एक उचित उम्र के बाद फाइन लाइंस, रिंकल्स और त्वचा पर डार्क स्पॉट होने जैसे एजिंग साइन नजर आना सामान्य है। वहीं महिलाओं को इसे बिल्कुल भी छिपाना नहीं चाहिए, क्योंकि जिस तरह हम अपने उम्र के सभी पड़ाव को इंजॉय करते हैं, ठीक उसी प्रकार बढ़ती उम्र को भी इंजॉय करना जरूरी है। परंतु आजकल धूल गंदगी, वातावरण में बढ़ता प्रदूषण, सूरज की हानिकारक किरणें और विभिन्न प्रकार के केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से त्वचा समय से पहले एजिंग का शिकार होती जा रही है। ऐसी स्थिति में महिलाएं अपना कॉन्फिडेंस खो देती हैं। हालांकि, त्वचा को एक उचित देखभाल देकर एजिंग साइंस को समय से पहले नजर आने से रोका जा सकता हैं।
ऐसे में हेल्थ शॉट्स आज आपके लिए लेकर आया है, ऐसे 5 ऑयल (top 5 anti aging oils) जो एजिंग के निशान को समय से पहले उभरने से रोकने में मदद करेंगे।
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नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार रोजमेरी ऑयल में एंटीमाइक्रोबॉयल और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी पाई जाती है। ऐसे में त्वचा पर इसका इस्तेमाल फ्री रेडिकल से होने वाले ऑक्सीडेटिव डैमेज से स्किन को प्रोटेक्ट करता है।
इसके साथ ही बीएमसी कंप्लीमेंट्री मेडिसिन एंड थेरेपी द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से दिन में एक बार रोजमेरी ऑयल से त्वचा का मसाज करने पर त्वचा में कई तरह के सकारात्मक सुधार देखने को मिलें। जैसे कि त्वचा का ब्लड सर्कुलेशन का बढ़ा हुआ नजर आया इसके साथ ही त्वचा के सूजन में भी काफी कमी देखने को मिली। यह सभी फैक्टर्स एजिंग साइन को समय से पहले नजर आने से रोकते हैं।
विटामिन ई एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट है। ऐसे में त्वचा पर इसका टॉपिकल इस्तेमाल स्किन को रिपेयर करने में मदद करता है। वहीं स्टडी की मानें तो विटामिन ई स्किन टोन को इंप्रूव करने के साथ ही त्वचा पर होने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम कर देती है। जिस वजह से एजिंग के निशान समय से पहले नजर नहीं आते। वहीं त्वचा पर एसेंशियल ऑयल के प्रभाव को बढ़ाने के लिए उनमें एक से दो बूंद विटामिन ई मिला सकती हैं।
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चंदन के तेल में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो त्वचा से जुड़ी विभिन्न प्रकार की समस्याओं का एक उचित समाधान है। इसके साथ ही इसमें मॉइश्चराइजिंग प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो प्राकृतिक रूप से त्वचा को हाइड्रेटेड और ग्लोइंग बनाती हैं। इसके साथ ही यह त्वचा के सेल्स को जोड़ें रखता है और स्किन फिलर की तरह काम करते हुए झुर्रियों को आने से रोकता हैं। चंदन का एस्ट्रिजेंट इफ़ेक्ट त्वचा में पर्याप्त नमी को बनाए रखता है और त्वचा पर डेड स्किन सेल्स को जमा होने से रोकता है।
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर नींबू के तेल में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है। वहीं इसे एक प्रभावी एंटी एजिंग प्रोडक्ट के रूप में जाना जाता है। बीएमसी लिपिड इन हेल्थ एंड डिजीज द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार लेमन ऑयल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबॉयल प्रॉपर्टी त्वचा पर समय से पहले नजर आने वाले एजिंग साइन को बढ़ने से रोकती है। हालांकि, लेमन ऑयल और अन्य सिट्रस एसेंशियल ऑयल को त्वचा पर लगाकर सूरज के संपर्क में जाने से बचें। अन्यथा यह आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है।
गुलाब प्रचलित फूलों में से एक है वहीं इसे त्वचा से जुड़ी विभिन्न प्रकार की समस्याओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ठीक इसी प्रकार इसके ऑयल के इस्तेमाल को भी त्वचा के लिए प्रभावी माना जाता है। रोज ऑयल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती है। इसके साथ ही नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2017 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार गुलाब के तेल का इस्तेमाल दर्द और एंग्जाइटी से राहत पाने में मदद करता है।
इसका इस्तेमाल स्किन सेल्स के टर्नओवर को बढ़ा देता है और स्किन टेक्सचर को इम्प्रोव करता है। वहीं इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी प्रोपर्टी स्किन रेडनेस को कम करने के साथ ही त्वचा पर नजर आने वाले तनाव को भी कम करता है। यह सभी फैक्टर्स स्किन एजिंग को समय से पहले नजर आने से रोकते हैं।
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