क्या आप के लिए भी वह पल किसी भयानक सपने जैसा था जब आपने सर पर चार सफेद बाल देखे! उससे भी बुरी खबर यह है कि यह बाल समय से पहले ही सफेद हो रहे हैं? जहां उम्र के साथ बाल सफेद होना सामान्य है, कम उम्र में यह चिंता का विषय बन सकता है।
आपके बालों में मेलानिन नामक एक पिगमेंट होता है। मेलानोसाइट्स सेल्स में पाए जाने वाला मेलानिन बालों को गहरा रंग देने के लिए जिम्मेदार होता है। जैसे आप बूढ़ी होती हैं, बालों का यह मेलानिन खत्म होने लगता है और आप के बाल सफेद या ग्रे हो जाते हैं।
कम उम्र में भी बाल सफेद होने के पीछे मेलानिन की कमी ही जिम्मेदार है। लेकिन कम उम्र में मेलानिन कम होना सामान्य नहीं है। इसके लिए आप अपने जीन्स, स्मोकिंग, तनाव और विटामिन की कमी जिम्मेदार होते हैं।
हमनें नई दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल की सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ मंजुल अग्रवाल से जाना कि इन सफेद होते बालों को कैसे रोका जा सकता है।
वह कहती हैं, “हम भारतीयों में 25 वर्ष की उम्र से कम में बाल सफेद होना प्रीमैच्योर एजिंग की निशानी है। इससे निपटने के लिए आपको थोड़ा प्रयास तो करना पड़ेगा।”
डॉ अग्रवाल बताती हैं किस तरह आप अपने बालों को जल्दी सफेद होने से बचा सकती हैं।
डॉ अग्रवाल कहती हैं,”आयरन, विटामिन बी12, कैल्शियम, कॉपर और विटामिन डी की कमी के कारण आपको सफेद बालों की शिकायत हो सकती है।” वह तांबे के बर्तन में पानी पीने और पर्याप्त विटामिन डाइट में लेने का सुझाव देती हैं।
जर्नल ‘डिवेलपमेंट नोट्स’ में प्रकाशित लेख के अनुसार विटामिन बी12 और विटामिन डी3 बालों को काला रखने में सहायक होते हैं। उस लेख में ही बताया गया कि इन विटामिन्स को डाइट में शामिल कर के ना सिर्फ आप सफेद होते बालों को रोक सकती हैं, बल्कि उन्हें दोबारा काला भी कर सकती हैं।
लेकिन किसी भी सप्लीमेंट को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
तनाव के कारण शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस हो सकता है, जिससे फ्री रेडिकल्स पैदा होते हैं और आपके बाल सफेद होने लगते हैं। तनाव फ्री रेडिकल्स को बढ़ा देता है, जिससे न सिर्फ बाल सफेद होते हैं बल्कि उनकी क्वालिटी पर भी असर पड़ता है।
जर्नल नेचर मेडिसिन में प्रकाशित स्टडी के अनुसार तनाव के कारण मेलानिन बनाने वाले सेल्स कम होने लगते हैं जिससे बाल सफेद होते हैं।
तनाव की तरह ही धूम्रपान से शरीर में फ्री रेडिकल्स बढ़ जाते हैं, जिससे बालों की रंगत पर असर पड़ता है। इटालियन डर्मेटोलॉजी ऑनलाइन जर्नल में प्रकाशित स्टडी में पाया गया कि स्मोकर्स में स्मोक न करने वाले लोगों के मुकाबले दोगुने बाल सफेद होते हैं।
डॉ अग्रवाल बताती हैं, “धूम्रपान से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है जो बालों को नुकसान पहुंचा सकता है।”
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी की स्टडी में भी यह पुष्टि हुई है कि स्मोकिंग से बाल जल्दी सफेद होते हैं। यही नहीं, सिगरेट बालों की गुणवत्ता को भी प्रभावित करती है।
आपकी त्वचा की तरह ही सूरज की खतरनाक UV किरणें आपके बालों के लिए भी हानिकारक हैं। धूप में ज्यादा समय तक रहने से आपके बालों का रंग हल्का होता है। डॉ अग्रवाल सुझाव देती हैं,”जब भी धूप में लम्बे समय के लिए निकलें, हैट, टोपी या स्कार्फ से बालों को ढक लें।”
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर डाइट आपको कम उम्र में सफेद बाल की समस्या से बचा सकती हैं। एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को खत्म करते हैं, जिससे बालों को पहुंचने वाला नुकसान कम हो जाता है।
जर्नल ऑफ ट्राईकोलॉजी में प्रकाशित स्टडी के अनुसार एंटीऑक्सीडेंट शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं, जिससे बालों का सफेद होना भी कम होता है।
डॉ अग्रवाल एंटीऑक्सीडेंट युक्त शैम्पू का इस्तेमाल करने की सलाह देती हैं। इसके साथ ही विटामिन सी और ई को बालों पर लगाना भी बहुत फायदेमंद होता है।
“महिलाओं में बाल उम्र से पहले सफेद होने का बहुत बड़ा कारण थायराइड असंतुलन भी होता है। अगर थायराइड ग्लैंड सही से काम न करे, तो आपके बाल सफेद हो सकते हैं। अगर आपको हॉर्मोन्स से जुड़ी कोई भी अन्य समस्या आ रही हो, तो थायराइड टेस्ट करवाने में लापरवाही न करें। यह बेहतर है कि आप इस सम्भावना की जांच कर ही लें”,कहती हैं डॉ अग्रवाल।
डॉ. अग्रवाल सुझाव देती हैं, “इन टिप्स के अतिरिक्त एक स्वस्थ जीवनशैली का पालन तो जरूर करें। आराम और काम के बीच संतुलन बनाएं। आपकी बायोलॉजिकल क्लॉक गड़बड़ हुई, तो आपके शरीर पर बुरा असर पड़ेगा।”
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