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हेयर स्ट्रेटनिंग क्रीम आपको गंजा भी बना सकती हैं, जानिए इनके साइड इफेक्ट्स

बालों की स्ट्रेटनिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली क्रीम मे फॉर्मेल्डिहाइड कंपाउंड पाया जाता है, जो एक कार्सिनोजेन है। त्वचा संवेदनशीलता के कारण कुछ लोगों के स्कैल्प पर लालिमा बढ़ने लगती है और स्कैल्प पर इंफ्लामेशन का खतरा बना रहता है।
Published On: 6 Oct 2024, 10:00 am IST
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Hair treatment ke baare mei jaanein
हेयर स्ट्रेटनिंग क्रीम में फॉर्मेल्डिहाइड की मात्रा ज्यादा होने से सांस लेने में कठिनाई, नाक और आँखों में जलन, त्वचा का लाल होना व जलन और स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। चित्र : शटरस्टॉक

हेयर रीबॉन्डिंग (Hair rebonding) और हेयर स्मूदनिंग (Hair smoothening)  के रूप में केमिकल स्ट्रेटनिंग का चलन दिनों दिन बढ़ रहा है। हेयर ट्रीटमेंट की मदद से जहां बालों को नया लुक और शाइन की प्राप्ति होती है। तो वहीं इससे बालों की मज़बूती पर उसका दुष्प्रभाव दिखने लगता है। दरअसल, बालों की स्ट्रेटनिंग (Hair straightening) के लिए इस्तेमाल की जाने वाली क्रीम की मदद से प्राकृतिक बॉन्ड को नष्ट किया जाता है, जिससे हेयर डैमेज के अलावा कई समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। जानते हैं हेयर स्ट्रेटनिंग क्रीम (hair straightening cream) किस तरह से बनती है नुकसान का कारण।

विले ऑनलाइन लाइब्रेरी की रिपोर्ट के अनुसार बालों की स्ट्रेटनिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली क्रीम मे फॉर्मेल्डिहाइड कंपाउंड पाया जाता है, जो एक कार्सिनोजेन है। हेयर स्ट्रेटनिंग क्रीम में फॉर्मेल्डिहाइड की मात्रा ज्यादा होने से सांस लेने में कठिनाई, नाक और आँखों में जलन, त्वचा का लाल होना व जलन और स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

इस बारे में ब्यूटी एक्सपर्ट रेखा कुमारी बताती हैं कि हेयर स्ट्रेटनिंग (Hair straightening) के लिए इस्तेमाल की जाने वाली क्रीम से सेंसिटिव स्किन वाले लोगों पर उसका प्रभाव दिखने लगता है। त्वचा संवेदनशीलता के कारण कुछ लोगों के स्कैल्प पर लालिमा बढ़ने लगती है और स्कैल्प पर इंफ्लामेशन का खतरा बना रहता है। इसके अलावा क्रीम की तेज़ गंध के चलते नाक में जलन भी होने लगती है।

Hair cream ke nuksaan
स्कैल्प पर लालिमा बढ़ने लगती है और इंफ्लामेशन का खतरा बना रहता है। क्रीम की तेज़ गंध के चलते नाक में जलन भी होने लगती है।

जानते हैं हेयर स्ट्रेटनिंग क्रीम से होने वाले नुकसान (Side effects of Hair straightening cream)

1. स्कैल्प इरिटेशन (Scalp irritation)

केमिकल युक्त क्रीम का इस्तेमाल करने से स्कैल्प पर सूजन और रेडनेस बढ़ने लगती है। इसके चलते दर्द और जलन का सामना करना पड़ता है। केमिकल का अत्यधिक इस्तेमाल स्किन इरिटेशन का कारण बनने लगता है। इससे हेयर फॉलिकल्स को नुकसान पहुंचता है, जिससे बालों के टैक्सचर पर भी उसका असर दिखने लगता है।

2. बालों का रूखापन बढ़ जाना (Dry hair)

हेयर रिबॉडिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फॉर्मुला में फॉर्मेल्डिहाइड कंपाउंड पाया जाता है। इससे बालों की जड़े कमज़ोर होने लगती है और दो मुंहे बालों की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में बालों की शाइन और स्मूदनेस कम होने लगती है। हेयर क्रीम से बालों की नमी खो जाती है और नेचुरल ऑयल की मात्रा प्रभावित होने लगती है। बालों में फ्रिज़ीनेस बढ़ने से हेयरफॉल का सामना करना पड़ता है।

3. केमिकल्स का जमाव (Chemical deposition)

नियमित अंतराल में बालों में क्रीम का इस्तेमाल करने से स्कैल्प पर केमिकल्स का जमाव बढ़ने लगता है। इससे हेयरग्रोथ प्रभावित होने लगती है। इसके अलावा बालों में चिपचिपापन बढ़ने लगता है और बालों का टैक्सचर ऑयली होने लगता है। केमिकल युक्त क्रीम को लगाने के बाद बालों को अच्छी तरह से वॉश करें। अन्यथा इससे स्कैल्प एलर्जी का खतरा बना रहता है।

4. हेयरफॉल की समस्या (Hair fall)

बालों की जड़ों में बढ़ने वाली कमज़ोरी से हेयर इलास्टीसिटी प्रभावित होती है। इससे बालों की डलनेस बढ़ जाती है और हेयरफॉल का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा बालों में खुजली की समस्या भी बनी रहती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ट्राइकोलॉजी के अनुसार बालों को क्रीम की मदद से सीधा करने से बालों में उलझन बढ़ने लगती है और बाल बेजान दिखने लगते हैं।

Jaanein kyu baal adhik tootte hain.
हेयर स्टाइल बाल झड़ने की समस्या को ट्रिगर कर सकती हैं। बालों को क्रीम की मदद से सीधा करने से बालों में उलझन बढ़ने लगती है और बाल बेजान दिखने लगते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

5. सफेद बालों का बढ़ना (Grey hair)

केमिकल्स के संपर्क में आने से बालों का नेचुरल पिगमेंट कम होने लगता है, जिससे ग्रे हेयर्स का सामना करना पड़ता है। लगातार केमिकल्स का इस्तेमाल सफेद बालों की समस्या को बढ़ा देता है। स्कैल्प का पीएच असंतुलित होने से बालों में मॉइश्चर की कमी बढ़ जाती है। इसके अलावा बालों का प्राकृतिक रंग खोने लगता है।

6. रूसी की समस्या (Dandruff)

स्कैल्प की फ्लेकीनेस बढ़ने से इरिटेशन और इचिंग होने लगती है। इसके अलावा स्कैल्प की डिहाइड्रेशन के चलते बालों में रूसी का सामना करना पड़ता है। स्कैल्प पर डेड स्किन एकत्रित होने से बालों की ग्रोथ प्रभावित होने लगती है। ऐसे में हेयर क्रीम को नेचुरल उत्पादों से रिप्लेस करके बालों के टैक्सचर को सुधारने में मदद मिलती है।

हेयर स्ट्रेटनिंग क्रीम के नुकसान से निपटने के लिए इन टिप्स की मदद लें (Tips to deal with hair straightening cream side effects)

  • हेयर स्ट्रेटनिंग के लिए क्रीम की जगह नेचुरल प्रोडक्टस का इस्तेमाल करें। इससे स्कैल्प को नुकसान से बचाया जा सकता है।
  • बालों की ग्रोथ को बढ़ाने के लिए हीटिंग टूल्स का इस्तेमाल करने से बचें और हेयर स्टाइलिंग से दूर रहें।
  • केमिकल्स के प्रभाव को कम करने के लिए हेया ऑयलिंग आवश्यक है। इससे स्कैल्प को पोषण की प्राप्ति होती है और केमिकल्स के जमाव से बचा जा सकता है।
  • बालों को नेचुरल शैम्पू से वॉश करें और केमिकल्स के इस्तेमाल को सीमित कर दें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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