ता मौजूद होती है, जो स्किन रैशेज को शांत करती है और त्वचा के दाग-धब्बों को हल्का कर देती है।
इसके अलावा यह त्वचा पर नजर आने वाले सूजन, एग्जिमा, सोरायसिस और स्किन रेडनेस जैसी स्किन कंडीशन को कम करने में मदद करते हैं। वही इसमें एंटी टैनिंग प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो सूरज की किरणों के कारण होने वाली स्किन टैगिंग और पिगमेंटेशन को भी कम करने में मदद करती है।
आलमंड आयल में विटामिन ई की गुणवत्ता पाई जाती है, जो त्वचा के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। इनमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटी कार्सिनोजेनिक प्रॉपर्टी पाई जाती है। यह सभी स्किन को हिल होने में मदद करती हैं और तमाम तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं को जल्द से जल्द ठीक कर देती हैं। इतना ही नहीं यह डर्मेटाइटिस, एक्जिमा और ड्राई स्किन की समस्या में बेहद प्रभावी साबित हो सकती है।
आलमंड आयल में एंटी एजिंग प्रभाव होते हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार त्वचा पर बादाम का तेल अप्लाई करने से सूरज की हानिकारक किरणों का प्रभाव कम हो जाता है। इस प्रकार त्वचा फ्री रेडिकल्स से होने वाले डैमेज से बची रहती है और त्वचा में नेचुरल ग्लो बरकरार रहता है।
रोज़हिप ऑयल में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए मौजूद होता है, साथ ही साथ यह विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है। इतना ही नहीं इसमें कई महत्वपूर्ण फैटी एसिड की गुणवत्ता पाई जाती है। इसकी ये सभी गुणवत्ताएं स्किन रिजनरेशन और स्किन रिपेयर में मदद करती हैं।
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