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ज्यादा मीठा खाती हैं, तो जल्दी आ सकता है बुढ़ापा, जानिए आपकी स्किन को कैसे प्रभावित करती है चीनी

एक्ने का कारण कहीं आपकी स्किन को इन 4 तरह से प्रभावित कर सकती है चीनी की अधिकता, एक्सपर्ट से जानिए आखिर ऐसा क्यों होता है।
Updated On: 15 Feb 2024, 05:35 pm IST
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sugar craving poshak tatvon ki kami ke karan ho sakti hai.
शरीर में पानी की भरपूर मात्रा न होने से कमज़ोरी महसूस होने लगती है। ऐसे में व्यक्ति का मन मीठा खाने के लिए ललचाने लगता है। चित्र: अडोबी स्टॉक

रिफाइंड और प्रोसेस्ड चीनी सेहत के लिए कई रूपों में हानिकारक हो सकती है। इसका सेवन आपकी त्वचा के लिए भी उतना ही हानिकारक होता है। अधिक मात्रा में रिफाइंड शुगर लेने से आपकी स्किन समय से पहले एजिंग का शिकार हो सकती है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, एक स्वस्थ सेहत का राज संतुलित खानपान होता है, परंतु कई बार हम इसमें चूक जाते हैं। जिसकी वजह से हमारी समग्र सेहत नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है।

ऐसे में यदि आप अत्यधिक मीठा या रिफाइंड शुगर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर रही हैं, तो इसका असर आपकी त्वचा पर नकारात्मक रूप से नजर आ सकता है। अब आप सोच रही होगी, यह कैसे मुमकिन है। तो आज हम इस लेख के माध्यम से आपकी इसी सवाल का जवाब देंगे।

हेल्थ शॉट्स ने डर्मेटोलॉजिस्ट और एसथेटिक फिजिशियन डॉ अजय राणा से बात की। डॉक्टर ने चीनी की अधिकता से होने वाले त्वचा संबंधी समस्याओं के बारे में बताया है (sugar effect on skin)। तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से।

यहां जानें शुगर स्किन को किस तरह से प्रभावित कर सकती है (sugar effect on skin):

1. बढ़ जाता है एक्ने ब्रेकआउट का खतरा

अधिक मात्रा में रिफाइंड शुगर और एडेड शुगर युक्त फूड्स से मुहांसो का खतरा बढ़ सकता है। शरीर में ब्लड शुगर का बढ़ता स्तर इनफ्लेमेशन को बढ़ा सकता है, जिसकी वजह से पिंपल्स, ज़िट्स, ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स की समस्या हो सकती है। बॉडी में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ने से अधिक सीबम (तेल) बनने लगता है, वहीं इसका प्रभाव त्वचा पर भी नजर आता है और एक्ने ब्रेकआउट जैसी समस्याएं आपको परेशान कर सकती है।

Acne ki samasya
मुंहासों के चलते चेहरे पर दाग धब्बे नज़र आने लगते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

2. झुर्रियां और स्किन सैगिंग की समस्या बढ़ जाती है

रिफाइंड शुगर ग्लाइकेशन नामक प्रक्रिया को बढ़ावा दे सकता है, जहां चीनी के अणु त्वचा में कोलेजन और इलास्टिन फाइबर से जुड़ जाते हैं, जिससे त्वचा इलास्टिन लूज कर सकती है और रिंकल्स का खतरा बढ़ जाता है और त्वचा समय से पहले बूढ़ी नजर आना शुरू हो जाती है।

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बढ़े हुए इंसुलिन से उन्नत ग्लाइकेशन अंत-उत्पाद (एजीई) का निर्माण बढ़ जाता है। ये AGE कोलेजन और इलास्टिन फाइबर को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे त्वचा की इलास्टिन कम हो सकती है, वहीं रिंकल्स की समस्या बढ़ जाती है और त्वचा ढीली पड़ सकती है।

3. स्किन अधिक ऑयली हो सकती है

सीबम एक नेचुरल ऑयल है, जो बॉडी में प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है। वहीं ये हहमारी त्वचा को मॉइश्चराइज रखता है। पर अधिक मात्रा में चीनी का सेवन शरीर में सीबम के उत्पादन को बढ़ा देता है, जिसकी वजह से त्वचा में जरूरत से ज्यादा ऑयल प्रोड्यूस होना शुरू हो जाता है और त्वचा ऑयली हो सकती है। इस कारण एक्ने, पिम्पल, इत्यादि जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

oily skin
ऑयली स्किन का कारण बन जाता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

4. स्किन इंफ्लेमेशन को बढ़ा देता है

अधिक मात्रा में चीनी का सेवन शरीर में इन्फ्लेमेटरी रिस्पांस को ट्रिगर करता है। जिसकी वजह से त्वचा से जुड़ी इन्फ्लेमेटरी समस्याएं जैसे कि सोरायसिस और एग्जिमा होने का खतरा बढ़ जाता है। ये समस्याएं त्वचा संबंधी कई अन्य समस्याओं के खतरे को बढ़ा देती हैं।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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