उम्र बढ़ने के कारण त्वचा ढीली पड़ जाती है, ऐसे में पेट और जांघ की स्किन भी लटकती हुई दिखाई देती है। यह एक प्रकार की कॉस्मेटिक चिंता है। त्वचा का ढीलापन 35 से 40 की उम्र में दिखाई देने लगता है। यह ज़्यादातर हाथों और पैरों के अंदरूनी हिस्से और पेट के हिस्से में नज़र आता है। वहीं अधिक वजन वाले व्यक्ति जो वेट लॉस करते हैं, उनमें भी यह समस्या देखने को मिलती है। अपनी ढीली त्वचा में फिर से कसाव लाने के लिए आजकल बॉडी कंटूरिंग का चलन बढ़ रहा है। इसमें अलग-अलग तरह प्रक्रियाएं शामिल हैं, जो त्वचा के ढीलेपन को प्रभावित करने वाले फैट टिश्यू पर काम करती हैं। पर क्या यह सुरक्षित है? और इसे करवाने से पहले किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए,आइए जानते हैं विस्तार से।
बॉडी स्किन के ढीला पड़ने से बहुत से लोग कॉन्फिडेंस में कमी महसूस करना शुरू कर देते हैं जिसके लिए वे बॉडी कंटूरिंग या बॉडी स्कल्पटिंग करवाते हैं। हालांकि, आपको कुछ बातों की जानकारी होना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि अक्सर लोग बिना उचित जानकारी के बॉडी कंटूरिंग (Body contouring) करवाने की प्लानिंग कर लेते हैं। जिसकी वजह से उन्हें बाद में समस्या हो सकती है। बॉडी स्कल्पटिंग करवाने से पहले जिन बातों का ध्यान रखना है उसे लेकर हेल्थ शॉट्स ने सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम के कंसल्टेंट – डर्मेटोलॉजी डॉ. रूबेन भसीन पासी से बात की। तो चलिए जानतें हैं, इसपर क्या है एक्सपर्ट की राय।
बॉडी कंटूरिंग या बॉडी स्कल्पटिंग एक मेडिकल या सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य शरीर के किसी हिस्से को फिर से आकार देना होता है। सर्जरी ढीली त्वचा और अतिरिक्त वसा को हटा देती है और अंतर्निहित ऊतकों के आकार और टोन में सुधार करती है। बॉडी कॉन्टूरिंग अक्सर चरणों में की जाती है और इसे पूरा होने में महीने या पूरा साल भी लग सकता है। इसमें निम्न प्रतिक्रियाएं शामिल हो सकती हैं।
अतिरिक्त त्वचा से छुटकारा पाना
अतिरिक्त चर्बी को खत्म करना
क्षेत्र को फिर से आकार देना या कंटूर करना
बॉडी कंटूरिंग आमतौर पर आपको वजन कम करने में मदद नहीं करती है। इसके बजाय, यह शरीर को आकार देने और उन खास क्षेत्रों को संबोधित करने में मदद करती है, जहां वजन कम करना प्रभावी नहीं है।
इसके विपरीत बॉडी कंटूरिंग को ठंड से होने वाली स्स्थितियां जैसे क्रायोग्लोबुलिनेमिया, ठंड/गर्मी पित्ती और पैरॉक्सिस्मल कोल्ड हीमोग्लोबिनुरिया, वैरिकोज वेन, डर्मेटाइटिस या अन्य त्वचा की स्थितियों वाले उपचार क्षेत्रों में नहीं किया जाना चाहिए।
वजन घटाने के लिए बॉडी कंटूरिंग नहीं करवानी चाहिए। केवल वे लोग ही इसके लिए पात्र हैं जो अपने आदर्श वजन के करीब हैं। अपने शरीर के वजन को बनाए रखने के लिए, लोगों को आहार और व्यायाम योजना का पालन करना चाहिए। जबकि फैट का विनाश स्थायी है, अगर अच्छी आदतें नहीं रखी जाती हैं, तो भविष्य में फैट बनने का जोखिम बना रहता है।
बॉडी कंटूरिंग की एक विधि में फैट सेल्स को जमाना और नष्ट करना शामिल है, जबकि आस-पास के टिश्यू को नुकसान नहीं पहुंचाया जाता है। फैट सेल्स लसीका प्रणाली (lymphatic system) के माध्यम से अपने आप शरीर से बाहर निकल जाती हैं। एक बार मर जाने के बाद वे वापस नहीं बढ़ सकती हैं। बॉडी स्कल्पटिंग का एक अन्य तरीका फैट सेल्स को खत्म करने के लिए गर्मी का उपयोग करना है, लेकिन अंतिम परिणाम वही होता है।
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सर्जरी करवाने से पहले, अधिकांश सर्जन की सलाह रहती है कि पेशेंट कम से कम 6 महीने पहले से वेट मैनेजमेंट पर ध्यान दें और अपने आदर्श वजन पर पहुंच जाए। वजन में मामूली उतार-चढ़ाव आमतौर पर कोई समस्या नहीं है, लेकिन वजन अधिक बढ़ जाए तो आपकी त्वचा में खिंचाव आ सकता है और आपके मूल परिणामों को बहाल करने के लिए एक और प्रक्रिया की आवश्यकता होती है।
बॉडी कंटूरिंग के बाद परिणाम तुरंत नहीं मिलते हैं। लगभग तीन सप्ताह के अंदर अंतर नज़र आना शुरू होता है। पूरा प्रभाव दो से चार महीने तक दिखाई नहीं देता है। चिकनी त्वचा पाने में भी कम से कम तीन महीने लग जाते हैं। ध्यान रखें कि फैट सेल्स शरीर से स्टेजेज में निकलती हैं, इसलिए परिणाम दिखने में समय लगता है।
बॉडी कंटूरिंग सर्जरी करवाने से पहले तम्बाकू उत्पादों का सेवन बंद करना सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। तम्बाकू उत्पाद सर्जरी प्रक्रिया के बाद शरीर की रिकवरी में परेशानी पैदा करते हैं। इनमें रसायन, टार और निकोटीन होते हैं, जो आपके रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा को कम करके शरीर को प्रभावित करते हैं। आदर्श रूप से, आपको अपनी प्रक्रिया से दस सप्ताह पहले तम्बाकू का सेवन बंद कर देना चाहिए।
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