मौसम में आने वाले चेंजिज़ स्वास्थ्य को प्रभावित करने के साथ साथ स्किन के टैक्सचर से लेकर उसकी नमी के स्तर में बदलाव लाने का कारण बनते है। दरअसल, इससे त्वचा की संवेदनशीलता बढ़ जाती है। सर्दी से गर्मी और ह्यूमीडिटी की ओर बढ़ने से स्किन पर सीबम का सिक्रीशन बढ़ जाता है। इससे त्वचा पर एक्ने और ब्लैकहेड्स की समस्या बढ़ने लगती है। मौसम में आने वाले बदलाव के साथ त्वचा का रखरखाव करने के टिप्स से पहले इस बात को जान लें कि कौन सी चीजें बदलते मौसम में स्किन को नुकसान (How weather affects skin) पहुंचाने लगती है।
बदलते मौसम के साथ जिस प्रकार शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होने लगती है। ठीक उसी तरह से स्किन में बदलाव नज़र आते हैं (How weather affects skin) । जहां कुछ लोगों को ऑयली स्किन का सामना करना पड़ता है, तो कुछ स्किन ड्राइनेस का शिकार हो जाते हैं। शरीर में पानी की कमी और नियमित रूप से स्किन केयर रूटीन का ख्याल न रखना इस समस्या का कारण साबित होता है। इस बारे में कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ करिश्मा बताती हैं कि त्वचा को कोमल और मुलायम बनाए रखने (How weather affects skin) के लिए नियमित रूप से स्किन केयर रूटीन को फॉलो करें।
धूप के संपर्क में आने से यूवी रेज़ त्वचा के नुकसान का कारण साबित होती हैं। हानिकारक यूवी रेज से अपना बचाव न करने से स्किन टैनिंग, सनबर्न, एजिंग और त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ने लगता है।
नियमित रूप से मौसम परिवर्तन के साथ अक्सर प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है। इसके
चलते हवा में पॉल्यूटेंट्स का प्रभाव बढ़ने लगता है, जो स्किन को प्रभावित करते हैं। इससे त्वचा पर सूजन, मुंहासों और एक्जिमा की समस्या बनी रहती हैं।
सर्दी से गर्मी की ओर बढ़ने के दौरान त्वचा अपनी नमी खोने लगती है। ऐसे में त्वचा को हाइड्रेट रखना आवश्यक है। शरीर में पानी की कमी निर्जलीकरण का खतरा बढ़ता है, जिससे त्वचा रूखी और बेजान दिखने लगती है।
बढ़ता तापमान नमी की कमी का कारण साबित होता है। इसके चलते त्वचा में जलन, खुजली, लालिमा और संवेदनशीलता की समस्या बढ़ जाती है। इससे त्वचा का रूखापन भी बढ़ने लगता है, जिससे स्किन डलनेस का सामना करना पड़ता है।
सर्दी के बाद गर्मी की ओर बढ़ने से यूवी रेज़ का प्रभाव बढ़ जाता है। वे लोग जिनकी त्वचा ऑयली है, उन्हें सीबम सिक्रीशन की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके चलते पोर्स में गंदगी जमा होने लगती है, जो ब्लैकहेड्स की समस्या को बढ़ा देती है। ऐसे में क्लींजर की मदद से फेसवॉश करें। इससे स्किन मुलायम और हेल्दी रहती है। इसके लिए हाइड्रेटिंग क्लींजर का उपयोग करें।
एक्सफोलिएशन की मदद से डेड स्किन सेल्स् की समस्या को दूर किया जा सकता है। साथ ही त्वचा की चमक बरकरार रहती है। स्किन के टैक्सचर को मेंटेन करने औश्र ऑयली की मात्रा को कम करने के लिए नेचुरल उत्पादों से स्किन एक्सफोलिशन किया जा सकता है। इससे त्वचा का रूखापन कम होने लगता है और स्किन क्लीन व क्लीयर बनी रहती है।
गर्मी के आगमन के चलते कड़क धूप का सामना करना पड़ता है, जो चेहरे की रंगे से लेकर बनावट हर चीज़ को प्रभावित करने लगता है। ऐसे में स्किन को सूरज से बचाने के लिए ब्रॉडस्पेक्ट्रम सनस्क्रीन को चुनें। एसपीएफ 30 से 50 तक स्किन को सनबर्न में बचाने में मदद करता है। इसे चेहरे और गर्दन पर लगाने से फायदा मिलता है।
शरीर में पानी की कमी के चलते जहां मसल्स कैंप्स और थकान बढ़ने लगती है, तो वहीं चेहरे पर डलनेस बढ़ने लगती है। ऐसे में स्किन को क्लीन एंड क्लीयर बनाए रखने के लिए दिनभर में भरपूर मात्रा में पानी पीएं और हेल्दी पेय पदार्थ के विकल्पों का चयन करे।
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