स्किन सोरायसिस त्वचा संबंधी एक गंभीर समस्या है। जिसमें त्वचा लाल चकत्ते हो जाते हैं। गर्मियों में यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है। इस लिहाज से इस मौसम में स्किन सोरायसिस के मरीजों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है। यहां हमें विशेषज्ञ बता रहीं हैं कि गर्मियों में इस समस्या को कैसे बेहतर तरीके से डील किया जाए।
हालांकि कोरोना वायरस और सोशल डिस्टेंसिंग के कारण लोग घरों से बाहर कम निकल रहे हैं, फिर भी त्वाचा संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए सजग रहना जरूरी है।
नेशनल सोरायसिस फाउंडेशन के अनुसार की मानें तो यह देखा गया है कि सोरायसिस से ग्रस्त लोग अक्सर प्राकृतिक और/ या कृत्रिम अल्ट्रांवॉयलेट रेज के संपर्क में आए होते हैं। हालांकि, यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकता है।
आर्टेमिस अस्पताल, गुरुग्राम में एचओडी – त्वचा विज्ञान और कॉस्मेटोलॉजी, डॉ मोनिका बम्ब्रो कहती हैं, यदि सूरज के रोशनी में आने पर आपकी स्किन पर सोरायसिस ज्यादा होने लगता है तो इसका मतलब है कि आप सनलाइट के प्रति ज्यादा सेंसेटिव हैं। पर अगर ऐसा नहीं है तो आपके लिए धूप ज्यादा नुकसानदायक नहीं होगी। फिर भी सूर्य की पराबैंगनी किरणों में ज्यादा देर रहना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
गर्मियों में सोरायसिस को मैनेज करने के लिए आप निम्न बिंदुओं को अपना सकती हैं।
गर्मियों में सोरायसिस के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है सूर्य से निकलने वाली अल्ट्राेवॉयलेट रेज का ज्यादा तीखा होना। यह धूप में रहने पर ही ज्यादा ट्रिगर करते हैं। इसलिए जरूरी है कि अगर आपको स्किन सोरायसिस है तो धूप में बाहर निकलने से परहेज करें। अगर धूप में निकलना भी पड़े तो सनस्क्रीन आदि का प्रयोग जरूर करें। पर अगर आपके लिए धूप सेकना फायदेमंद है तो इसे केवल 5 मिनट तक ही करें। धीरे-धीरे आप इस समय को 15 मिनट तक बढ़ा सकती हैं।
त्वचा विशेषज्ञ इस बारे में सलाह देते हैं कि बाहर जाने से तकरीबन आधा घंटा पहले से ही SPF 30 की सनस्क्रीन लोशन या क्रीम चेहरे पर लगाएं। और उन सभी हिस्सों पर जो धूप के सीधे संपर्क में आने वाले हैं। जितना हो सके खुद को ढक कर बाहर निकलें जिससे धूप की टैनिंग से बचा जा सके।
स्किन सोरायसिस रोगियों के लिए कॉटन सबसे उपयुक्त है। यह हल्का होता है और इसमें आपकी त्वचा सांस ले पाती है। जिससे आपके शरीर को अधिक गर्मी और पसीने से रोका जा सकता है। सूती कपड़े आपकी त्वचा पर मौजूदा सूखे पैच को परेशान नहीं करेंगे। इसलिए, सोरायसिस रोगियों के लिए सूती कपड़े पहनना और सिंथेटिक या नायलॉन कपड़े पहनने से बचना उचित है।
मच्छरों और अन्य कीड़ों के काटने से सोरायसिस बढ़ सकता है, इसलिए ऐसे कीटों या कीड़ों से बचें। इसके लिए बेहतर है कि आप पूरी बांह के ढके हुए कपड़े पहनें। शाम के समय, जब कीट-पतंगे सबसे ज्यादा होते हैं, ऐसे समय में घर से बाहर निकलने से परहेज करें।
संतुलित आहार, व्यायाम और ध्यान के साथ स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना सोरायसिस में काफी लाभदायक हो सकता है। यह न केवल समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, बल्कि सोरायसिस को ट्रिगर करने से भी बचाता है।
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कस्टमाइज़ करेंकुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जिसमें सोरायसिस बहुत बढ़ जाता है। सूजन को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों में लाल मांस, चीनी और प्रसंस्कृत तत्व शामिल हैं। इनसे परहेज करें।
गर्मी बदलने के साथ ही अगर आप स्किन सोरायसिस के शिकार हैं तो इस बारे में अपने त्व चा विशेषज्ञ से जरूर परामर्श करें। हो सकता है कि आप जो दवाएं अब तक ले रहे हों, उन्हें बदलने का वक्तब आ गया हो। दवाओं को डोज भी सोरायसिस को प्रभावित करती है। इसलिए मौसम बदलने के साथ ही अपने त्वचा रोग विशेषज्ञ से जरूर परामर्श करें।