मानसून में बालों का टूटना और झड़ना हेयर फॉलिकल्स की कमज़ोरी को दर्शाता है। अधिकतर लोग हेयरगोथ को स्टीम्यूलेट करने के लिए हेयर ट्रीटमेंट (Side effects of hair treatment) और केमिकल युक्त शैम्पू का प्रयोग करते हैं। मगर केमिकल्स का ज्यादा प्रयोग बालों की स्मूदनेस और शाइन को कम करके रूखेपन का कारण साबित होता है। ऐसे में सीड्स के इस्तेमाल से बालों को पोषण प्रदान करने में मदद मिलती है, जिससे बारिश के दिनों में बालों की जड़ों को मज़बूती है और हेयरलॉस (Hair loss) से बचा जा सकता है। जानते हैं सीड्स को बालों में अप्लाई (DIY seeds hair masks) करके कैसे हेयर फॉलिकल्स को स्टीम्यूलेट करने में मिलती है मदद।
इस बारे में डर्माटोलॉजिस्ट डॉ उरवी पंचाल के अनुसार सीड्स से शरीर को विटामिन, मिनरल और ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्राप्ति होती है। सीड्स में मौजूद नेचुरल ऑयल (Natural oil benefits) हेयर फॉलिकल्स के नरिशमेंट में मदद करता है। इससे हेयरलॉस से बचा जा सकता है। इसमें मौजूद बायोएक्टिव कंपाउड और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स बालों की ग्रोथ को इंप्रूव करते हैं। इससे सीड्स में मौजूद बायोटिन की मात्रा हेयर डेंसिटी (tips to improve Hair density) में सुधार लाती है और मानसून के मौसम में हेयरफॉल से बचा जा सकता है।
मेथीदाना में फ्लेवोनोइड्स पाए जाते हैं। इससे शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। इसके अलावा वेटलॉस में भी मदद गार साबित होता है। इसे सोक करके, रोस्ट करके या पाउडर की फॉर्म में प्रयोग किया जा सकता है।
2 चम्मच मेथीदाना को आवरनाइट सोक कर लें। अब 6 से 8 घंटे के बाद मेथीदाना को उसी पानी में बॉइल कर लें। पानी ठण्डा होने के बाद सीड्स के साथ उसे ब्लैंड करें और पेस्ट तैयार कर लें। उस पेस्ट में ऑलिव ऑयल और नींबू का रस मिलाकर मिक्स कर दें।
अब उससे स्कैल्प मसाज करें और फिर 10 से 15 मिनट के बाद बालों को माइल्ड शैम्पू से धोएं। इससे हेयर फॉलिकल्स को मज़बूती मिलती है। इसके अलावा शाइनी बालों के लिए मेथीदाना के पेस्ट में कोकोनट मिल्क मिलाकर बालों में लगाने से भी खूब फायदा मिलता है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन ई और मिनरल्स से भरपूर अलसी के बीज शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके सेवन से मेंटल हेल्थ बूस्ट होती है। इसके अलावा स्किन और बालों को भी बेहद फायदा मिलता है।
हेयरग्रोथ के लिए अलसी के बीज को ओवरनाइट पानी में सोक करके रखें। उसके बाद अगले दिन उस पानी को कुछ देर उबालें और फिर उसे ब्लैंड करके उसमें चावल का पानी और कुछ बूंद लौंग का तेल मिलाकर बालों में अप्लाई करें। इसे बालों में 30 मिनट तक अप्लाई करके सामान्य पानी से धोएं। इससे बालों का टूटना कम होने लगता है और स्कैल्प को भी रूखेपन से बचाया जा सकता है।
आहार में पपंकिन सीड्स (Pumpkin seeds) को शामिल करने से शरीर को मैग्नीशियम, ओमेगा 3 फैटी एसिड, मैग्नीशियम और आयरन की प्राप्ति होती है। इससे पतले बालों की समसया हल हो जाती है। साथ ही मासंपेशियों को मज़बूती मिलती है और शरीर एक्टिव रहता है।
कद्दू के बीज़ को रातभर पानी में भिगोने के बाद उसका पेस्ट तैयार कर लें। अब उसमें दही एड करके ब्लैंड करें और कुछ बूंद बादाम का तेल डालें। इस पेस्ट को बालों के बीचों बीच लगाकर छोड़ दें। 30 मिनट के बाद बालों को माइल्ड शैम्पू से धोएं। इससे बालों की शाइन मेंटेन रहती है और बाल हेल्दी बने रहते हैं।
तिल में पाए जाने वाले बायोएक्टिव कंपाउड ओवरऑल हेल्थ के अलावा बालों की ग्रोथ में भी मददगार साबित होता है। तिल से बालों की मज़बूती बनी रहती है और हेयर फॉलिकल्स को नरिशमेंट मिलती है। इससे बालों का टूटना और झड़ना बंद हो जाता है।
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कस्टमाइज़ करेंतिल को भूनकर उसका पाउडर तैयार कर लें। अब उसमें चावल का पानी मिलाकर उसे बालों में लगाएं और कुछ देर तक हेड मसाज करें। इससे स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने लगता है, जो हेयर ग्रोथ को स्टीम्यूलेट करने में मदद करता है। सप्ताह में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल बालों की सेहत के लिए फायदेमंद है।