गर्मी के मौसम में चिपचिपी त्वचा की समस्या बढ़ने लगती है। दरअसल, स्वैटिंग के कारण चेहरे पर सीबम प्रोडक्शन बढ़ जाता है। ऐसे में ओपन पोर्स में धून मिट्टी जमा होने से ब्लैकहेड्स का सामना करना पड़ता है, जो मुहांसों का रूप ले लेते हैं। ऐसे में एक्ने से छेड़छाड़ दाग धब्बों का कारण बन जाते हैं। हांलाकि ऑयली स्किन के लिए लोग कई प्रकार के उपचार करते हैं, मगर समस्या हल नहीं हो पाती है। जानते हैं वो टिप्स जो ऑयली स्किन के बैलेंस का मेंटेन करने में है मददगार।
अमेरिकन अकेडमी ऑफ डर्माटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार ऑयली स्किन की समस्या बढ़ने से पोर्स में ब्लॉकेज बढ़ जाती है। इससे एक्ने ब्रेकआउट यानि मुहांसों की समस्या का सामना करना पड़ता है। हांलाकि ऑयली स्किन वाले लोगों की स्किन मोटी होती है, जिससे उन्हें चेहरे पर कम उम्र में झुर्रियों का खतरा नहीं रहता है। मगर साथ ही ज्यादा मात्रा में ऑयल स्किन के नेचुरल मॉइश्चर को इंबैलेस कर देता है। इससे त्वचा चिपचिपाहट महसूस होने लगती है।
नहाने के बाद अक्सर लोग शाम को घर लौटने पर ही चेहरे को वॉश करते है। इससे पोर्स में ऑयल और डस्ट जमा होने लगती है। इस समस्या से बचने के लिए चेहरे को सुबह, एक्सरसाइज़ के बाद, ऑफिस से लौटकर और सोने से पहले धोना न भूलें। चेहरे पर बार बार स्क्रबिंग को अवॉइड करना चाहिए। इससे स्किन इरिटेशन से बचा जा सकता है।
वे लोग जिनकी स्किन ऑयली, कॉम्बीनेशन और एक्ने प्रोन है, उन्हें नॉन कॉमेडोजेनिक प्रोडक्ट का चयन करना चाहिए। दरअसल, इनका फॉर्म्युलेशन पूरी तरह से ऑयल फ्री होता है। इससे पोर्स के ब्लॉक होने का खतरा नहीं रहता है। वहीं नारियल का तेल, कोको बटर और शिया बटर ऑयली स्किन के पोर्स को ब्लॉक करती है।
वे लोग जिनकी त्वचा ऑयली है, उन्हें जेल बेस्ड क्लींजर का प्रयोग करना चाहिए। इससे स्किन इरिटेशन, बर्निग और सीबम सिक्रीशन से मुक्ति मिल जाती है। दरअसल, आयल और अल्कोहल बेस्ड क्लींजर में फैटी एसिड पाए जाते हैं। इससे स्किन पर ऑयली की समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है।
स्किन को ऑयल फ्री बनाने के लिए मॉइश्चराइज़ रखना ज़रूरी है। ऐसे में त्वचा को क्लीन करने के बाद तुरंत मॉइश्चराइजर अप्लाई करें। इससे स्किन का पीएच स्तर मेंटेन रहता है। साथ ही स्किन हाइड्रेटेड भी रहती है और लार्ज पोर्स की समस्या दूर होने लगती है। त्वचा की नमी को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से इसका प्रयोग करें।
कूलिंग प्रॉपर्टी रिच चंदन का पाउडर त्वचा पर सीबम सिक्रीशन का नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके लिए 1 चम्मच चंदन पाउडर में आवश्यकतानुसार दूध और गुलाब जल की बूंदे मिलाकर चेहरे पर लगाएं और फिर 10 से 15 मिनट के बाद चेहरे को धो दें।
स्किन को हाइड्रेट और ऑयल फ्री रखने के लिए खीरे के रस में एलोवेरा जेल मिलाकर त्वचा पर लगाएं। इससे स्किन की नमी बरकरार रहती है और त्वचा की चिपचिपाहट को कम किया जा सकता है। इसे कॉटन की मदद से चेहरे पर लगा सकते हैं या स्प्रे बॉटल में डालकर इसका प्रयोग करें।
गर्मी के मौसम में त्वचा पर बढ़ने वाले ऑयल को रोकने के लिए ओटमील पाउडर में शहद मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इससे स्किन मुलायम और हेल्दी रहती है। ओट्स में पाई जाने वाली विटामिन ई की मात्रा स्किन पर रैशेज, मुहांसों और दाग धब्बों को भी दूर करती है।
ऑयली स्किन पर पुदीने का प्रयोग करने से अतिरिक्त ऑयल की समसया से मुक्ति मिलती है। पुदीने में मौजूद सैलिसिलिक एसिड एक्स्ट्रा ऑयल की समस्या को रेगुलेट कर एक्ने को रोकने में मदद करता है। इसके लिए मुट्ठी भर पुदीने की पत्तियों को धोकर उसमें एलोवेरा जेल को मिलाएं और चेहरे पर लगाकर छोड़ दें। कुछ देर बार चेहरे को धोएं।
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