ग्लोइंग, स्पॉटलेस और चार्मिंग स्किन आखिर किसे नहीं चाहिए होती है। परन्तु आप उम्र के साथ एजिंग साइंस को आने से नहीं रोक सकती। आजकल बहुत कम उम्र में ही एजिंग महिलाओं को अपना शिकार बना रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है पॉल्यूशन, शारीरिक स्थिरता, खराब लाइफस्टाइल, सूरज की हानिकारक किरणें, जंक और फ्राइड फूड्स का सेवन, तरह तरह के केमिकल युक्त स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल, इत्यादि।
हालांकि, एक उचित समय के बाद एजिंग साइन से घबराना नहीं चाहिए। यह भी जीवन का एक पहलु है और आपको इसे भी एन्जॉय करना चाहिए। परन्तु हर चीज का एक उचित समय काल होता है। ठीक उसी प्रकार यदि एजिंग की समय जैसे की रिंकल, फाइन लाइन, गलों पर धब्बे बनना, पिगमेंटेशन, इत्यादि का समय से पहले नजर आना उचित नहीं है। यह कहीं न कहीं आपके अस्वस्थ होने की निशानी है। साथ ही साथ शरीर में कुछ आवश्यक पोषक तत्वों की कमी भी इसका कारण हो सकती है।
समय से पहले एजिंग की समस्या से बचने के लिए एंटी एजिंग प्रॉपर्टी से युक्त इन 5 तरह के हर्ब्स को आजमा सकती हैं (anti aging herbs)। तो चलिए जानते हैं इन 5 हर्ब्स के बारे में साथ ही जानेंगे की प्रभावी परिणाम के लिए इन्हे किस तरह इस्तेमाल करना है।
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भारतीय योगा गुरु, योगा इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर और टीवी की जानी-मानी हस्ती डॉक्टर हंसाजी योगेंद्र ने इन 5 प्रभावी एंटी एजिंग हर्ब्स के बारे में बताया है। आइये जानते है इनके बारे में थोड़ा और विस्तार से।
एक आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो आपके स्किन सेल्स को प्रोटेक्ट करने में मदद करता है। तीन तरह के सूखे फलों का मिश्रण है। इन 3 फलों में शामिल है, आमला, हरड़ और बहेड़ा। यह त्वचा में प्रोटीन और मॉइस्चर को बनाए रखता है। इन में पर्याप्त मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट जैसे कि विटामिन सी मौजूद होते हैं। यह सभी पोषक तत्व कोलेजन प्रोडक्शन के लिए आवश्यक हैं।
उचित परिणाम के लिए नियमित रूप से दो चम्मच त्रिफला चूर्ण को पानी में घोलकर रात भर के लिए छोड़ दें। सुबह इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और खाली पेट इसे पियें। इसकी एजिंग प्रॉपर्टी को और ज्यादा बढ़ाने के लिए इसमें दालचीनी मिला सकती हैं। क्योंकि दालचीनी में भी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी एजिंग प्रॉपर्टी पाई जाती है। जो आपके एजिंग प्रोसेस को धीमा करने में मददगार हो सकती हैं।
आंवला एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है और यह एजिंग साइन को रिवर्स करने में मदद कर सकता है। यह रिंकल और फाइन लाइन को कम करता है, साथ ही साथ स्किन पिगमेंटेशन को भी हल्का कर देता है। आमला की एंटीबैक्टीरियल और एस्ट्रिजेंट प्रॉपर्टी त्वचा पर होने वाले इन्फेक्शन से बचाव में मदद करती हैं। वहीं यह विटामिन सी का भी एक बेहतरीन स्रोत है, ऐसे में इसका सेवन कॉलेजन प्रोडक्शन को भी बढ़ावा देता है।
इसे डाइट में शामिल करने का सबसे आसान तरीका है लगभग 30 से 40ml आंवला जूस को एक गिलास गुनगुने पानी में डालें और अच्छी तरह मिला लें। यदि आप चाहें तो इसमें एक चम्मच क्रश किया हुआ गुड़ ऐड कर सकती हैं। इसे नियमित रूप से हर सुबह खाली पेट पियें।
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गिलोय एक प्रभावशाली हर्ब है। वहीं इसकी एंटी इनफॉर्मेटरी प्रॉपर्टी स्किन टिशू को पुनर्जीवित होने में मदद करती हैं। साथ ही साथ त्वचा पर हुए सूजन को भी कम करने में असरदार है। वहीं यह न केवल त्वचा के लिए बल्कि इम्यून सिस्टम के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। गिलोय में फ्लेवोनॉयड मौजूद होते हैं जो सेल्स को डैमेज होने से प्रोटेक्ट करते हैं और नए सेल्स के ग्रोथ में भी बढ़ावा देते हैं। इसके साथ ही यह त्वचा पर नजर आने वाले रिंकल को कम करता है, और त्वचा को प्राकृतिक रूप से ग्लोइंग बनाता है।
उचित परिणाम के लिए नियमित रूप से गिलोय के जूस को दिन में एक से दो बार जरूर पियें। इसके साथ ही गिलोय का काढ़ा भी इसे डाइट में शामिल करने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है। इसे तैयार करने के लिए गिलोय की स्टिक को पानी में डालकर 7 से 10 मिनट तक उबलने दें उसके बाद इसे छननी से छान लें और नियमित रूप से इसका सेवन करें।
रोजमेरी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा पर होने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करते हुए रिंकल इत्यादि जैसे एजिंग साइन को रोकने में मदद करते हैं। वहीं यह स्किन इलास्टिसिटी को भी बनाए रखता है। इतना ही नहीं रोजमेरी बायोलॉजिकल एक्टिविटी और सेल ग्रोथ को बढ़ावा देता है, जो रिंकल और फाइल लाइन को कम करने में मदद करते हैं।
रोजमेरी ऑयल को नियमित रूप से किसी अन्य एसेंशियल ऑयल के साथ मिलाकर त्वचा पर अप्लाई करें। आप चाहें तो इसे अपने फेस पैक और स्क्रब के साथ भी मिला सकती हैं। यह आपके स्किन टेक्सचर को इंप्रूव करने में मदद करता है, साथ ही साथ समय से पहले नजर आने वाले एजिंग साइंस को भी रोकता है। इसका नियमित इस्तेमाल ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव कर देता है और त्वचा पर होने वाले सूजन को कम करता है।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर पालक में भरपूर मात्रा में विटामिन ए, विटामिन सी विटामिन ई और विटामिन के मौजूद होते हैं। इसके साथ ही यह मैग्नीशियम, आयरन और ल्युटिन का एक बेहतरीन स्रोत है। विटामिन के स्किन सेल्स के सूजन को कम करता है। साथ ही इसमें भरपूर मात्रा में पानी मौजूद होते हैं, जो स्किन हाइड्रेशन को बनाए रखता है। इसलिए हफ्ते में कम से कम 2 दिन पालक का सेवन जरूर करें।
आप इसे अपने दाल, सब्जी, सलाद, इत्यादि के रूप में शामिल कर सकती है। इसके साथ ही इसके पोषक तत्वों का उचित लाभ उठाने के लिए पालक को स्मूदी और जूस के रूप में लेना भी एक अच्छा विकल्प है। साथ ही आप पालक सूप को कैसे भूल सकती हैं।
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