लॉग इन

Platelet-Rich Plasma Therapy : हेयर लॉस का एक प्रभावी समाधान है पीआरपी थेरेपी, जानिए इसके बारे में सब कुछ

एक सीमित मात्रा में बालों का टूटना आम है। परंतु यदि बाल जरुरत से ज्यादा टूटने लगे तो फौरन इसके प्रति ध्यान देना चाहिए। ऐसी स्थिति में पीआरपी आदमियों में गंजेपन से लेकर महिलाओं के पतले और झड़ते बालों ले लिए असरदार रहेगा।
जानिए प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा थेरेपी के बारे में सब- कुछ. चित्र : शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 23 Oct 2023, 09:13 am IST
ऐप खोलें

जीवन शैली में हो रहे बदलाव के कारण विभिन्न प्रकार के लाइफस्टाइल डिसऑर्डर का सामना करना पड़ रहा है। यह केवल ब्लड प्रेशर और डायबिटीज तक सीमित नहीं है। त्वचा और बालों का प्रभावित होना भी कहीं न कहीं इस पर निर्भर करता है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत को नजरअंदाज करते हुए आगे निकलते जा रहे हैं। जिसके कारण समस्याएं लोगों को गंभीर रूप से अपना शिकार बना लेती है। ऐसे ही हेयर फॉल (hair fall) की समस्या है, जिससे ज्यादातर महिलाएं काफी परेशान रहती हैं। हालांकि, एक सीमित मात्रा में बालों का टूटना आम है। परंतु यदि यह बढ़ जाए तो फौरन इसके प्रति ध्यान देना जरूरी है।

हालांकि, हेयर फॉल को कंट्रोल करने के लिए महिलाएं कई सारे घरेलू नुस्खे आजमाती हैं। साथ ही विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं। परंतु ब्यूटी ट्रीटमेंट की दुनिया ने एक नई थेरेपी से लोगों को वाकिफ करवाया है। जिसे हेयर लॉस ट्रीटमेंट के रूप में आजमाया जा रहा है। “पीआरपी” (Platelet-Rich Plasma) की मदद से बालों को टूटने झड़ने से रोका जा सकता है। तो आइए जानते हैं, आखिर पीआरपी (PRP) क्या है? साथ ही जानेंगे यह किस तरह काम करता है।

पहले जानें क्या है “पीआरपी” (Platelet-Rich Plasma)

पीआरपी हेयर लॉस थेरेपी 3 स्टेप का एक मेडिकल ट्रीटमेंट है, जिसके तहत व्यक्ति के खून को निकाल कर प्रोसेस किया जाता है और फिर इसे स्कैल्प में इंजेक्ट कर दिया जाता है। ज्यादातर मेडिकल कम्युनिटी और ब्यूटी ट्रीटमेंट कंपनीज इस बात का दावा करते हैं, कि पीआरपी (PRP) इंजेक्शन प्राकृतिक रूप से बालों के ग्रोथ को ट्रिगर करता है। साथ ही ये हेयर फॉलिकल्स में ब्लड सप्लाई को बढ़ा देता है और बालों को घना और मोटा बनाता है।

बालों का झड़ना रोके। चित्र : शटरस्टॉक

यहां जानें पीआरपी थेरेपी के 3 स्टेप

पीआरपी थेरेपी के 3 स्टेप प्रोसेस होते हैं। इसके अलावा हर 4 से 6 महीने में इसे मेंटेन करवाना पड़ता है।

स्टेप 1 – आमतौर पर पीआरपी प्रोसेस के दौरान आपके बाजू से खून निकालते हैं और उसे मसीन के माध्यम से प्रोसेस किया जाता है।

स्टेप 2 – 10 मिनट के मशीनरी प्रोसेस के बाद आपके ब्लड को 3 लेयर में अलग अलग कर दिया जाता है। प्लेटलेट पुअर प्लाज्मा, प्लेटलेट रिच प्लाजमा और रेड ब्लड सेल्स।

स्टेप 3 – अब प्लेटलेट रिच प्लाजमा को सिरिंज से आपके स्कैल्प के प्रभावित एरिया में इंजेक्ट कर दिया जाता है। यह हेयर ग्रोथ को प्रोमोट करता है।

इन लोगों के लिए काफी फायदेमंद है पीआरपी

यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार पीआरपी आदमियों में गंजेपन से लेकर महिलाओं के पतले और झड़ते बालों ले लिए असरदार होता है।

गंजापन (महिला एवं पुरुष)

मेनोपॉज के दौरान बाल झड़ने और पतले होने पर।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

वो लोग जो लंबे समय से हेयर लॉस की समस्या से परेशान हैं। क्योंकि ऐसे लोगों के हेयर फॉलिकल्स काफी छोटे हो जाते हैं जिसकी वजह से हेयर ग्रोथ सही से नहीं हो पाता।

पीआरपी करवाने का सोच रही हैं तो पहले जान लें ये बातें। चित्र शटरस्टॉक

इस स्थिति में पीआरपी ट्रीटमेंट लेना हो सकता है खतरनाक

हाइपोथाइरॉएडिज्म और हाइपरथाइरॉएडिज्म के कारण भी बाल काफी ज्यादा झड़ते हैं। परंतु इन समस्या से ग्रसित मरीजों को पीआरपी ट्रीटमेंट नहीं लेना चाहिए।

ब्लीडिंग डिसऑर्डर्स, क्लोटिंग डिसऑर्डर, खून का पतला होना और हेपेटाइटिस से ग्रसित हैं तो भूलकर भी पीआरपी ट्रीटमेंट न लें।

स्किन कैंसर या किसी प्रकार का स्कैल्प इनफेक्शन है तो पीआरपी से बचना चाहिए। क्योंकि यह आपकी स्थिति को और ज्यादा खराब कर सकता है।

यह भी पढ़ें : कच्ची मूली खाना बन रहा है गैस का कारण, तो जानिए क्या है इसे खाने का सही तरीका और सही समय

पीआरपी के बारे में जान लें ये महत्वपूर्ण बातें

यदि आपका खून बहुत पतला है या आप हेवी स्मोकर हैं, साथ ही पास्ट में यदि अल्कोहल और ड्रग मिसयूज का कोई केस रहा है। तो आपको पीआरपी नहीं करवानी चाहिए। इसके साथ ही यदि आप पास्ट में किसी प्रकार के क्रॉनिक इन्फेक्शन, कैंसर, क्रॉनिक लिवर और स्किन डिजीज, हाइपोफाइबरिनोजेनीमिया, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर, प्लेटलेट डिस्फंक्शन सिंड्रोम, लो प्लेटलेट काउंट थाइरोइड डिजीज इत्यादि जैसी समस्याओं से पीड़ित रही हैं, तो पीआरपी करवाने का बिल्कुल भी न सोचें। अन्यथा इसके साइड इफेक्ट के तौर पर कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

सबको सूट नहीं करता पीआरपी। चित्र : शटरस्टॉक

अब जानते हैं पीआरपी ट्रीटमेंट के कुछ साइड इफेक्ट

कुछ लोगों को पीआरपी थेरेपी के बाद साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ सकता है।

ब्लड वेसल्स और नर्वस में इंजरी होना।
इंफेक्शन की संभावना बनी रहती है।
इंजेक्शन लगने वाली जगह पर कैलशिफिकेशन होना।
टिशु के डैमेज होने का खतरा बना रहता है।

यह भी पढ़ें : जिम्मेदारियों के बीच भी जरूर निकालें सेल्फ केयर के लिए समय, जानिए कैसे वर्क लाइफ बैलेंस करती हैं विनीता सिंह

अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख