अक्सर सर्दी के मौसम में नियमित रूप से फेशियल और क्लीजिंग न होना कई त्वचा संबधी समस्याओं के जोखिम को बढ़ा देता है। इन्हीं में से एक है एक्ने का बढ़ना। दरअसल, सर्दियों में शुष्कता बढ़ने लगती है, जिससे क्लॉग्ड पोर्स का सामना करना पड़ता है। इसके चलते त्वचा में एकत्रित डस्ट और अतिरिक्त ऑयल डेड स्किन सेल्स को बढ़ाते है, जिससे एक्ने की समस्या बढ़ने लगती है। अक्सर लोग मुहांसों को प्राथमिक चरण पर अनदेखा करने लगते है, जिसके चलते वो दाग धब्बों को कारण साबित होने लगती है। जानते हैं ठंड में एक्ने (Winter acne) से निपटने के उपाय।
अमेरिकन अकेडमी और डर्माटोलॉजी के अनुसार दुनियाभर में 9.4 फीसदी लोग एक्ने के शिकार है। ये आमतौर पर चेहरे, पीठ, कंधों और गर्दन पर नज़र आते हैं। एक्ने के चलते त्वचा को स्किन डिसकलरेशन के अलावा सूजन, दर्द और लालिमा का सामना करना पड़ता है।
सर्दी के मौसम में शुष्कता की समस्या बनी रहती है, जिससे त्वचा पर डेड स्किन सेल्स का सामना करना पड़ता है। दरअसल, स्किन पोर्स में ऑयल, डेड स्किन या बैक्टीरिया एकत्रित होने से वो बंद हो जाते हैं। सभी पोर्स फॉलिकल्स का रूप है, जो सेबेशियस ग्लैंड से तैयार होता है। इसमें मौजूद ऑयल जब फॉलिकल से बाहर निकलते हैं, तो उससे त्वचा प्रभावित हेती है, जो एक्ने (Winter acne) का रूप लेता है।
इस बारे में ब्यूटी एक्सपर्ट रेखा कुमारी बताती हैं कि तापमान में आने वाली कमी और ड्राई एयर स्किन ड्राईनेस को बढ़ाने लगती है। इससे पहले से ही हवा में मौजूद नमी की कमी त्वचा में हाइड्रेशन को कम कर देती है। इससे स्किन पर बैक्टीरिया का प्रभाव बढ़ जाता है और रोम छिद्रों को क्षति का सामना करना पड़ता है। ऐसे में क्लींजर के अलावा एक्सफोलिएशन बेहद ज़रूरी है।
वे लोग जो एक्ने के शिकार है। उनकी त्वचा पर सीबम की सिक्रीशन बढ़ने लगता है। ऐसे में त्वचा को हेल्दी और क्लीन बनाए रखने के लिए क्रीमी क्लींजर की जगह जेल बेस्ड फेसवॉश प्रयोग करें। इससे त्वचा पर अतिरिक्त ऑयल की समस्या हल होने लगती है और त्वचा का रूखापन कम होने लगता है। साथ ही स्किन की नमी रिस्टोर होने लगती है।
ऐसे मौसम में वॉटर बेस्ड प्रोडक्टस का इस्तेमाल करें। त्वचा पर नॉनकॉमिडोजेनिक मॉइश्चराइज़र प्रयोग करने से त्वचा का रूखापन कम होता है और स्किन सेल्स बूस्ट होते है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके डेड स्किन सेल्स को बढ़ने से रोकते है। साथ ही स्किन को रूखेपन से भी राहत मिल जाती है।
त्वचा को धोने के बाद स्क्रब से एक्सफोलिएट करें। इससे स्किन टोन और टैक्सचर में सुधार आने लगता है। इसके अलावा कोलेजन की मात्रा बढ़ जाती है। मृत त्वचा को निकालने के लिए स्किन को एक्सफोलिएट करने के दौरान अधिक रगड़ने से बचें। इससे रूखापन बढ़ने लगता है और एक्ने ब्रेकआउट का सामना करना पड़ता है।
वे लोग जो सर्दी में रूसी का शिकार हो जाते है। अक्सर उसका प्रभाव चेहरे पर भी दिखने लगता है। रूसी के कण चेहरे पर गिरने से मुहांसों की समस्या बनी रहती है। इसके अलावा त्वचा का रूखापन बढ़ने से स्किन अधिक ऑयल का स्रिशन करता है, जो डेड स्किन सेल्स के साथ मिलाकर एक्ने का कारण साबित होते है। ऐसे में बालों को बांधकर रखे।
त्वचा का रूखापन एक्ने के अलावा झुर्रियों का भी कारण साबित होता है। ऐसे में स्किन को हेल्दी बनाए रखने के लिए हयालूरोनिक एसिड और ग्लिसरीन का इस्तेमाल करें। इससे त्वचा का लचीलापन बना रहता है और स्किन डिहाइड्रेशन का जोखिम कम होने लगता है।
चेहरे को धोने के लिए सर्दी के मौसम में सामान्य या फिर हल्के गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करें। इससे त्वचा के सीबम ग्लैंड को उत्तेजित होने से रोका जा सकता है। साथ ही त्वचा का नेचुरल ग्लो बना रहता है। बाहर से लौटने के बाद फेस क्लीजिंग आवश्यक है।
हर वक्त चेहरे पर हाथ लगाने से बैक्टीरिया का प्रभाव बढ़ने लगता है, जो स्किन इंफे्क्शन का कारण साबित होता है। हाथों के अलावा त्वचा को टिशू, वाइप्स और रूमाल से ज्यादा रगड़ने से भी बचें। इससे स्किन पर एक्ने की समस्या बढ़ने लगती है।
हैट्स, कैप और टाइट बैंड्स फोरहेड एक्ने की समस्या को जन्म देते है। ऐसे में स्किन की रोज़ाना क्लीनिंग पर ध्यान दें और कैप से स्किन पर बढ़ने वाले इंफे्क्शन को भी रोकें। इससे स्किन क्लीन और हेल्दी बनती है।
यह भी पढ़ें- Teenage skincare guide : मुंहासे और एक्ने से बचना है तो यहां है टीनएज के लिए कंप्लीट स्किन केयर गाइड
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।