बालों का सफेद होना, पतला होना, ज्यादा झड़ना, रूखे और डैमेज बाल और गंजापन। जब भी हम इनमें से किसी भी समस्या का सामना करते हैं, तो हम इस उम्मीद में रासायनिक उत्पादों की तलाश करते हैं कि वे हमारे बालों को स्वस्थ बनाएंगे। मगर विशेषज्ञ इनका इस्तेमाल न करने की सलाह देते हैं क्योंकि ये नुकसान कर सकते हैं। इसके बजाय, आपको प्राकृतिक उपायों की तलाश करनी चाहिए, क्योंकि उनके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं।
जब प्राकृतिक अवयवों की बात आती है, तो आयुर्वेद में कई जड़ी बूटियाँ हैं जो आपके बालों की समस्याओं को रोकने में मदद कर सकती हैं। यदि आप हमेशा से लंबे और स्वस्थ बालों का सपना देखती आई हैं, तो इसे प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करना।
यदि आपका उद्देश्य बालों को झड़ने से रोकना है और बालों को मजबूत बनाना है, तो आप मेथी के बीज का इस्तेमाल कर सकती हैं। यह एक आयुर्वेदिक घटक है जो बालों के पतले होने, रूसी और ड्राई स्कैल्प के इलाज के लिए फायदेमंद है। आपके हेयर केयर रूटीन में मेथी का प्रयोग डैमेज और सूखे बालों को जल्द-से-जल्द ठीक कर देगा।
2006 के एक अध्ययन के अनुसार, मेथी के बीज के अर्क ने लोगों के बालों के विकास में सुधार किया।
भृंगराज एक प्राचीन आयुर्वेदिक सीक्रेट है और इसे जड़ी-बूटियों का राजा भी कहा जाता है। इसका तेल आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन E, पॉलीपेप्टाइड्स और विटामिन D से भरपूर होता है। इसीलिए भृंगराज बालों के झड़ने को कम करने के लिए सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में से एक है।
आर्काइव्स ऑफ डर्मेटोलॉजिकल रिसर्च, बायोमेड रिसर्च इंटरनेशनल और इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मटेक रिसर्च जर्नल में प्रकाशित विभिन्न अध्ययनों ने भी इस दावे को साबित किया है। अरंडी के तेल में भृंगराज तेल मिलाएं और अपने सिर की मालिश करें और कुछ ही समय में आपके बालों की समस्या दूर हो जाएगी।
हम जानते हैं कि आंवला शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कितना अच्छा है। मगर क्या आप जानती हैं कि यह आपके बालों पर भी जादू की तरह काम कर सकता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जर्नल ऑफ पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, आंवला का उपयोग बालों के विकास को बढ़ावा दे सकता है। यदि आपके बालों में डैंड्रफ है तो इस उपाय को आजमाएं।
लैवेंडर को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसकी अद्भुत सुगंध के कारण यह काफी लोकप्रिय है। इसमें ऐसे गुण होते हैं जो तनाव को दूर करते हैं और बालों के विकास को प्रोत्साहित करते हैं। इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो आपके स्कैल्प पर बैक्टीरिया और फंगस को बढ़ने से रोकते हैं।
इसका मतलब यह है कि लैवेंडर के तेल का उपयोग करने से आपकी स्कैल्प पर खुजली और सूखापन कम हो सकता है और रूसी और सिर की जूँ से लड़ने में मदद मिल सकती है। तो लैवेंडर ऑयल ज़रूर इस्तेमाल करें।
एलोवेरा सबसे बहुमुखी सामग्री में से एक है जिसका उपयोग कई सौंदर्य प्रसाधन में किया जाता है। यह चमत्कारी पौधा स्कैल्प की खुजली को शांत कर सकता है, बालों के विकास को बढ़ावा दे सकता है और डैमेज बालों को ठीक भी कर सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंइंडियन जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, एलोवेरा विटामिन A, C, E, B12 से भरपूर होता है। एलोवेरा से निकाला गया जेल बालों की कई समस्याओं के इलाज में मदद करता है।
वास्तव में, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मटेक रिसर्च में कहा गया है कि एलोवेरा जेल का उपयोग पारंपरिक रूप से बालों के झड़ने को रोकने के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
रोज़मेरी की पत्तियां बालों के विकास को बढ़ावा देती हैं क्योंकि इसमें उर्सोलिक एसिड (Ursolic acid) होता है, जो रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है, यह सुनिश्चित करता है कि ऑक्सीजन और पोषक तत्व बालों के रोम तक पहुंचें।
इसकी उच्च एंटीऑक्सीडेंट सामग्री के कारण, रोज़मेरी से बालों का सफेद होना और गिरना भी कम हो जाता है। इसके अलावा, रोज़मेरी में सूजन-रोधी और रोगाणुरोधी प्रभाव होते हैं, जिसका अर्थ है कि यह रूसी और जलन को दूर रख सकती है।
लेडीज, ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां आपके बालों के लिए फायदेमंद हैं। तो अपने हेयर केयर रूटीन में इन जड़ी-बूटियों को शामिल करें!
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