‘स्किन केयर’ (Skin care) शब्द कई बातों का ध्यान रखता है, है न? एक स्किनकेयर रूटीन (Skincare routine) खास देखभाल का अहसास करवा सकता है। मगर वास्तव में, स्वस्थ त्वचा के लिए ये कदम न केवल आवश्यक हैं, बल्कि उन्हें लागू करना भी आसान है। पर यह तभी संभव है जब आपका चुनाव सही हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्किनकेयर में बहुत सारी गलतियां और मिथ्स आते हैं। कभी-कभी यह पता लगाना मुश्किल हो सकता है कि आप अच्छा कर रहे हैं या नहीं।
हमेशा ध्यान रखें कि आपकी त्वचा की देखभाल के तरीके को आपकी त्वचा के प्रकार और उसकी जरूरतों के अनुसार तैयार किया जाना चाहिए। इसका मतलब है कि सभी स्किनकेयर कदम आपके लिए सही नहीं हैं। अनावश्यक ब्यूटी रूटीन से परिचित होने का समय आ गया है जिसे आपको छोड़ने की जरूरत है।
प्रसिद्ध त्वचा विशेषज्ञ और सौंदर्य चिकित्सक डॉ अजय राणा, हेल्थशॉट्स को बताते हैं, “हम सभी को नियमित रूप से अपनी त्वचा की सफाई, टोनिंग, उपचार और मॉइस्चराइजिंग की जरूरत होती है। पर कभी-कभी ये स्किनकेयर रूटीन पूरी तरह से अनावश्यक होते हैं। सबसे अच्छा स्किनकेयर रूटीन वह है, जो हर मौसम में और साल-दर-साल बदलता रहता है।”
हर दिन एक्सफोलिएट करने से त्वचा से उसके प्राकृतिक तेल निकल सकते हैं, जिससे ब्रेकआउट हो सकता है। अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो यह ज्यादा नुकसान कर सकता है। राणा कहते हैं, “एक्सफ़ोलिएटिंग अच्छा है लेकिन रोज करना आवश्यक नहीं है।
यह डेड स्किन सेल्स से छुटकारा पाने में मदद करता है, अतिरिक्त सीबम (sebum) को हटाता है और बंद छिद्रों को खोलता है, जिससे ब्लैकहेड्स और मुंहासों को कम करने में मदद मिलती है। त्वचा को एक्सफोलिएट करने से स्किन प्रोडक्ट्स को बेहतर तरीके से एब्सॉर्ब करने में मदद मिलेगी। साथ ही, छिद्रों के आकार को कम करने में भी मदद मिलेगी। सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपनी त्वचा को हफ्ते में 2-3 बार एक्सफोलिएट करें।”
टोनर हर किसी के लिए जरूरी नहीं है। हर प्रकार की त्वचा के लिए टोनर का उपयोग करना पूरी तरह से अनावश्यक है। डॉ राणा कहते हैं, “यह उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है जिनके पोर्स बढ़े हुए हैं और ऑयली त्वचा है। इसलिए, जिन लोगों की त्वचा के रोमछिद्र छोटे होते हैं, उन्हें टोनर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।”
केवल हाइड्रेटिंग सीरम का उपयोग करने से आप स्वस्थ और चमकदार त्वचा नहीं पा सकते। यह पूरी तरह से व्यक्ति की त्वचा के प्रकार पर निर्भर करता है। डॉ राणा का सुझाव है कि अगर किसी की त्वचा प्रतिक्रियाशील है, तो सीरम का उपयोग करने से उन्हें अपनी त्वचा को शांत करने में मदद मिल सकती है।
एंटी-एजिंग क्रीम आपकी उम्र बढ़ने के संकेतों को कम करने में मदद करती हैं। लेकिन वे यहां चमत्कार करने के लिए नहीं हैं, खासकर यदि आप उनका अकेले उपयोग कर रहे हैं। यदि आप ऐसा करते हैं तो यह पूरी तरह से अनावश्यक है।
राणा कहते हैं, “जैसे-जैसे हम उम्र के साथ बढ़ते हैं, यह पूरी तरह से एक मिथक है कि केवल एंटी-एजिंग क्रीम ही आपकी त्वचा के लिए चमत्कार कर सकती हैं। एंटी-एजिंग क्रीमों के अलावा, हमारी त्वचा आहार, जीवनशैली और कॉस्मेटिक सर्जरी और उपचार जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है।”
डॉ राणा कहते हैं, “शीट मास्क और फेस मास्क का दैनिक उपयोग हर प्रकार की त्वचा के लिए चमत्कार नहीं करेगा। यह फेशियल या किसी भी तरह के ब्यूटी प्रोसीजर के बाद ही फायदेमंद होता है।”
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कस्टमाइज़ करेंडॉ राणा कहते हैं, “एक ही समय में बहुत सारे उत्पादों का उपयोग करना पूरी तरह से अनावश्यक है। जब हम एक ही समय में कई नए उत्पादों को आजमाते हैं तो हमारी त्वचा प्रतिक्रिया करती है। केवल क्लींजिंग, टोनिंग और मॉइस्चराइजिंग का पालन करें, और अपनी विशेष त्वचा के प्रकार के आधार पर सप्ताह में 1-3 बार एक्सफोलिएशन को शामिल करें। साथ ही सीरम और मास्क की जरूरत भी होती हैं।”
तो लेडीज, अगर अपनी स्किन से प्यार करती हैं और उसे जवां-ग्लोइंग बनाए रखना चाहती हैं, तो ऐसी-वैसी सलाह पर हरगिज भरोसा न करें। वही इस्तेमाल करें जो आपकी स्किन को सूट करता है।
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