हर व्यक्ति की त्वचा अलग अलग प्रकार की होती है। जहां कुछ लोगों की स्किन ऑयली (oily skin) होती है, तो कुछ को स्किन ड्राईनेस (causes of skin dryness) का सामना करना पड़ता है। त्वचा के रूखेपन को दूर करने के लिए अक्सर मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल किया जाता है। हांलाकि इन दिनों लोग घरेलू नुस्खों (home remedies for skin) का भी खूब इस्तेमाल करते हैं। रूखेपन को दूर करने के लिए प्रोडक्टस के इस्तेमाल से पहले उसके कारणों को जानना आवश्यक है। जानते हैं ड्राई स्किन के कारण (skin dryness in monsoon) और उससे बचने के उपाय भी।
इस बारे में डर्माटोलॉजिस्ट डॉ निवेदिता दादू बताती हैं कि त्वचा के रूखेपन को दूर करने के लिए स्किन को मॉइश्चराइज़ करने के अलावा बाथिंग प्रोडक्टस का ख्याल रखना आवश्यक है। इसके अलावा मेकअप को रिमूव करने का तरीका भी ड्राई स्किन का कारण (causes of dry skin) बन जाता है। मेकअप रिमूव करने के लिए अधिकतर लोग माइक्रेलर क्लींजिंग वॉटर का इस्तेमाल करते है। चेहरे पर बार बार इसके इस्तेमाल से बचें। साथ ही पैराफिन बेस्ट मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल करें।
एटोपिक डर्माटाइटिस (atopic dermatitis) और कॉटेक्ट डर्माटाइटिस (contact dermatitis) जैसी समस्याएं स्किन के रूखेपन का कारण बनने लगती है। बच्चों और युवाओं में पाई जाने वाली इस समस्या के चलते इचिंग और रैशेज का सामना करना पड़ता है। इरिटेटिंग केमिकल एजेंटस के कॉटेक्ट में आने से ये समस्या बढ़ने लगती है।
40 की उम्र के बाद त्वचा की नमी कम होने लगती है। स्किन केयर रूटीन फॉलो न करने और हार्मोन असंतुलन के चलते स्किन थिननेस की समस्या बढ़ जाती है। इसके चलते त्वचा को ड्राईनेस का सामना करना पड़ता है। इसके लिए स्किन को मॉइश्चराइज़ रखना आवश्यक है।
गर्मी और कभी बरसात त्वचा पर ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ा देती है। इसके चलते इंफेक्शन का खतरा बढ़ने लगता है और स्किन को रेडनेस, खुजली और जलन का सामना करना पड़ता है। वे लोग जो सोरायसिस और एग्जिमा के शिकार है, उन्हें मुख्यतौर पर रूखेपन की शिकायत रहती है।
वे लोग जो रोज़ाना त्वचा पर मेकअप प्रोडक्टस का प्रयोग करते है, उनके स्किन टैक्सचर से लेकर स्किन टोन में बदलाव दिखने लगता है। इससे स्किन सेल्स डैमेज हो जाते है, जिससे त्वचा रूखी और बेजान लगने लगती है।
त्वचा का रूखेपन से बचाने के लिए स्किन हाइड्रेशन बनाए रखना आवश्यक है। अधिकतर मॉइचराइज़र ग्लिसरीन बेस्ड होते हैं, मगर उससे त्वचा को डीप मॉइश्चराइज़ नहीं किया जा सकता है। इसके लिए पैराफिन और सैरामाइड बेस्ड मॉइश्चराइज़र चेहरे पर लगाएं।
शुष्क त्वचा और फ्लेकी स्किन को हेल्दी बनाए रखने के लिए साबुन और हार्श बॉडी वॉश को ओटमील बॉडीवॉश से रिप्लेस करें। इससे स्किन को सूदिंग इंफेक्ट की प्राप्ति होती है और खुजली, जलन व रूखेपन को कम किया जा सकता है। खुजली के चलते त्वचा पर बढ़ने वाले रैशेज से भी राहत मिल जाती है। ओटमील से स्किन सेल्स को रिपेयर करने में मदद मिलती है।
रोज़ाना चेहरे पर हार्श प्रोडक्टस का इस्तेमाल त्वचा की नमी को कम करने लगता है। इससे स्किन रूखी और बेजान हो जाती है। इससे बचने के लिए मेकअप को रिमूव करना न भूलें। साथ ही मेकअप रिमूव करने के लिए क्लींजिंग ऑयल और क्लींजिंग बाम का इस्तेमाल करें। इससे स्किन सेन्स को बूस्ट किया जा सकता है।
कोलेजन बूस्टिंग प्रॉपर्टीज़ और हाइलरोनिक एसिड से भरपूर स्लीपिंग मास्क का इस्तेमाल करें। इससे स्किन बैरियर को रिपेयर किया जा सकता है। साथ ही स्किन का ग्लो बरकरार रहता है। वे लोग जिनकी त्वचा रूखी है, उन्हें सप्ताह में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए। इससे त्वचा पर बढ़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम किया जा सकता है।
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