जब हमारी त्वचा में कोलेजन कम होने लगता है, तो चेहरे समेत पूरे शरीर पर झुर्रियां आने लगती हैं। कोलेजन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो त्वचा को कोमल और कसा हुआ रखता है। उम्र के साथ कोलेजन कम होता जाता है और हमारी त्वचा में झुर्रियां पड़ने लगती हैं। यह झुर्रियां नाजुक और पतली त्वचा पर ज्यादा साफ नजर आती हैं- जैसे आंखों के नीचे और होठों के आसपास।
शरीर में पानी की कमी
जेनेटिक्स
पोषण की कमी
धूम्रपान
तनाव
सूरज की खतरनाक किरणें
यह कुछ ऐसे कारण हैं जो कोलेजन को खत्म करते हैं और झुर्रियों को बढ़ाते हैं।
सबसे पहले झुर्रियां आपके मुंह के आसपास ही पड़ती हैं, जिनमें स्माइल लाइन्स और होठों पर झुर्रियां सबसे आम हैं।
स्माइल लाइन्स वे फाइन लाइन्स होती हैं, जो आपके होंठों से लेकर गालों तक जाती हैं। इन्हें नासोलेबीएल लाइन्स कहा जाता है। यह अक्सर मुस्कुराने पर ही नजर आती हैं और इनका उम्र से कोई लेना देना नहीं होता।
होठों की झुर्रियां या लिप रिंकल्स आपके होंठों पर वर्टिकल लाइन्स होती हैं जिसका कारण ज्यादातर पानी की कमी या स्मोकिंग होती हैं।
इन दोनों ही झुर्रियों को आने से रोका जा सकता है और आने के बाद भी कम किया जा सकता है।
एसेंशियल ऑयल्स आपकी त्वचा में कसाव लाने में कारगर होते हैं और नए सेल्स बनाने में सहायक होते हैं। एसेंशियल ऑयल को सीधे-सीधे त्वचा पर नहीं लगाते, इन्हें किसी अन्य तेल, सीरम या क्रीम में मिलाकर लगाया जाता है। एसेंशियल ऑयल इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें।
नींबू त्वचा के लिए फायदेमंद है, यह तो आप जानते ही हैं, लेमन एसेंशियल ऑयल में सभी गुण कई गुना बढ़ जाते हैं। इंडियन डर्मेटोलॉजी ऑनलाइन जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार लेमन एसेंशियल ऑयल में विटामिन सी की मात्रा होती है।
ज्यादा विटामिन सी का अर्थ है ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट जो कोलेजन बढ़ाने में मदद करता है। इसके साथ ही इसमें एस्कोर्बिक एसिड होता है जो त्वचा की अंदरूनी लेयर तक पहुंच कर हाइपर पिगमेंटेशन को कम करता है। लेमन एसेंशियल ऑयल फोटो एजिंग की समस्या को भी खत्म करता है।
जर्नल टिश्यू वायबिलिटी में 2017 की एक स्टडी के अनुसार लैवेंडर के तेल में एन्टी ऑक्सीडेटिव और हीलिंग प्रोपर्टी होती हैं। यही कारण है लैवेंडर डैमेज कोशिकाओं की मरम्मत करता है और नए सेल्स बनाने में भी सहायक है। आपके नाईट सीरम या क्रीम में कुछ बूंद लैवेंडर ऑयल मिलाएं और देखें कमाल।
सैंडलवुड एसेंशियल ऑयल यानी चंदन का तेल अपने एन्टी इन्फ्लामेट्री इफेक्ट के लिए जाना जाता है। चंदन के तेल में 90 प्रतिशत अल्फा और बीटा सेंटिनॉल होते हैं जो त्वचा को हाइड्रेट करता है और कोलेजन लॉस को कम करता है।
फ्रांकिनसेन्स यानी लोहबान का तेल त्वचा की कोशिकाओं को डैमेज से बचाने और नए सेल्स बनाने में सहायक होता है। 2017 की बायोकैमिकल ओपन की स्टडी में पाया गया कि लोहबान के तेल में जरूरी प्रोटीन होते हैं जो कोलेजन बनाने में मददगार है और झुर्रियों को डिले करता है।
इन सभी ऑयल को अलग-अलग इस्तेमाल करें। आप चाहें तो इनमें से किसी भी ऑयल की 10 से 15 बूंदे चार चम्मच बादाम या जैतून तेल में मिला लें और रात को चेहरा साफ करके इसे सीरम की तरह उपयोग करें।
आप अपनी नाईट क्रीम में भी इन एसेंशियल ऑयल्स को मिला सकती हैं।
अपने 30s से ही आपको इनका इस्तेमाल शुरू कर देना चाहिए ताकि झुर्रियों को डिले कर सकें
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