आप कई दिनों से टैटू बनवाना चाह रहीं हैं पर डरती हैं कि परमानेंट टैटू रिमूव नहीं हो सकते। टैटू रिमूवल (Tattoo Removal) के बारे में बहुत से लोगों के मन में सवाल होते हैं। पर अब तकनीक की बदलौत टैटू रिमूव करवाना (Tattoo Removal) न केवल ज्यादा प्रभावशाली हो गया है, बल्कि यह ज्यादा आसान और बजट में भी हो गया है।
टैटू के संदर्भ में अब किसी भी तरह का संकोच बीते समय की बात हो गया है, बल्कि अब तो टैटू बनवाना एक कल्चर का हिस्सा बन गया है। पर अब भी कुछ लोग ऐसे हैं जो टैटू बनवाने से घबराते हैं, क्योंकि ये परमानेंट होते हैं।
तो अगर आपको ऐसा लगता है कि आपने अपनी टीनेज में कोई टैटू क्यों नहीं बनवाया या आप पुराने टैटू की जगह कोई नया टैटू बनवाना चाहती हैं तो अब आपके पास ऐसा करने का एक और कारण है।
इसके लिए अपॉइंटमेंट बुक करने से पहले यह भी जान लें कि टैटू की यह पूरी प्रकिया है क्या-
लेजर पॉइंटर जो लगातार लेजर बीम फेंकता है के उलट टैटू रिमूवल लेजर लाइट के छोटे-छोटे पॉइंट्स रिलीज करता है। लाइट का हर कण स्किन के अंदर जाता है और टैटू बनाने वाली इंक के संपर्क में आता है।
इंक एनर्जी को अवशोषित करती है और छोटे कणों में टूटने लगती है। जिसे हमारा शरीर अवशोषित करता है और हमाराा लिम्फेजटिक सिस्टम फ्लश आउट कर देता है।
यह माना जाता है कि एक टैटू को हटाने के लिए 10 से 20 सिटिंग्स लेनी पड़ती हैं। पर एक संभावना हमेशा रहती है कि परिणाम अपेक्षा से कम हो। इसके कई कारण हो सकते हैं कि टैटू ट्रीटमेंट के प्रति कैसे रिएक्ट करता है। इनमें से कुछ में टैटू कितना पुराना है, वह कहां पर है और उसे बनाने में कैसी इंक का इस्तेमाल किया गया है आदि शामिल हैं।
आप टैटू बनवा चुकी हैं और इसकी प्रक्रिया से भी वाकिफ हैं। पर टैटू रिमूवल भी पूरी तरह दर्द मुक्त प्रक्रिया नहीं है।
आपको मानसिक रूप से खुद को तैयार करने की आवश्यकता है क्योंकि यह क्विक या ईजी लेजर सेशन नहीं हैं। टैटू हटाना असुविधाजनक है – लेकिन दर्द को कम करने के लिए बहुत सारे तरीके हैं जैसे सुन्न करने वाली क्रीम या और बर्फ लगाना ।
इसके अलावा, टैटू का स्थान निर्धारित करता है कि आपको कितना दर्द और असुविधा महसूस करनी होगी। शरीर के कुछ अंग अन्यों की तुलना में अधिक संवेदनशील होते हैं।
पहले टैटू हटवाने का मतलब होता था कि स्किन पर पिछले टैटू की हल्की परछाईं सी रह ही जाती थी। पर अब लेज़र तकनीक में हुए सुधार की बदौलत टैटू को पूरी तरह रिमूव करवाना आसान हो गया है।
लगभग पांच से छह साल पहले तक काफी कोशिश करने के बाद भी टैटू की हल्की शेड स्किन पर रह ही जाती थी, क्यों कि लेजर तकनीक पहले अब की तुलना में कम उन्नत थी।
पर अब लेजर इतनी प्रभावशाली है कि आप टैटू हटवाने के बाद स्किन को नॉर्मल लुक में ला सकती है। पर हां, इसमें कुछ समय, प्रयास और पैसे तो खर्चने पड़ते हैं पर टैटू पूरी तरह रिमूव हो जाता है।
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कस्टमाइज़ करेंटैटू रिमूवल ट्रीटमेंट के बाद वह खास हिस्सार लाल होने, सूजन, और खरोंच की संभावना हो सकती है। कुछ लोगों को ब्लिस्टरिंग और क्रस्टिंग का भी अनुभव होता है। इस तरह की समस्याएं रिमूवल के एक सप्ताबह बाद तक बर्दाश्तभ करनी पड़ सकती हैं।
उस हिस्से को कुछ दिनों के लिए एक खास बैंडेज से ढकने की जरूरत होती है। इसके बाद इस पर नई स्किन आने लगती है।
तो अब तो आपको सब पता चल ही गया होगा कि टैटू रिमूवल की प्रक्रिया में आपको किन-किन चीजों के लिए तैयार रहना होगा।