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बालों को टूटने-झड़ने से बचाना है, तो आज ही से रुटीन में शामिल करें आयुर्वेद के ये 4 उपचार 

बारिश के मौसम में यदि आपके बाल भी लगातार टूटकर झड़ रहे हैं, तो आयुर्वेद के ये 4 उपचार कर सकते हैं आपकी मदद। 
Updated On: 8 Aug 2022, 07:27 pm IST
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hair fall rokne ke ayurvedic upchar
बालों की झड़ने की समस्या का निदान आयुर्वेद में मिल सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

बारिश के मौसम में सबसे अधिक परेशान करता है हेयर फॉल। इसी मौसम में सबसे अधिक बाल झड़ते हैं। दरअसल, इस समय वातावरण में नमी मौजूद होती है। इसके कारण स्कैल्प पर चिपचिपाहट और इंफेक्शन होने की संभावना होती है। केमिकल प्रोडक्ट इस समस्या को और अधिक बढ़ा देते हैं। ऐसी स्थिति में आयुर्वेदिक इलाज ही कारगर हो सकते हैं। यहां आज हम हेल्थ शॉट्स पर आपके लिए ऐसे ही 4 आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic remedies to stop hair fall) ले आए हैं, जो हेयर फॉल की समस्या से आपको निजात दिला सकते हैं। 

क्यों झड़ते हैं मानसून में ज्यादा बाल और आयुर्वेद में क्या है इसका उपचार, यह जानने के लिए हमने बात की आयुथवेदा के फाउंडर और एमडी डॉ. संचित शर्मा से।

जानिए क्यों सबसे ज्यादा होता है मानसून में हेयर फॉल

डॉ. संचित शर्मा कहते हैं, “बारिश के मौसम में रोजाना 250 या उससे भी ज्यादा बाल झड़ते हैं। जबकि बाकी मौसम में झड़ने वाले बालों की संख्‍या 50-60 तक होती है। इस मौसम में अत्यधिक नमी और उमस के कारण स्कैल्प पर बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। 

इससे बालों की जड़ कमजोर हो जाती है। सिर की त्वचा चिपचिपी, नमीयुक्त हो जाती है और नेचुरल ऑयल्स भी खत्म हो जाते हैं। इनके अलावा, बारिश का पानी भी स्कैल्प और हेयर फॉलिकल्स को नुकसान पहुंचाता है।” 

अम्लीय प्रकृति होने और बारिश के पानी में वातावरण की अशुद्धियां और धूल-मिट्टी मिली होने के कारण सिर का पीएच बैलेंस प्रभावित हाे जाता है। जिससे हमारे बाल रूखे, बेजान और कमजोर हो जाते हैं। इससे बालों के झड़ने की समस्या बहुत अधिक बढ़ जाती है। आयुर्वेदिक चिकित्सा से ही इस समस्या का कारगर समाधान हो सकता है।

ये 4 आयुर्वेदिक उपाय बचा सकते हैं बालों को झड़ने से 

1 मेथी और सौंफ का हेयर पैक 

आप चाहें तो बाजार में उपलब्ध आयुर्वेदिक प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर सकती हैं। पर इसके लिए प्राकृतिक सामग्रियां सबसे ज्यादा इफैक्टिव हैं। हेयर लॉस और हेयर फॉल से बचाने में मेथी का हेयर पैक आपकी मदद कर सकता है। 

कैसे करें प्रयोग

मेथी या सौंफ को रात भर पानी या उबले चावल के पानी में डालकर छोड़ दें।

सुबह इसे पीस कर अपने स्कैल्प और बालों पर लगा लें।

आधे घंटे बाद बाल साफ कर लें।

आंवला, रीठा, शिकाकाई, नीम, सौंफ को रात भर भिगों दें। इसे पीसकर लगा लें या इसके पानी से बालों को धो लें।

आधे घंटे बाद बालों की सफाई कर लें।

2 गुनगने तेल से स्कैल्प और बालों की मालिश

बालों को झड़ने से रोकने के लिए हल्के गर्म तेल से मसाज कारगर आयुर्वेदिक इलाज है। इससे स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। जिससे बाल जड़ों से मजबूत हो जाते हैं। 

कैसे करें प्रयोग

सरसों, तिल या आंवले के तेल को हल्का गर्म करें।

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बालों के टूटन-झड़ने से बचाने के लिए ऑयल मसाज बेहद जरूरी है। चित्र : शटरस्टॉक

उंगलियों के पोरो में लगाकर हल्के हाथों से स्कैल्प की मालिश करें।

करी पत्ता, आंवला, मेथी जैसे हर्ब बालों के लिए कारगर

एलोवेरा, करी पत्ता, आंवला, मेथी, हिबिस्कस आदि बालों के लिए काफी असरकारक हैं।

कैसे करें प्रयोग

आप चाहें, तो हेयर पैक केे रूप में इनका इस्तेमाल कर सकती हैं, बालों की क्लींजिंग कर सकती हैं।

 

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आपके बालों के लिए एलोवेरा से बेहतर कुछ नहीं। चित्र: शटरस्‍टॉक

ओरली कंज्यूम करने पर भी यह हेयर और स्किन के लिए फायदेमंद होता है।

4 आहार और व्यायाम पर दें ध्यान 

बालों के स्वास्थ्य के लिए सिर्फ ऊपरी देखभाल ही जरूरी नहीं है, बल्कि बालों को अंदर से पोषण दिया जाना भी जरूरी है। इसके लिए डॉ. संचित  कहते हैं कि आयुर्वेद मानता है कि हेयर केयर के लिए पौष्टिक भोजन भी उतना ही जरूरी है। इसके साथ ही योग और प्राणायाम से जब आपका स्वास्थ्य भीतर से मजबूत होता है, तो बाल भी मजबूत हाेते जाते हैं और वे कम झड़ते हैं।

यह भी पढ़ें:-त्वचा को नर्म और मुलायम बनाना है तो करें ओटमील बाथ, जानिए कब और कैसे करना है 

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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