अनियमित खानपान, स्किन एलर्जी (skin allergy) और तनाव (stress) का बढ़ना चेहरे पर ब्लोटिंग का कारण बनने लगता है। इसके चलते सुबह उठकर चेहरे को देखकर कई बार सूजन महसूस होती है और चेहरे का आकार उभरा हुआ और गोल नज़र आता है। ये सूजन चेहरे के अलावा गर्दन पर भी नज़र आने लगती है। इसे दूर करने के लिए डाइट को नियमित बनाए रखने और भरपूर नींद के अलावा कुछ ब्यूटी टिप्स की भी मदद ले सकते है। जानते हैं फेशियल ब्लोटिंग (facial bloating) किसे कहते हैं और इस समस्या को दूर करने के उपाय भी।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार फेशियल ब्लोटिंग (Causes of facial bloating) यानि सूजन को फेशियल एडिमा भी कहा जाता है। शरीर में पानी रक्तप्रवाह और लिम्फ में मौजूद रहता है।, जिससे रोग प्रतिरक्षा कोशिकाएं मौजूद रहती है। जब पानी हाथ, पैर या चेहरे में एकत्रित होने लगता है, तो सूजन का रूप ले लेता है। इससे त्वचा में विषैले पदार्थ, जमा हो जाते हैं। शरीर में जमा फ्लूइड (fluid build up) को नियंत्रित करने के लिए अपने खानपान का ख्याल रखना चाहिए।
इस बारे में त्वचा विशेषज्ञ डॉ नेहा खुराना बताती हैं कि कुशिंग सिंड्रोम समेत कुछ अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण चेहरे पर सूजन (swollen faces) बढ़ने लगती है। वे लोग जो पेट के बल सोते हैं और ऊंचा तकिया नहीं लेते हैं, उनमें ये समस्या पाई जाती है। इससे चेहरे पर वॉटर रिटेंशन का खतरा बना रहता है और चेहरे को सूजन का सामना करना पड़ता है।
ब्लड में कुछ विषैले पदार्थों की मौजूदगी से वो पूरे शरीर में कहीं भी सर्कुलेट होने लगते है। इससे वॉटर रिटेंशन का खतरा (risks of water retention) बनी रहता है। इसके अलावा शरीर में प्रोटीन की कमी से ये समस्या बढ़ने लगती है और फूड एलर्जी की समस्या भी बनी रहती है। सोडियम की मात्रा को नियंत्रित रखें और स्वस्थ आहार लें। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन के अनुसार जब फेशियल टिशूज़ में फ्लूइड बिल्डअप होने लगता है। इसके चलते गर्दन या ऊपरी बाहों के आसपास सूजन की समस्या बनने लगती है।
वॉटर रिटेंशन से राहत पाने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीएं। इससे शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। इसके अलावा सोडियम इनटेक से बचें। पानी की पर्याप्त मात्रा से शरीर में मौजूद सोडियम की मात्रा को निष्कासित किया जा सकता है। इसके अलावा अल्कोहल के सेवन को सीमित रखें। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार सप्ताह में 8 अल्कोहल्कि ड्रिंक पीने से आंखों के नीचे सूजन बनी रहती है।
साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार वे लोग जो भरपूर नींद नहीं ले पाते हैं। उसका असर उनके चेहरे पर दिखेन लगता है और सूजन बढ़ जाती है। ऐसे में भरपूर नींद लें। इससे शरीर की नेचुरल रिदम मेंटेन रहती है और आंखों के नीचे बढ़ने वाली पफ्फीनेस को भी कम किया जा सकता है। 8 घंटे की नींद लेने के अलावा तनाव लेने से भी बचना चाहिए अन्यथा कोर्टिसोल फेस का सामना करना पड़ता है।
चेहरे को ब्लोटिंग से मुक्त करने के लिए चेहरे पर बर्फ की सिकाई करें, इससे चेहरे और गर्दन पर दिखने वाली सूजन से बचा जा सकता है। एस्थेटिक सर्जरी जर्नल ओपन फोरम के अनुसार धीमी गति से चेहरे पर उंगलियों की मदद से मसाज करने से लिम्फैटिक ड्रेनेज से राहत मिलती है और चेहरे की सूजन कम होने लगती है। इसके लिए चावल के आटे में चुटकी भर फिटकरी और दूध मिलाकर चेहरे पर लगाने से स्किन को हेल्दी बनाया जा सकता है।
चेहरे पर बढ़ने वाली ब्लोटिंग से आंखों के नीचे सूजन बढ़ जाती है और आंखे उभरी हुई दिखने लगती हैं। ऐसे में रात को सोने से पहले अंडर आई मास्क लगाकर सोएं, जिससे आंखों के आसपास बढ़ने वाली फाइन लाइंस की समस्या हल होने लगती है। इसके अलावा आंखों के नीचे बढ़ने वाले काले घेरों को भी कम किया जा सकता है। हाइड्रोलिक एसिड से भरपूर आई मास्क फायदेमंद साबित होता है। इसके अलावा एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर हल्दी को एलोवेरा जेल में मिलाकर चेहरे के नीचे लगाने से भी फायदा मिलता है।
त्वचा पर बढ़ रही सूजन को कम करने के लिए रोलर की मदद से चेहरे पर मसाज करें। इससे वॉटर रिटेंशन के अलावा चेहरे पर दिखने वाली झुर्रियों को भी कम किया जा सकता है। नियमित रूप से इसे चेहरे पर लगाने से स्किन का लचीलापन बना रहता है और वॉटर रिटेंशन से बचा जा सकता है। फेशियल मसल्स को हेल्दी बनाने के लिए इससे चेहरे पर रोज़ मसाज करें।
कभी आंखों के नीचे तो कभी गर्दन पर बार बार होने वाली सूजन की जांच के लिए फूड एलर्जी टेस्ट करवाएं और सीबीसी टेस्ट भी अवश्य करवाएं। त्वचा में सूजन के साथ स्किन के रंग में आने वाला बदलाव चिंता का कारण बनने लगता है। इसके अलावा बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शन और लालिमा का सामना करना पड़ता है। साथ ही ब्रीदिंग प्रॉबल्म और सूजन के साथ बढ़ने वाली दर्द चिंता का कारण बनने लगती है।