सर्दियों के मौसम में हवा में नमी की कमी बढ़ने लगती है। इसके चलते अक्सर स्किन ड्राई हो जाती है और त्वचा पर खिंचाव महसूस होने लगता है। इस स्थिति से निपटने के लिए अक्सर लोग होम रेमिडीज़ और कुछ केमिकल युक्त प्रोडक्टस का इस्तेमाल करने लगते है। मगर समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है। दरअसल, शरीर में पानी की कमी के अलावा स्किन केयर रूटीन को उचित प्रकार से फॉलो न करना और रोज़मर्रा के जीवन में होने वाली कुछ सामान्य गलतियां इस समस्या को बढ़ा देती है। ऐसे में स्किन को हेल्दी और मुलायम बाए रखने के लिए इन गलतियों से बचना आवश्यक है (Winter skin care mistakes)।
इस बारे में डर्माटोलॉजिस्ट और कामरी की फाउंडर रीतिका कृत बताती हैं कि सर्दियों के दिनों में तेज़ धूप, निर्जलीकरण और स्वैटिंग के चलते रैशेज़, सन बर्न और एलर्जी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सर्दी के मौसम में त्वचा का ख्याल रखना आवश्यक है। दरअसल, स्किन सेंसिटीविटी बढ़ने से नेचुरल ऑयल का उत्पादन कम होने लगात है, जिससे त्वचा में नमी की कमी बढ़ने लगती है। इसके अलावा यूवी रेज़ के प्रभाव से प्रीमेच्योर एजिंग का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अपने डे टू डे लाइफ में इन गलतियों को करने से बचना चाहिए।
त्वचा की नमी को बनाए रखने और फाइन लाइंस की समस्या को हल करने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है। इससे नमी को रीस्टोर करने में मदद मिलती है और त्वचा टैक्सचर उचित बना रहात है। साथ ही यूवी रेज़ के खतरे से भी बचा जा सकता है। हर 3 से 4 घंटे में स्किन को प्रोटेक्ट करने के लिए इसका इस्तेमाल अवश्य करें। हॉर्मफुल यूवी रेज़ से स्किन कैंसर और प्रीमेच्योर एजिंग की समस्या बनी रहती है। ऐसे में सर्दियों में इसका नियमिज इस्तेमाल आवश्यक है।
सनस्क्रीन के समान मॉइश्चराइज़र भी त्वचा के लिए बेहद आवश्यक है। वे लोग जिन्हें सर्दी के मौसम में मुंहासों की समस्या का सामना करना पड़ता है। उनके लिए मॉइश्चराइज़र आवश्यक है। दरअसल, स्किन को मॉइश्चराइज़ न रखने से सीबम की ग्रोथ बढ़ती है, जो एक्ने का कारण साबित होते हैं। त्वचा को रोज़ाना दिन में 2 से 3 बार मॉइश्चराइज़ करें। ध्यान रखें की मॉइश्चराइज़र में नियासिनामाइड और हाईऐल्युरोनिक एसिड की मात्रा अवश्य हो। इससे स्किन का लचीलापन बना रहता है।
कई बार स्किन केयर प्रोडक्टस का उचित इस्तेमाल होने के बावजूद त्वचा पर बढ़ने वाले रूखेपन का कारण शरीर में पानी की कमी का होना सातिब होता है। ऐसे में त्वचा पर प्रोडक्टस के इस्तेमाल के अलावा आहार में मौसमी फल और सब्जियों को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा पानी भी भरपूर मात्रा में पीना आवश्यक है। इसके अलावा निर्जलीकरण से बचने के लिए चाय, कॉफी, अल्कोहल, स्मोकिंग और कार्बोनेटिड पेय पदार्थों से बचना आवश्यक है।
त्वचा को समय पर एक्सफोलिएट न करने से डेड स्किन सेल्स की समस्या बढ़ने लगती है। इससे ब्लॉक्ड पोर्स का सामना करना पड़ता है। सर्दी के मौसम में स्किन को सनबर्न से बचाने और क्लॉग्ड पोर्स की समस्या हल करने के लिए रात को सोने से पहले स्किन को अवश्य एक्सफोलिएट कर लें। इससे त्वचा पर जमा डस्ट ये राहत मिल जाती है।
इसमें कोइ दोराय नहीं कि हर व्यक्ति का स्किन टाइप एक दूसरे से अलग होता है। ऐसे में डर्माटोलॉजिस्ट की सलाह के बगैर त्वचा पर बनने वाने दाग धब्बों, एक्ने और फाइन लाइंस के लिए प्रोडक्टस का इस्तेमाल त्वचा को नुकसान पहुंचाने लगता है। ऐसे में वे लोग जिनकी त्वचा ऑयली है, उन्हें जेल बेस्ड प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं वे लोग जिनकी त्वचा शुष्क है, उनके लिए क्रीम बेस्ड प्रोडक्ट्स फायदेमंद साबित होते हैं। इसके अलावा सैलीसिलिक एसिड, ग्लाइकोलिक एसिड और नियासिनामाइड से भरपूर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल स्किन को फायदा पहुंचाता है।
वे लोग जो सोने से पहले मेकअप रिमूव नहीं करते हैं और स्किन क्लींजिंग का ख्याल नहीं रखते हैं, उनकी त्वचा का खुरदरापन बढ़ने लगता है और ओपन पोर्स की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में स्किन को हेल्दी रखने के लिए सोने से पहले सिकन पर लगे मेकअप को अवश्य क्लीन कर लें और मेकअप रिमूव करने के लिए डबल क्लींजिंग की मदद लें।