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हार्मोनल एक्ने में नजर आते हैं ये कॉमन संकेत, जानिए कैसे करना है इनका उपचार

कभी पीरियड तो कभी प्रेगनेंसी समेत शरीर में समय समय पर होने वाले हार्मोनल बदलाव के चलते हार्मोनल एक्ने का सामना करना पड़ता है। मगर सबसे पहले इस बात की जानकारी एकत्रित करना आवश्यक है कि हार्मोनल एक्ने किसे कहा जाता है और ये स्किन पर कैसे उत्पन्न होने हैं।
Updated On: 17 Oct 2024, 05:47 pm IST
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acne ka karan
मुंहासों के खतरे को कम करने के लिए स्टीम आवश्यक है। इससे रोमछिद्र खुले और साफ़ दिखने लगते हैंं। चित्र- अडोबी स्टॉक

स्किन संबधी समस्याओं में शुमार एक्ने का सामना लगभग सभी लोगों को करना पड़ता है। ये समस्या टीनएज से लेकर मेनोपॉज तक महिलाओं में बनी रहती है। शरीर में समय समय पर होने वाले हार्मोनल बदलाव इस समस्या का कारण साबित होते हैं, जिसके चलते इन्हें हार्मोनल एक्ने कहा जाता है। मगर सबसे पहले इस बात की जानकारी एकत्रित करना आवश्यक है कि हार्मोनल एक्ने क्या है और इस समस्या को ट्रीट करने के लिए किन टिप्स की लें मदद (Signs of hormonal acne) ।

हार्मोनल एक्ने किसे कहते हैं (What is hormonal acne)

इस बारे में ब्यूटी एक्सपर्ट रेखा कुमारी बताती हैं कि शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन में निरंतर आने वाले बदलाव के चलते हार्मोन एक्ने का सामना करना पड़ता है। प्रेगनेंसी और पीसीओडी के समय हार्मोन में बढ़ने वाला असंतुलन इस समस्या का कारण साबित होता है। सिस्ट और नोड्यूल स्किन की लेयर्स में बढ़ते हैं। शरीर में एंड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ जाने से सीबम का सिक्रीशन बढ़ने लगता है, जिससे पोर्स में बैक्टीरिया और ऑयल एकत्रित हो जाता है। पोर्स लॉक होकर मुहांसों का रूप ले लेते हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार किशोरावस्था में 95 फीसदी लोगों को हार्मोनल एक्ने का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा मासिक धर्म, मेनोपॉज़, पॉलीसिस्टिक ओवरीज़ सिंड्रोम और तनाव के कारण भी हार्मोनल एक्ने बढ़ने लगते हैं। ये एक्ने नाक, चिन, चीक्स, फोरहेड और पीठ पर बनने लगते है। ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स के अलावा सिस्ट, पस्ट्यूल, पपल्स और नोड्यूल्स हार्मोनल एक्ने के ही रूप हैं।

Hormonal acne ke sanket
स्किन इनफ्लेमेशन के कारण पोर्स में डस्ट और ऑयल एकत्रित हो जाता है, जिससे फॉलिकल वॉल ब्रेक हो जाती है।

यहां हैं हॉर्मोनल एक्ने के संकेत (Signs of hormonal acne)

  • हॉर्मोनल एक्ने में लालिमा बढ़ना और उसके आसपास की त्वचा में इरिटेशन का बढ़ना
  • हार्मोनल एक्ने टी ज़ोन पर बनने लगते है यानि माथे, नाक और चिन पर उभर आते हैं।
  • इनमें दर्द महसूस होता है और मवाद भर जाती है, जिसे खरोंचने से दाग धब्बों की समस्या बढ़ जाती है।
  • ये चेहरे के अलावा पीठ, छाती और गर्दन पर भी नजर आने लगते हैं।
  • 20 वर्ष से कम उम्र के लोगों को अक्सर जॉ लाइन, चिन और गालों के बीचों बीच हॉर्मोनल एक्ने का सामना करना पड़ता है।

इन टिप्स की मदद से त्वचा का रखें ख्याल (tips for skin care)

1. खानपान का रखें ख्याल

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स और डेयरी प्रोडक्टस का सेवन करने से शरीर में इंसुलिन और एंड्रोजन हार्मोन पर उसका असर दिखने लगता है। इससे त्वचा पर एक्ने की समस्या बनी रहती है। ऐसे में ज्यादा मात्रा में शुगर, डेयरी प्रोडक्टस और रिफाइंड कार्ब्स को सीमित मात्रा में लें। साथ ही त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए आहार में विटामिन और मिनरल के अलावा ओमेगा-3 फैटी एसिड को एड करें।

2. चेहरे को दिन में दो बार धोएं

त्वचा पर मौजूद अतिरिक्त ऑयल से राहत पाने के लिए क्रीमी प्रोडक्टस से बचें और सोने से पहले मेकअप को अवश्य क्लीन कर लें। चेहरे को धोने के लिए नॉनकॉमेडोजेनिक क्लींजर का इस्तेमाल करें। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली ओपन पोर्स की समस्या हल होने लगती है और त्वचा की नमी बरकरार रहती है।

face wash ka karein istemaal
त्वचा पर मौजूद अतिरिक्त ऑयल से राहत पाने के लिए क्रीमी प्रोडक्टस से बचें और सोने से पहले मेकअप को अवश्य क्लीन कर लें। चित्र : एडॉबीस्टॉक

3. सनस्क्रीन लगाएं

सनस्क्रीन को अप्लाई करने से मुहासों के बाद बढ़ने वाली दाग धब्बों की समस्या हल हो जाती है। सनस्क्रीन की मदद से पोस्ट इन्फ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन (post inflammatory hyperpigmentation) को रोकने के अलावा स्किन टिशूज की मरम्मत में मदद मिलती है। त्वचा पर नॉन.कॉमेडोजेनिक सनस्क्रीन को अप्लाई करके समस्या हल होने लगती है। इसके अलावा मेकअप प्रोडक्टस को स्किन के अनुसार ही चुनें।

4. एक्ने छीलने से बचें

ऑयल फ्री स्किन प्रोडक्टस के इस्तेमाल के अलावा त्वचा को छीलने और एक्सफोलिएट करने से बचें। इससे त्वचा पर दाग धब्बों का सामना करना पड़ता है और दर्द का सामना करना पड़ता है। साथ ही एक्ने की समस्या भी बढ़ने लगती है। एक्ने पर हाथ न लगाएं और डॉक्टर से अवश्य जांच करवाएं।

5. भरपूर नींद लें

शरीर में हार्मोन इंबैलेंस असर नींद पर खिने लगता है। इससे नींद बाधित होने लगती है, जिससे शरीर में कार्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में एक्ने के अलावा फेशियल हेयर का भी सामना करना पड़़ता है। ऐसे में स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए सोएं।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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