दिवाली ढेर सारे त्योहारों का समूह है। 5 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में हर दिन कुछ खास होता है। कार्तिक अमावस्या यानी दिवाली (Diwali 2023) से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाए जाने की परंपरा है। इसे रूप चतुर्दशी (roop chaturdashi 2023) भी कहा जाता है। यानी घर की स्त्रियां इस दिन अपने सौंदर्य के लिए कुछ खास समय निकाल सकती हैं। सुंदर दिखना एक नैसर्गिक इच्छा है। हम सभी चाहते हैं कि हम सुंदर और आकर्षक दिखें। इसके लिए हम कई तरह के स्किन केयर प्रोडक्ट भी इस्तेमाल करते हैं। पर ऐसे किसी भी प्रोडक्ट का लाभ तब तक नहीं है, जब तक हमारी त्वचा अंदर से स्वस्थ नहीं है। त्वचा के स्वास्थ्य के लिए 5 सूक्ष्म पोषक तत्वों (micronutrients for skin) की जरूरत होती है। चलिए एक स्किन केयर स्पेशलिस्ट से जानते हैं इनके बारे में सब कुछ।
माइक्रोन्यूट्रीएंट स्किन बैरियर फंक्शन को सपोर्ट करते हैं। यह ओवरआल स्किन हेल्थ को बनाए रखने के लिए जरूरी हैं। स्किन बैरियर को स्ट्रेटम कॉर्नियम के रूप में जाना जाता है। यह हानिकारक बैक्टीरिया और यूवी रेडिएशन से बचाता है। उचित हाइड्रेशन लेवल बनाए रखने में मदद करता है। यह स्किन को अतिरिक्त ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से भी बचाता है। त्वचा के लिए आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार खाने से जरूरी लिपिड और कोलेजन के उत्पादन में सहायता मिलती है। नमी बरकरार रहती है। यह समय से पहले स्किन एजिंग, रेडनेस और दाग-धब्बों को दूर करता है।
विटामिन ए में रेटिनॉल और रेटिनिल एस्टर होते हैं। ये मुख्य रूप से एनिमल उत्पादों में पाए जाते हैं। प्लांट बेस्ड फ़ूड में पाए जाने वाले प्रोविटामिन ए कैरोटीनॉयड शरीर द्वारा विटामिन ए में परिवर्तित किया जाता है।
यह स्वस्थ त्वचा कोशिकाओं को लगातार रिजुवेनेट करता है। विटामिन ए कोलेजन सिंथेसिस में मदद करता है। यह त्वचा की लोच और दृढ़ता बनाए रखने के लिए संरचनात्मक सहायता प्रदान करता है। विटामिन ए की कमी से घाव जल्दी नहीं सूखते हैं। विटामिन ए एंटीऑक्सिडेंट गुणों वाला है और सीबम को नियंत्रित करता है।
यह झुर्रियां कम करने, त्वचा की कोमलता को बढ़ावा देने और हाइपरपिग्मेंटेशन को कम करने में मदद करता है। विटामिन ए शकरकंद, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, आम, एप्रीकोट, कॉड लिवर आयल, अंडे और फोर्टिफाइड डेयरी प्रोडक्ट में भी होता है।
विटामिन सी एस्कॉर्बिक एसिड के रूप में जाना जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट विटामिन (micronutrients for skin) है, जो कोलेजन संश्लेषण, प्रतिरक्षा कार्य और ऑक्सीडेटिव तनाव और पर्यावरणीय क्षति से त्वचा की सुरक्षा में भूमिका निभाता है। विटामिन सी कोलेजन और नए संयोजी ऊतक को संश्लेषित करने में मदद करता है। यह यूवी रेडिएशन के कारण त्वचा क्षति, झुर्रियों और हाइपरपिग्मेंटेशन से भी लड़ता है। फल और सब्जियां विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत हैं। खट्टे फल, टमाटर, आलू, बेल पेपर, कीवी, ब्रोकोली, स्ट्रॉबेरी में भी यह होता है।
विटामिन ई कई टोकोफ़ेरॉल और टोकोट्रिएनोल रूपों के साथ शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। एंटीऑक्सीडेंट के रूप में विटामिन ई स्किन को फ्री रेडिकल्स के नुकसान से बचाता है। यूवी रेडिएशन के कारण त्वचा की क्षति को रोकना, सूजन को कम करना और घाव भरने में सहायता करता है। कोलेजन टूटने और समय से पहले त्वचा की उम्र बढ़ने को रोकने के लिए विटामिन ई विटामिन सी के साथ मिलकर बढ़िया काम करता है। विटामिन ई सोयाबीन, कैनोला, मक्का और अन्य वनस्पति तेलों से प्राप्त गामा-टोकोफ़ेरॉल है। कई खाद्य पदार्थों में अल्फा-टोकोफ़ेरॉल के रूप में यह होता है। नट्स, सीड्स, हरी पत्तेदार सब्जियां, फोर्टीफाइड अनाज इसमें शामिल हैं।
जिंक एक आवश्यक ट्रेस खनिज है। इ सकी प्रजनन, सेलुलर रीफ़ॉर्मेशन और प्रतिरक्षा कार्यप्रणाली सहित कई शारीरिक कार्यों के लिए जरूरत होती है। शरीर के कुल जिंक का छह प्रतिशत त्वचा में होता है।
यह यूवी विकिरण को अवशोषित करके फोटोडैमेज से त्वचा की रक्षा करता है। सनस्क्रीन में जिंक ऑक्साइड का उपयोग (micronutrients for skin) किया जाता है। जिंक घाव की मरम्मत और त्वचा कोशिका के रखरखाव और इम्यून सिस्टम की मजबूती में मदद करता है। यह स्किन को संक्रमण और सूजन से बचाता है। जिंक के सबसे समृद्ध खाद्य स्रोतों में मांस, मछली और सी फ़ूड हैं। अंडे, डेयरी उत्पाद, बीन्स, नट्स और साबुत अनाज भी जिंक के प्राकृतिक स्रोत हैं।
एसेंशियल फैटी एसिड पॉलीअनसेचुरेटेड वसा होते हैं जिन्हें शरीर द्वारा संश्लेषित नहीं किया जा सकता है। इसलिए इसे आहार के माध्यम से प्राप्त करना चाहिए। ओमेगा-6 और ओमेगा-3 फैटी एसिड का मूल कंपाउंड (micronutrients for skin) हैं।
ओमेगा-6 और ओमेगा-3 फैटी एसिड स्किन को हाइड्रेट करते हैं। सूजन नियंत्रित करते हैं। यह स्किन बैरियर को मजबूत करते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों में फैटी फिश, अखरोट, चिया सीड्स, फ्लेक्स सीड्स हैं। ओमेगा-6 फैटी एसिड सूरजमुखी, सोया, तिल और मकई के तेल में पाया जा सकता है।
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